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बरसात के मौसम में स्कूल नहीं जाते इस गांव के बच्चे

किसी की शादी होती है तो बारातियों और बाकी मेहमानों को अपनी गाड़ियां लगभग एक किलोमीटर पहले मुख्य सड़क पर छोड़ देना पड़ता है।

shah faisal main media correspondent Reported By Shah Faisal | Kishanganj |
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सीमांचल के बेरागाछ गांव में जब किसी की शादी होती है तो बारात को लगभग एक किलोमीटर पहले ही गाड़ियां छोड़ देनी पड़ती है, बीमार को अस्पताल ले जाने के लिए चार कधों पर खटिया चढ़ा कर एम्बुलेंस बना लिया जाता है, बरसात में लगभग तीन महीने के लिए गांव के प्राथमिक स्तर के बच्चों की स्कूल छूट जाती है।

डोंक नदी के किनारे बसे हज़ारों की आबादी वाले बेरागाछ गांव, जो किशनगंज जिले के पोठिया के बुधरा पंचायत वार्ड संख्या 11 के अंतर्गत आता है, नदी के किनारे पगडण्डी नुमा पथ इस गांव में जाने के लिए एक मात्र सड़क है।

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गांव का नदीम पांचवी कक्षा का छात्र है, वह बताता है कि बरसात के दिनों में उसका स्कूल छूट जाता है।


गांव की सड़क की बदहाली बयां करने अंजिला बेगम खुद हमारे पास आ गई और कहने लगी हम भी बात करेंगे, आगे उन्होंने बताया कि उनकी शादी के 40 साल बाद भी उनका यह गांव जंगली इलाका जैसा बन कर रह गया है।

हाजी नसरुद्दीन बताते हैं कि पक्की सड़क नहीं होने के कारण यहाँ कोई रिश्तेदारी नहीं करना चाहता है, अगर किसी की शादी होती है तो बारातियों और बाकी मेहमानों को अपनी गाड़ियां लगभग एक किलोमीटर पहले मुख्य सड़क पर छोड़ देना पड़ता है।

गांव में खेती किसानी कर रहे तारिक अनवर को बच्चों की पढाई की चिंता है। वह बताता है कि सड़क कच्ची रहने के कारण बच्चों को सुरक्षा कारणों से स्कूल नहीं भेजा जाता है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मैं मीडिया की टीम ने गांव के लोगों को बिहार लोक शिकायत की जानकरी देते हुए इस सड़क के लिए परिवाद यानी कम्प्लेन दायर करने का तरीका बताया। साथ ही परिवाद दायर करने के लिए जारी टोलफ्री नंबर पर कॉल करा कर कम्प्लेन भी दर्ज करवाया।

आपको बता दें कि बिहार सरकार राज्य में प्रशासनिक सुधार के लिए तीन स्तरीय लोक शिकायत निवारण केंद्र खोल रखा है। राज्य की लगभग सभी योजनाओं से संबंधित किसी भी कम्प्लेन के लिए लोग यहाँ आवेदन कर सकते हैं। यहाँ सुनवाई होती है और 60 दिनों के अंदर अंतिम फैसला भी सुनाया जाता है, अगर कोई शख्स, सुनाये गए अंतिम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो वह प्रथम अपील और उसके बाद फिर द्वितीय अपील भी दायर कर सकते हैं। साथ ही जान लीजिये की सुनवाई में शिकायतकर्ता को जाना जरूरी नहीं होता है, लेकिन अपने पक्ष को मजबूती से रखने के लिए कम से कम एक सुनवाई में जरूर जाना चाहिए।

अगर आप भी किसी योजना या समस्या के समाधान के लिए कम्प्लेन करना चाहते हैं, तो बिहार लोक शिकायत निवारण की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या फिर छुट्टी के दिनों को छोड़कर सुबह 09:30 बजे से शाम 06:30 बजे के बीच टोल फ्री नं. 1800 345 6284 पर कॉल कर कम्प्लेन दर्ज किया जा सकता है

बेरागाछ की इस सड़क की सुनवाई लोक शिकायत में चल रही हैं।

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Shah Faisal is using alternative media to bring attention to problems faced by people in rural Bihar. He is also a part of Change Chitra program run by Video Volunteers and US Embassy. ‘Open Defecation Failure’, a documentary made by Faisal’s team brought forth the harsh truth of Prime Minister Narendra Modi’s dream project – Swacch Bharat Mission.

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