किशनगंज के माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में साइबर अटैक का मामला सामने आया है। सूचना के अनुसार एम.जी.एम मेडिकल कॉलेज के सेंट्रल रजिस्ट्रेशन विभाग के मुख्य सर्वर को अज्ञात हैकर ने हैक कर पिछले एक साल का डाटा चोरी कर लिया। संस्था के अधिकारी किसी भी कंप्यूटर पर डाटा एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं।
एम.जी.एम के आई टी मैनेजर आरोही कुमार ने बताया के शुक्रवार शाम करीब 4 बजे एम.जी.एम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सारे कंप्यूटर से डाटा गायब हो गया। एम.जी.एम के आई टी मैनेजर ने बताया, “मुख्य सर्वर हैक करने का मतलब होता है सारा डाटा को ब्लॉक कर देना, हम अस्पताल के किसी भी डाटा को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं। इससे अस्पताल का काम बहुत धीमा हो गया है। कौन सा मरीज़ कब और कहाँ भर्ती है, उसकी जांच में क्या आया है, उसने कितने पैसे जमा किए, इस तरह की सारी जानकारी मुख्य सर्वर में स्टोर होता है। इसके इलावा दवाओं और दूसरी ज़रूरतों की चीज़ें मरीज़ों को सॉफ्टवेयर को द्वारा ही ईशू की जाती हैं।”
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“हैकर ने डाटा को एन्क्रिप्ट किया है, हम इस प्रयास में लगे हैं के उसे डिक्रिप्ट किया जाए ताकि हम पुराने डाटा को दोबारा से इस्तेमाल कर सकें। इसके लिए हमने अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी को निवेदन भेजा है। आशा है के इस पर हमें सफलता मिलेगी।” आरोही कुमार ने आगे कहा।
मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आये सभी मरीजों के एडमिट से लेकर इलाज तक का सारा डेटा हैकर्स ने ब्लॉक कर दिया है। मामले की जानकारी देते हुए संस्थान के रजिस्ट्रार डॉ. इक्षित भारत ने कहा कि चार नवंबर को शाम चार बजकर तीस मिनट में आईटी मैनेजर का फोन आया कि मेडिकल कॉलेज के सर्वर को हैक कर लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल कॉलेज के पिछले एक साल के डेटा को हैक कर लिया है और हैकर डाटा लौटाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है, जिसकी लिखित सूचना किशनगंज के एसपी को दिया गया है। डॉ इक्षित भारत ने बताया कि किसी संस्थान के लिए डाटा काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल मेडिकल कमीशन सभी को डेटा उपलब्ध करवाना पड़ता है।
डॉ. इक्षित भारत ने कहा, “हैकर ने पिछले एक साल का लगभग तीन लाख डाटा हैक कर लिया है। मेडिकल कॉलेज में लगे किसी भी कंप्यूटर को चालू करते ही एक मैसेज मिल रहा है कि आप इस ई मेल आईडी पर फिरौती की रकम देने की बात करें, तभी आपको अपने सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाएगी और हैक किया हुआ सारा डाटा आपको लौटाई जाएगी।”
मेडिकल कॉलेज के प्रशासन के द्वारा कॉलेज के सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर कंपनी क्रैक सॉफ्ट कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई से संपर्क करने पर उन्होंने भी इसे साइबर अटैक बताया है।
रजिस्ट्रार ने कहा कि ये डाटा इतना महत्वपूर्ण होता है कि इसे वापस लेने के लिए संस्थान फिरौती देने तक को तैयार हो जाते हैं।
ज्ञात हो की भाजपा एमएलसी डॉ. दिलीप जायसवाल माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निदेशक हैं।
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