किशनगंज बिहार का एकलौता जिला है जहां चाय की खेती होती है। इसको मद्देनज़र रखते हुए बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत शुक्रवार को किशनगंज की चाय फैक्ट्री पहुंचे। कृषि मंत्री ने फरिंगोला स्थित चाय फैक्ट्री का जायज़ा लिया और चाय प्रसंस्करण की बारीकियों को जाना। चाय फैक्ट्री को देखने के बाद कुमार सर्वजीत ने मीडियाकर्मियों से बात की। उन्होंने कहा कि जिले में चाय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही इंडस्ट्रियल फीडर की व्यवस्था की जाएगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि उन्हें चाय उद्योग के मालिक द्वारा कहा गया है कि वर्षा के दिनों में इलाके में बिजली कटने की समस्या बढ़ जाती है। इससे चाय के उत्पादन में असर पड़ता है। इस समस्या के निराकरण के लिए यह विचार किया जा रहा है कि यहां इंडस्ट्रियल फीडर की व्यवस्था की जाए। इसके लिए सीएम व डिप्टी सीएम को अवगत करवाया जाएगा।
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि चौथे कृषि रोड मैप में बिजली विभाग भी है। विभाग को भी इस समस्या से अवगत करवाना आवश्यक है । जिले में चाय की खेती वृहद पैमाने पर हो रही है। इसके लिए किसानों को अनुदान पर कौन कौन से यंत्र देने है यह देखा जा रहा है। चाय की खेती में बगान में कौन कौन से यंत्र की उपयोगिता है उस आधार पर उन्हें यंत्र मुहैया कराने का प्रयास रहेगा।
चाय फैक्ट्री मालिकों से मिलने पर कौनसी बातें मुख्य रूप से निकल कर सामने आईं, कृषि मंत्री ने इस बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “मैं चाय उद्योग मालिकों से मिला। उन्होंने सड़क कनेक्टिविटी को अच्छा बनाने के लिए मुख्यमंत्री जी और उपमुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया। बिजली की उनकी शिकायत थी कि बरसात के दिनों में बिजली ज़्यादा कटती है। इस बात को हम लोगों ने समझा है। हम चाहते हैं कि किशनगंज में इंडस्ट्रियल फीडर अलग से हो। इसके लिए हम लोग माननीय मुख्यमंत्री और माननीय उप मुख्यमंत्री से बात करेंगे।”
“हम किसान के ”मन की बात’ सुन्ना चाहते हैं”
इसके बाद कुमार सर्वजीत ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज़ करते हुए कहा कि आज कल लोग अपने मन की बात करने में लगे हैं लेकिन हम किसानों के मन की बात सुनना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया की वह किसानों से मिले हैं और उनकी मांगों को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसानों को क्या क्या सहूलियत दी जा सकती है, इस पर विचार विमर्श कर के जल्द काम किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने सीमांचल के जिलों के कृषि विभाग के लोगों के साथ बैठक की। बैठक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं किसानों की बात सुन रहा था कि वे क्या चाहते हैं। बैठक में किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया के कृषि विभाग के सारे लोग थे। इसके बाद हम अधिकारियों से मिलेंगे और चर्चा करेंगे कि बिहार के लिए हम क्या कर सकते हैं। मैं पूरे भरोसे के साथ कह सकता हूँ कि जो किसानों के मन की बात है, वो हम अपने नेतृत्व तक पहुंचाएंगे और जो उनकी डिमांड है, निश्चित तौर पर हम उसको पूरा करेंगे।”
“इस समय किसान सलाहकार संघ की हड़ताल गलत”
बिहार राज्य किसान सलाहकार संघ जनसेवक पद पर समायोजन की मांग को लेकर 6 जून से हड़ताल पर है। इस बारे में कृषि मंत्री ने कहा कि अगर कोई समस्या है तो वे आगे आकर अपनी बातों को रखें। बिना बात किए इस तरह से हड़ताल पर चले जाना सही नहीं है।
“अगर कोई डिपार्टमेंट में अधिकारी हैं, स्टाफ हैं , उनकी क्या मांग है, इस बात से विभागीय मंत्री या प्रधान सचिव को अवगत करना चाहिए। कोई मंत्री या अधिकारी कोई काम करता है तो नियम के तहत ही कर सकता है। सलाहकारों को आना चाहिए था, हमसे मिलकर अपनी बात रखते। ऐसा नहीं होता है कि जब मन चाहे हड़ताल पर चले जाइये, जो बात है मनवा लीजिये। यह किसान के हित का समय है इस समय हड़ताल पर जाना बिलकुल गलत बात है,” कृषि मंत्री ने कहा।
Also Read Story
“किसी के लिए राम मंदिर सब कुछ है, हमारे लिए किसान है”
उन्होंने आगे कहा, “किसान ही हमारे लिए सब कुछ है। किसी और के लिए राम मंदिर, अयोध्या मंदिर सब कुछ हो सकता है पर हम किसान के बेटे हैं, हमारे लिए किसान ही सब कुछ है। मेरे लिए राम भी वही है हनुमान भी वही है, और कोई भी मंदिर, मस्जिद मेरे लिए किसान ही हैं। हम किसान की ही बात करते हैं। हम किसान को सुविद्याएँ दे रहे हैं और उसमें अगर लोग बाधाएं उत्पन करते हैं तो यह बिहार के किसानों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। हम सब एक परिवार के लोग हैं। इस पर बात कर के, बैठ कर ही निष्कर्ष निकलेगा।”
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।