नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश होने से किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड की 12 पंचायतों में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।
दरअसल ज़िले से होकर बहनेवाली महानंदा, कनकई, डोंक, मेची और रतुआ नदियां भारी बारिश के चलते उफान पर हैं। भारी बारिश से जिले के चार प्रखंड बुरी तरह से प्रभावित हैं।
Also Read Story
टेढ़ागाछ प्रखंड की बात करें, तो इस इलाके से होकर बहने वाली कनकई, गौरैया व रेतुआ नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। इससे लोग डरे हुए हैं और रतजगा कर रहे हैं। टेढ़ागाछ की मुख्य सड़कों से होकर बाढ़ का पानी गुजर रहा है। कई जगहों पर सड़क व पुल-पुलिया पूरी तरह से ध्वस्त हो गये हैं, जिससे आवागमन बाधित है।
नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई पंचायतों का संपर्क टेढ़ागाछ प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है, कई जगह पर प्रधानमंत्री सड़क सहित पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। टेढ़ागाछ प्रखंड की 12 पंचायतों में 24 अक्टूबर को ग्राम पंचायत चुनाव होना है। ऐसे में प्रशासन के लिए चिंता की बात ये है कि चुनाव आखिर होगा कैसे। क्योंकि अभी चुनाव में चार दिन ही बचे हैं और इतने दिनों में जलस्तर घटने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
ADM ब्रजेश कुमार ने कहा,
“टेढ़ागाछ प्रखण्ड की स्थिति भयावह है। हमारे अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर बनाये हुए हैं।”
उन्होंने कहा कि चुनाव करवाना संवैधानिक दायित्व है, मतदानकर्मियों को बूथों तक भेजने की जवाबदेही जिला प्रशासन की है। उन्होंने दावा किया कि हर हाल में निष्पक्ष, स्वच्छ और शांतिपूर्ण वातावरण में चुनाव सम्पन्न करवाया जाएगा।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।
