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किशनगंज में हाथियों का उत्पात जारी, मंत्री के आश्वासन के बावजूद समाधान नहीं

Md Akil Alam Reported By Md Akil Aalam |
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किशनगंज के दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र के सीमावर्ती धनतोला के मुलाबारी सहित अन्य गांवों में हाथियों का उत्पात रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। शनिवार की देर रात से रविवार की अहले सुबह तक हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। हाथियों ने कई कच्चे घरों और फसलों को बर्बाद कर दिया। हाथियों के डर से लोग रात भर जगे रहे।

हाथियों का झुंड शनिवार की देर रात धनतोला के मोहमारी गांव में घुस गया और मंगल मुर्मू सहित परिवारों के कच्चे घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। रात करीब 12 बजे हाथी गांव में घुसे थे। लोग उस वक्त सो रहे थे। हाथियों के अचानक गांव में आने से भगदड़ की स्थिति बन गयी। किसी तरह लोगों ने अपने स्तर से बचाव करते हुए अपने अपने घरों के सामने अलाव जलाकर तथा शोर मचाकर हाथियों को भगाने का प्रयास किया। हाथियों के झुंड ने धनतोला के मोहमारी में रात भर उत्पात मचाया। इसके बाद हाथियों ने खेतों का रुख किया और दिन भर खेतों में लगी फसलों को बर्बाद किया।

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नवम्बर से ही डेरा जमाए हुए हैं हाथी

हाथियों के झुंड पिछले साल नवम्बर से इस तरफ देखे जा रहे हैं। हाथियों ने प्रखंड की अलग अलग पंचायतों में उत्पात मचाया और बीते 17 मार्च से यह झुंड धनतोला पंचायत के अलग अलग गांव में लगातार उत्पात मचा रहा है। लोगों ने बताया कि हाथियों ने अबतक सैकड़ों एकड़ फसल और दर्जनों घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है।


हाथियों को भगाने और किसानों को मुआवजा देने को लेकर विधायक सउद आलम ने ग्रामीणों, वन विभाग व अंचलाधिकारी के साथ बीते 14 अप्रैल को एक बैठक की थी। लेकिन, बैठक के बाद भी अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है। न तो वन विभाग हाथियों को भगा पाया है और न ही अभी तक किसी को कोई मुआवजा मिला है।

 thakurganj mla saud alam in dighalbank

बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने भी पिछले दिनों कहा था कि वह हाथियों से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए समाधान ढूंढेंगे। किसानों को मुआवजा देने की भी बात कही थी लेकिन इस दिशा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

bihar agriculture minister amrendra pratap singh

धान की बुवाई को लेकर किसान चिंतित

मक्का के बाद अब धान की खेती के लिए बीज तैयार करने का सीजन है। लेकिन हाथियों के बढ़ते उत्पात को देखते हुए किसान बुआई को लेकर खासा चिंतित हैं। धनतोला के घनश्याम सिंह, निर्मल कुमार, कुंज बिहारी ने कहा कि मक्के की फसल तो बर्बाद हो गई। “अब धान के बीज की बुआई का समय हो चुका है, पर हाथियों के डर से हम खेतों में जाने से डरते हैं। यही कारण है कि हमने हाथियों के डर से खेतों में जाना भी छोड़ दिया है,” किसानों ने बताया।

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वृद्ध की गई जान, सरकारी स्कूल को नुकसान

बीते 8 अप्रैल को हाथियों के झुंड ने धनतोला पंचायत के बिहारटोला स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनतोला में भी नुकसान पहुंचाया। हाथियों ने विद्यालय की खिड़की, मेन गेट, पक्की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया था।

9 मार्च को हाथियों ने उत्पात मचाते हुए धनतोला में एक घर को तोड़ दिया था, जिसके मलबे में दबने से एक वृद्ध महिला की मौत हो गई थी। जबकि मक्के की सिंचाई कर रहा एक युवक इस हमले में जख्मी हो गया था, जिसका इलाज जारी है।


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Md Akil Alam is a reporter based in Dighalbank area of Kishanganj. Dighalbank region shares border with Nepal, Akil regularly writes on issues related to villages on Indo-Nepal border.

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