Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

मेरे लिए राम, हनुमान, मंदिर, मस्जिद सब कुछ किसान- कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत

किशनगंज बिहार का एकलौता जिला है जहां चाय की खेती होती है। इसको मद्देनज़र रखते हुए बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत शुक्रवार को किशनगंज की चाय फैक्ट्री पहुंचे। कृषि मंत्री ने फरिंगोला स्थित चाय फैक्ट्री का जायज़ा लिया और चाय प्रसंस्करण की बारीकियों को जाना।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :

किशनगंज बिहार का एकलौता जिला है जहां चाय की खेती होती है। इसको मद्देनज़र रखते हुए बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत शुक्रवार को किशनगंज की चाय फैक्ट्री पहुंचे। कृषि मंत्री ने फरिंगोला स्थित चाय फैक्ट्री का जायज़ा लिया और चाय प्रसंस्करण की बारीकियों को जाना। चाय फैक्ट्री को देखने के बाद कुमार सर्वजीत ने मीडियाकर्मियों से बात की। उन्होंने कहा कि जिले में चाय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही इंडस्ट्रियल फीडर की व्यवस्था की जाएगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि उन्हें चाय उद्योग के मालिक द्वारा कहा गया है कि वर्षा के दिनों में इलाके में बिजली कटने की समस्या बढ़ जाती है। इससे चाय के उत्पादन में असर पड़ता है। इस समस्या के निराकरण के लिए यह विचार किया जा रहा है कि यहां इंडस्ट्रियल फीडर की व्यवस्था की जाए। इसके लिए सीएम व डिप्टी सीएम को अवगत करवाया जाएगा।

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि चौथे कृषि रोड मैप में बिजली विभाग भी है। विभाग को भी इस समस्या से अवगत करवाना आवश्यक है । जिले में चाय की खेती वृहद पैमाने पर हो रही है। इसके लिए किसानों को अनुदान पर कौन कौन से यंत्र देने है यह देखा जा रहा है। चाय की खेती में बगान में कौन कौन से यंत्र की उपयोगिता है उस आधार पर उन्हें यंत्र मुहैया कराने का प्रयास रहेगा।


चाय फैक्ट्री मालिकों से मिलने पर कौनसी बातें मुख्य रूप से निकल कर सामने आईं, कृषि मंत्री ने इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “मैं चाय उद्योग मालिकों से मिला। उन्होंने सड़क कनेक्टिविटी को अच्छा बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी और उपमुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया। बिजली की उनकी शिकायत थी कि बरसात के दिनों में बिजली ज़्यादा कटती है। इस बात को हम लोगों ने समझा है। हम चाहते हैं कि किशनगंज में इंडस्ट्रियल फीडर अलग से हो। इसके लिए हम लोग माननीय मुख्यमंत्री और माननीय उप मुख्यमंत्री से बात करेंगे।”

“हम किसान के ”मन की बात’ सुन्ना चाहते हैं”

इसके बाद कुमार सर्वजीत ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज़ करते हुए कहा कि आज कल लोग अपने मन की बात करने में लगे हैं लेकिन हम किसानों के मन की बात सुनना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया की वह किसानों से मिले हैं और उनकी मांगों को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसानों को क्या क्या सहूलियत दी जा सकती है, इस पर विचार विमर्श कर के जल्द काम किया जाएगा।

कृषि मंत्री ने सीमांचल के जिलों के कृषि विभाग के लोगों के साथ बैठक की। बैठक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं किसानों की बात सुन रहा था कि वे क्या चाहते हैं। बैठक में किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया के कृषि विभाग के सारे लोग थे। इसके बाद हम अधिकारियों से मिलेंगे और चर्चा करेंगे कि बिहार के लिए हम क्या कर सकते हैं। मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूँ कि जो किसानों के मन की बात है, वो हम अपने नेतृत्व तक पहुंचाएंगे और जो उनकी डिमांड है, निश्चित तौर पर हम उसको पूरा करेंगे।”

“इस समय किसान सलाहकार संघ की हड़ताल गलत”

बिहार राज्य किसान सलाहकार संघ जनसेवक पद पर समायोजन की मांग को लेकर 6 जून से हड़ताल पर है। इस बारे में कृषि मंत्री ने कहा कि अगर कोई समस्या है तो वे आगे आकर अपनी बातों को रखें। बिना बात किए इस तरह से हड़ताल पर चले जाना सही नहीं है।

“अगर कोई डिपार्टमेंट में अधिकारी हैं, स्टाफ हैं , उनकी क्या मांग है, इस बात से विभागीय मंत्री या प्रधान सचिव को अवगत करना चाहिए। कोई मंत्री या अधिकारी कोई काम करता है तो नियम के तहत ही कर सकता है। सलाहकारों को आना चाहिए था, हमसे मिलकर अपनी बात रखते। ऐसा नहीं होता है कि जब मन चाहे हड़ताल पर चले जाइये, जो बात है मनवा लीजिये। यह किसान के हित का समय है इस समय हड़ताल पर जाना बिलकुल गलत बात है,” कृषि मंत्री ने कहा।

Also Read Story

कटिहार में गेहूं की फसल में लगी भीषण आग, कई गांवों के खेत जलकर राख

किशनगंज: तेज़ आंधी व बारिश से दर्जनों मक्का किसानों की फसल बर्बाद

नीतीश कुमार ने 1,028 अभ्यर्थियों को सौंपे नियुक्ति पत्र, कई योजनाओं की दी सौगात

किशनगंज के दिघलबैंक में हाथियों ने मचाया उत्पात, कच्चा मकान व फसलें क्षतिग्रस्त

“किसान बर्बाद हो रहा है, सरकार पर विश्वास कैसे करे”- सरकारी बीज लगाकर नुकसान उठाने वाले मक्का किसान निराश

धूप नहीं खिलने से एनिडर्स मशीन खराब, हाथियों का उत्पात शुरू

“यही हमारी जीविका है” – बिहार के इन गांवों में 90% किसान उगाते हैं तंबाकू

सीमांचल के जिलों में दिसंबर में बारिश, फसलों के नुकसान से किसान परेशान

चक्रवात मिचौंग : बंगाल की मुख्यमंत्री ने बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा की

“किसी के लिए राम मंदिर सब कुछ है, हमारे लिए किसान है”

उन्होंने आगे कहा, “किसान ही हमारे लिए सब कुछ है। किसी और के लिए राम मंदिर, अयोध्या मंदिर सब कुछ हो सकता है पर हम किसान के बेटे हैं, हमारे लिए किसान ही सब कुछ है। मेरे लिए राम भी वही है हनुमान भी वही है, और कोई भी मंदिर, मस्जिद मेरे लिए किसान ही हैं। हम किसान की ही बात करते हैं। हम किसान को सुविद्याएँ दे रहे हैं और उसमें अगर लोग बाधाएं उत्पन करते हैं तो यह बिहार के किसानों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। हम सब एक परिवार के लोग हैं। इस पर बात कर के, बैठ कर ही निष्कर्ष निकलेगा।”

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

बारिश में कमी देखते हुए धान की जगह मूंगफली उगा रहे पूर्णिया के किसान

ऑनलाइन अप्लाई कर ऐसे बन सकते हैं पैक्स सदस्य

‘मखाना का मारा हैं, हमलोग को होश थोड़े होगा’ – बिहार के किसानों का छलका दर्द

पश्चिम बंगाल: ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सफलता की कहानी लिखते चौघरिया गांव के पवित्र राय

सहरसा: युवक ने आपदा को बनाया अवसर, बत्तख पाल कर रहे लाखों की कमाई

बारिश नहीं होने से सूख रहा धान, कर्ज ले सिंचाई कर रहे किसान

कम बारिश से किसान परेशान, नहीं मिल रहा डीजल अनुदान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?