Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

सीमांचल में बढ़ रहा हाथियों का उत्पात, घरों और फसलों को पहुंचा रहे नुकसान

किशनगंज में हाथियों का उत्पात जारी है। सोमवार की अहले सुबह हाथियों के झुंड ने जिले की दिघलबैंक पंचायत अंतर्गत रामपुर काॅलोनी बस्ती में उत्पात मचाया। हाथियों ने रामपुर काॅलोनी के लखीराम सोरेन, बुध रॉय, राजू दास, लक्ष्मी देवी सहित कुल छह परिवारों के कच्चे घरों को तोड़ दिया है जबकि घर अंदर रखा अनाज जिसमें चावल, धान, सब्जी आदि को बर्बाद कर दिया। हाथियों ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाया।

Md Akil Alam Reported By Md Akil Aalam |
Published On :

किशनगंज (Kishanganj News) में हाथियों का उत्पात जारी है। सोमवार की अहले सुबह हाथियों के झुंड ने जिले की दिघलबैंक (Dighalbank News) पंचायत अंतर्गत रामपुर काॅलोनी बस्ती में उत्पात मचाया। हाथियों ने रामपुर काॅलोनी के लखीराम सोरेन, बुध रॉय, राजू दास, लक्ष्मी देवी सहित कुल छह परिवारों के कच्चे घरों को तोड़ दिया है जबकि घर अंदर रखा अनाज जिसमें चावल, धान, सब्जी आदि को बर्बाद कर दिया। हाथियों ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाया।

Elephants in village Kishanganj

एक किसान ने बताया कि अब तक कई बार हाथियों ने घर और फसल बर्बाद कर दिया, लेकिन न तो सरकार ने मुआवजा दिया और न ही कभी मुआयना करने आया।

Also Read Story

कटिहार में गेहूं की फसल में लगी भीषण आग, कई गांवों के खेत जलकर राख

किशनगंज: तेज़ आंधी व बारिश से दर्जनों मक्का किसानों की फसल बर्बाद

नीतीश कुमार ने 1,028 अभ्यर्थियों को सौंपे नियुक्ति पत्र, कई योजनाओं की दी सौगात

किशनगंज के दिघलबैंक में हाथियों ने मचाया उत्पात, कच्चा मकान व फसलें क्षतिग्रस्त

“किसान बर्बाद हो रहा है, सरकार पर विश्वास कैसे करे”- सरकारी बीज लगाकर नुकसान उठाने वाले मक्का किसान निराश

धूप नहीं खिलने से एनिडर्स मशीन खराब, हाथियों का उत्पात शुरू

“यही हमारी जीविका है” – बिहार के इन गांवों में 90% किसान उगाते हैं तंबाकू

सीमांचल के जिलों में दिसंबर में बारिश, फसलों के नुकसान से किसान परेशान

चक्रवात मिचौंग : बंगाल की मुख्यमंत्री ने बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा की

Elephant farmers

ग्रामीणों की मानें तो हाथियों का झुंड जैसे ही गाँव में घुसा, लोग एहतियातन घरों से बाहर निकल गये और दूर से घरों को बर्बाद होता देखते रहे। घरों को नष्ट करने के बाद हाथियों का झुंड सुबह होते होते नेपाल की तरफ निकल गया। इससे पहले हाथियों ने रविवार को इंडो नेपाल सीमा पर दिनभर खेतों में डेरा जमाए रखा। हाथियों को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।


एक अन्य किसान शाहिद अली ने कहा, “हाथियों के आने पर वे जैसे तैसे बच्चे को लेकर घर से भागे। थोड़ी देर हो जाती तो हाथियों ने मेरे बच्चे को कुचल दिया होता।”

Shahid Ali farmer

फिलवक्त हाथियों के इस तरह अचानक आने से धनतोला सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में लोग सकते में हैं।

उल्लेखनीय हो कि इस इलाके में हाथी अक्सर उत्पात मचाते हैं। पिछले दिनों हाथियों ने सूरी भीटा में भी जमकर उत्पात मचाया था और कई घरों को तोड़ डाला था। स्थानीय लोगों ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र पिछले कुछ सालों से हाथियों का बसेरा बन गया है, जहां कच्चे घर सहित फसलों को हाथियों द्वारा बर्बाद कर दिया जाता है। पिछले साल हाथियों के कुचलने से दो लोगों की मौत भी हो गई थी।

पिछले दिनों बारहभांगा में भी हाथियों ने जबरदस्त उत्पात मचाया था। स्थानीय निवासी आयस अली ने बताया, “दो बजे भोर हाथियों का झुंड आया था। आवाज सुनकर हमलोग जाग गये और घर छोड़कर भागे।”

Ayaas Ali farmer

पिछले दिनों ही हुए हाथियों के हमले की घटना को याद करते हुए धनतोला पंचायत के एक बुजुर्ग कहते हैं, “हंगामा सुनकर मैं उठा और पड़ोस में ही एक घर के पास से हाथियों को देखने लगा। तभी बांस के झाड़ के पास काफी हलचल होने लगी। मैंने घर पर सबको जगाया और यहाँ से दूर भगाया।”

वे आगे कहते हैं, “हाथियों के चीखने की तेज़ आवाज़ आई। सबलोग जमा हुए और आग व धुएं की मदद से हाथियों को भगाने की बहुत कोशिश की, लेकिन हाथी नहीं भागे। एक घंटे तक 2-3 हाथी उत्पात मचाते रहे। उनमें एक हाथी का बच्चा भी था।”

Elephant old villager

लोगों का कहना है कि अक्सर हाथियों का झुंड उत्पात मचा देता है, लेकिन प्रशासन कभी जानने नहीं आता है कि कितना नुकसान हुआ है।

दिलचस्प बात है कि दक्षिण भारतीय राज्यों और पूर्वोत्तर में हाथियों के हमले के आंकड़े सरकार के पास मौजूद हैं, लेकिन नेपाल और उत्तर बंगाल से सटे सीमांचल में बढ़ रहे हाथियों के उत्पात को लेकर कोई आंकड़ा केंद्र सरकार के पास नहीं है।

जानकारों का कहना है कि नेपाल और उत्तर बंगाल से सटे होने के चलते ही सीमांचल में भी हाथियों के हमले बढ़ रहे हैं।

Elephant village data

पिछले साल एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकारों ने बताया था कि पिछले सात सालों में हाथियों के हमले में देशभर में 3310 लोगों की मौत हुई है। देशभर में हाथियों की संख्या लगभग 27312 है।

जानकारों का कहना है कि चूंकि हाथियों का ठिकाना मानव आबादी के आसपास होता है इसलिए अक्सर हाथी लोगों के घरों की तरफ आ जाते हैं और जान-माल को नुकसान पहुंचाते हैं।

इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए अररिया- किशनगंज के डीएफओ नरेश प्रसाद को “मैं मीडिया” ने फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Md Akil Alam is a reporter based in Dighalbank area of Kishanganj. Dighalbank region shares border with Nepal, Akil regularly writes on issues related to villages on Indo-Nepal border.

Related News

बारिश में कमी देखते हुए धान की जगह मूंगफली उगा रहे पूर्णिया के किसान

ऑनलाइन अप्लाई कर ऐसे बन सकते हैं पैक्स सदस्य

‘मखाना का मारा हैं, हमलोग को होश थोड़े होगा’ – बिहार के किसानों का छलका दर्द

पश्चिम बंगाल: ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सफलता की कहानी लिखते चौघरिया गांव के पवित्र राय

सहरसा: युवक ने आपदा को बनाया अवसर, बत्तख पाल कर रहे लाखों की कमाई

बारिश नहीं होने से सूख रहा धान, कर्ज ले सिंचाई कर रहे किसान

कम बारिश से किसान परेशान, नहीं मिल रहा डीजल अनुदान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?

सुपौल: घूरन गांव में अचानक क्यों तेज हो गई है तबाही की आग?