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किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड में बिजली का बुरा हाल; डिबिया, मोमबत्ती और टॉर्च पर निर्भर ग्रामीण

गाँव के बुज़ुर्ग रुकसाना और पूरनलाल शर्मा अपना-अपना मोबाइल फ़ोन लिए पड़ोस के गाँव जा रहे हैं। रुकसाना का मोबाइल स्विच ऑफ होने को है। वह बताती हैं कि पास के फुलवरिया गाँव में कोई 10 रुपए लेकर मोबाइल फुल चार्ज कर देता है, वहीं जाकर वह मोबाइल चार्ज करवाएंगी।

Tanzil Asif is founder and CEO of Main Media Reported By Tanzil Asif |
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a village lady of tedhagachh block waiting for electricity

बिहार के किशनगंज ज़िले का टेढ़ागाछ प्रखंड अनियमित बिजली सप्लाई से परेशान है। प्रखंड भले ही किशनगंज ज़िले का हिस्सा हो, लेकिन यहाँ बिजली की आपूर्ति पड़ोस के अररिया ज़िले से होती है। नौबत ये है कि टेढ़ागाछ प्रखंड के कुछ गाँवों में दस दिनों तक बिजली गुल रहती है, तो कहीं बांस से खम्भों के सहारे बिजली की आपूर्ति हो रही है। स्थानीय लोग बताते हैं कि टेढ़ागाछ प्रखंड की सभी 12 पंचायतों में बिजली आपूर्ति की ऐसी ही दुर्दशा है। घंटों इंतज़ार के बाद जब बिजली आती है तो यही डर लगा रहता है कि दोबारा अचानक बिजली न चली जाए।


बिजली न होने से प्रखंड मुख्यालय का काम भी लगातार प्रभावित होता रहा है। दबी जुबान में प्रखंड स्तर के अधिकारी भी बिजली की लचर व्यवस्था की शिकायतें करते रहते हैं। यहाँ तक कि नीतीश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति गणना के लिए भी प्रखंड में बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। जनरेटर के सहारे जाति गणना का काम निपटाया जा रहा है। बीडीओ सह चार्ज पदाधिकारी गन्नौर पासवान ने फोन के माध्यम से जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री को इसकी सूचना दी है।

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BDO CO ने भी की है शिकायत

8 अगस्त को टेढ़ागाछ प्रखंड विकास प्राधिकारी गन्नौर पासवान और अंचल अधिकारी अजय चौधरी ने बिजली आपूर्ति प्रमंडल, किशनगंज के कार्यपालक अभियंता से इसकी लिखित शिकायत की है। पत्र में लिखा है, “पिछले एक सप्ताह से विशेष कर 36 घंटों से टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत लगातर बिजली की आपूर्ति बाधित रहने से कार्यालय का सामान्य कार्य, RTPS, आपदा, निर्वाचन आदि महत्वपूर्ण कार्यों के निष्पादन में बाधा उत्पन्न हो रही है।”


लेकिन, दूसरी तरफ बिजली विभाग टेढ़ागाछ प्रखंड की हालत से कितना बेखबर है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि 8 अगस्त को करीब 3.30 बजे दिन को जब हमने नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) के किशनगंज कार्यालय से विद्युत अधीक्षण अभियंता (ESE) केवल विकास चंद्र को कॉल किया, तो उनका जवाब था कि फिलहाल टेढ़ागाछ में बिजली की कोई समस्या नहीं है।

दस तीनों तक बिजली गुल

भोराह पंचायत के आदिवासी टोला वार्ड नंबर 3 में शुक्रवार 4 अगस्त को जब हम पहुंचे तो वहां करीब 10 दिनों तक बिजली बाधित थी। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत बिजली विभाग से लेकर प्रखंड के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से की, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। शुक्रवार को ‘मैं मीडिया’ की टीम ग्राउंड रिपोर्ट के लिए भोराह पहुंची और उसी दिन ग्रामीणों ने टेढ़ागाछ बीडीओ गन्नौर पासवान को आवेदन देकर अतिशीघ्र बिजली बहाली की मांग की, जिसके बाद आदिवासी टोले में बिजली सप्लाई की गयी। करीब 300 घरों वाले इस गाँव में दस दिन तक बिजली बाधित रहने से लोग तेल वाली डिबिया, बैटरी वाली टार्च और फ़ोन की लाइट से गुज़ारा करते नज़र आए।

गाँव के बुज़ुर्ग रुकसाना और पूरनलाल शर्मा अपना-अपना मोबाइल फ़ोन लिए पड़ोस के गाँव जा रहे हैं। रुकसाना का मोबाइल स्विच ऑफ होने को है। वह बताती हैं कि पास के फुलवरिया गाँव में कोई 10 रुपए लेकर मोबाइल फुल चार्ज कर देता है, वहीं जाकर वह मोबाइल चार्ज करवाएंगी।

अख्तरी का पति दूसरों के खेत में मज़दूरी कर परिवार चलाता है। परिवार को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए अख्तरी गाँव में छोटा सा एक किराना दुकान चलाती हैं। कमाई बढ़ाने के लिए कुछ महीने पहले उन्होंने दुकान में एक रेफ्रिजरेटर लगा लिया। लेकिन बिजली नहीं रहने से नुकसान ज़्यादा हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में उनका दस हज़ार से ज़्यादा रुपये का सामान बर्बाद हो चुका है।

बांस के खंबे से बिजली सप्लाई

धवैली पंचायत वार्ड नंबर 13 लोधाबाड़ी निवासी संजय मुर्मू प्रवासी मज़दूर हैं। 12 जुलाई को जम्मू से वापस घर आए, लेकिन गाँव में बिजली की हालत देख कर परेशान हैं। वह कहते हैं कि जम्मू में दिन भर बिजली रहती थी, यहाँ 5 मिनट भी रह जाए तो बहुत है। संजय की तरह मुस्तफा भी महीने भर पहले दिल्ली से वापस आए हैं, लेकिन गाँव में बिजली का भी दीदार मुश्किल हो गया है।

सिर्फ अनियमित बिजली सप्लाई ही टेढ़ागाछ में बिजली से संबंधित इकलौती समस्या नहीं है। धवैली पंचायत वार्ड नंबर 13 और बैगना पंचायत वार्ड नंबर 3 जैसे गाँवों में आज भी बांस के खम्भों के सहारे बिजली की आपूर्ति हो रही है। हर साल आंधी तूफ़ान में बांस का खंभा और तार टूट जाता है, तो ग्रामीण चंदा इकठ्ठा कर वापस खंभा गाड़ते हैं।

पलासी पावर ग्रिड

स्थानीय जिला परिषद् सदस्य इमरत आरा के पति मोहम्मद अकमल शम्सी किशनगंज की जगह अररिया जिला से बिजली आपूर्ति होना इस बदहाली की मुख्य वजह मानते हैं।

अररिया ज़िले के पलासी में हाल ही में नया पावर ग्रिड शुरू किया गया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि पलासी से बिजली आपूर्ति शुरू होने के टेढ़ागाछ में बिजली की स्थिति सुधर सकती है। पिछले हफ्ते नए पावर ग्रिड की खबर आम होते ही किशनगंज क्षेत्र के नेता इसका क्रेडिट लेने के लिए पलासी दौड़ पड़े। स्थानीय राजद विधायक मोहम्मद अंज़र नईमी ने पलासी पावर ग्रिड का दौरा कर अपनी कुछ तस्वीरें 3 अगस्त को फेसबुक पर साझा करते हुए लिखा, “एक हफ्ते लाइनिंग किया जाएगा, वहीं एक हफ्ते के बाद हर ग्रिड में बिजली सप्लाई चालू कर दी जाएगी”, लेकिन 8 अगस्त को इस बारे में जब हमने विद्युत अधीक्षण अभियंता से बात की तो उन्होंने और एक हफ्ते का समय बताया।

टेढ़ागाछ के लिए वह एक हफ्ता कब आएगा, वह तो वक़्त ही बता पाएगा, लेकिन जिला पार्षद पति अकमल शम्सी इन आश्वासनों से आश्वस्त नहीं हैं। उनके अनुसार पलासी से अगर सप्लाई शुरू भी हो जाए, तो समस्या का समाधान नहीं होगा।

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तंजील आसिफ एक मल्टीमीडिया पत्रकार-सह-उद्यमी हैं। वह 'मैं मीडिया' के संस्थापक और सीईओ हैं। समय-समय पर अन्य प्रकाशनों के लिए भी सीमांचल से ख़बरें लिखते रहे हैं। उनकी ख़बरें The Wire, The Quint, Outlook Magazine, Two Circles, the Milli Gazette आदि में छप चुकी हैं। तंज़ील एक Josh Talks स्पीकर, एक इंजीनियर और एक पार्ट टाइम कवि भी हैं। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से मीडिया की पढ़ाई और जामिआ मिलिया इस्लामिआ से B.Tech की पढ़ाई की है।

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