गलगलिया-अररिया नई रेललाइन के निर्माण हेतु भू-अर्जन की प्रक्रिया ज़ोरो पर है।
दिसंबर 2023 तक अररिया-गलगलिया रेलवे लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का डेडलाइन जारी हुआ है। इसके साथ ही रेलवे लाइन को लेकर दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र में कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
इसी के मद्देनजर बुधवार को डीएम श्रीकांत शास्त्री ने दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र के लक्ष्मीपुर और सरदार बस्ती पदमपुर का दौरा किया, जहां स्थानीय लोगों द्वारा कार्य को रोके जाने की शिकायतों से अवगत होते हुए मुआवजे की राशि को लेकर ग्रामीणों से बात की। डीएम ने ग्रामीणों से कहा कि रेलवे के कार्य को न रोकें, जो भी समस्या है, उसका जल्द समाधान कर लिया जाएगा। बता दें कि इस नई रेल लाईन की लंबाई 110 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण कार्य में 2132 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
एलपीसी की समस्या को लेकर दो दिन के अंदर सभी लाभर्थियों का एलपीसी निर्गत करने का निर्देश दिया। दिघलबैंक प्रखंड के लक्ष्मीपुर और पदमपुर अंतर्गत सरदार बस्ती के नजदीक निर्माणाधीन न्यू रेलवे जीबी लाइन में अधिग्रहित भूमि के मुआवज़े की मांग पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अवरोध उत्पन्न किया जा रहा था।
इसको लेकर लक्ष्मीपुर एवं पदमपुर पंचायत में न्यू जीबी रेलवे लाइन अररिया-गलगलिया के निर्माण हेतु चिन्हित भूमि पर अतिक्रमण, कलवर्ट निर्माण को लेकर कई दिनों से कार्य बाधित है। बुधवार को दोनों स्थलों का निरीक्षण के लिए किशनगंज जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री दिघलबैंक पहुंचे। उनके साथ जिला भू अर्जन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, राजस्व पदाधिकारी दिघलबैंक के साथ साथ रेलवे के पदाधिकारी भी उपस्थिति रहे। श्रीकांत शास्त्री ने स्थानीय ग्रामीण से वार्ता कर वस्तुस्थिति के निराकरण के लिए रेलवे के पदाधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। तत्पश्चात ग्रामीण कार्य सुचारू रूप से चलने देने पर सहमत हो गए।
सभी पदाधिकारियों द्वारा मौके पर स्थानीय ग्रामीणों समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि व अन्य से बातचीत कर समस्या का निराकरण किया गया और प्रोजेक्ट को निर्बाध जारी रखने के निर्देश दिए गए। साथ ही साथ रेलवे के पदाधिकारियों को ग्रामीणों द्वारा उठाए गए बिंदुओं के समाधान के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
Also Read Story
दिघलबैंक प्रखंड के 22 मौजा में भू अर्जन का कार्य चल रहा है। इस प्रखंड में करीब 486 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना था, जिसमें कुछ महीने पहले लगभग 460 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर रेलवे को हैंडओवर कर दिया गया था । शेष बची कुछ ज़मीन पर मुआवज़े की रकम की प्राप्ति न होने पर विवाद था, जिसका हल अब निकलता दिख रहा है।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।