Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

लेटलतीफी से अररिया-गलगलिया रेल प्रोजेक्ट की लागत में चार गुना उछाल

उत्तर-पूर्वी बिहार ही नहीं, बल्कि उत्तर बंगाल से लेकर सुदूर पूर्वोत्तर भारत के लिए वैकल्पिक रेल रूट के रूप में अररिया- गलगलिया (ठाकुरगंज) रेल लाइन को विकसित किया जाना था, लेकिन इस प्रोजेक्ट का काम इतना धीमा है कि 14 साल में भी संतोषजनक काम नहीं हुआ है। अलबत्ता, इस प्रोजेक्ट की लागत में चार गुना इजाफा जरूर हो गया है।

Reported By Arvind Agarwal |
Published On :
araria galgalia railway project

उत्तर-पूर्वी बिहार ही नहीं, बल्कि उत्तर बंगाल से लेकर सुदूर पूर्वोत्तर भारत के लिए वैकल्पिक रेल रूट के रूप में अररिया-गलगलिया (ठाकुरगंज) रेल लाइन (Araria Galgalia Rail Line) को विकसित किया जाना था, लेकिन इस प्रोजेक्ट का काम इतना धीमा है कि 14 साल में भी संतोषजनक काम नहीं हुआ है। अलबत्ता, इस प्रोजेक्ट की लागत में चार गुना इजाफा जरूर हो गया है।


इस प्रोजेक्ट को मार्च 2011 तक इसे पूरा कर लिया जाना था। रेलवे बोर्ड के डाक्यूमेंट्स के अनुसार इस प्रोजेक्ट की लागत 530 करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर 2145 करोड़ रुपए हो गई है।

Also Read Story

पटना में वक्फ संपत्ति विवाद: ‘पूरा गांव’ नहीं, 21 डिसमिल जमीन का मामला है

जन सुराज ने बिना सहमति के जिला कार्यवाहक समिति में डाले नेताओं के नाम

जहानाबाद के सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में क्यों मची भगदड़

शराब मिली 600 एमएल, जुर्माना लगाया 8 लाख रुपये!

कटिहार: बारसोई गोलीकांड के एक साल बाद न कोई गिरफ्तारी, न कोई मुआवज़ा

कौन हैं बिहार में 65% आरक्षण ख़त्म करने के लिये हाईकोर्ट जाने वाले याचिकाकर्ता?

क्या जाति केंद्रित हॉस्टलों के वर्चस्व की लड़ाई में हुई पटना यूनिवर्सिटी के छात्र हर्ष की हत्या?

सरकारी स्कूलों में तय मानक के अनुरूप नहीं हुई बेंच-डेस्क की सप्लाई

हिन्दी अख़बार ‘स्वदेश’ की लापरवाही, कथित आतंकी की जगह पर लगा दी AIMIM नेता की तस्वीर

araria galgalia railway project

रेलवे बोर्ड (वर्क्स) के एक वरीय अधिकारी बताते हैं कि प्रोजेक्ट लागत में बढ़ोतरी के बाद अतिरिक्त राशि आवंटन के लिए 2022-23 के बजट में प्रस्ताव भेजा गया है। उक्त अधिकारी ने बताया, “अब इस परियोजना को रेलवे बोर्ड प्राथमिकता देते हुए पूरा करने की कोशिश कर रहा है। इस वर्ष के बजट में इस प्रोजेक्ट को 400 करोड़ रूपयो का आवंटन किया गया है।”


एनएफ (उत्तरी सीमांत) रेलवे तथा एनएफ रेलवे (कंस्ट्रक्शन) के जीएम एस शर्मा ने बताया, “प्रोजेक्ट में कार्य की प्रगति संतोषजनक है। लॉकडाउन व बारिश के कारण काम प्रभावित हुआ। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट को मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।”

लालू यादव के रेलमंत्री रहते अररिया-गलगलिया रेल प्रोजेक्ट को मिली थी मंजूरी

पूर्वोत्तर भारत को सीमांचल-मिथिलांचल के रास्ते दिल्ली और अन्य राज्यों से जोड़ने वाली इस परियोजना को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने वित्त वर्ष 2006-07 के बजट में स्वीकृति दी थी। तत्कालीन सांसद तस्लीमुद्दीन (Taslimuddin) के प्रयासों से इस प्रोजेक्ट का सर्वे भी पूरा हुआ था।

Lalu Taslimuddin

केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को पीपीपी (सरकारी व निजी कंपनी की साझेदारी) अंतर्गत पूरा करना चाहती थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब करीब 94% भूमि अधिग्रहण होने के बाद प्रोजेक्ट के कार्य में तेजी देखी जा रही है। ये प्रोजेक्ट कितना अहम है, इसका पता इससे भी लग जाता है कि केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को सामरिक महत्व की परियोजना घोषित किया है।

इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 11 नये स्टेशन भोगडावर, कादो गांव हाॅल्ट, पौआखाली, तुलसिया, बीबीगंज, टेढ़ागाछ हाल्ट, कलियागंज, बरधा हाल्ट, लक्ष्मीपुर, खवासपुर, बांसबाड़ी और रहमतपुर बनाये जाएंगे।

araria galgalia railway project stations

प्रोजेक्ट में प्रस्तावित रेलवे स्टेशन रहमतपुर से एक लाइन अररिया कोर्ट व एक लाइन अररिया स्टेशन की ओर जाएगी। अररिया कोर्ट वाली लाइन पूर्णिया जंक्शन के रास्ते कटिहार से जुड़ेगी। वहीं, अररिया स्टेशन वाली लाइन जोगबनी के रास्ते विराटनगर (नेपाल) तक को जोड़ेगी।

क्यों जरूरी है ये वैकल्पिक अररिया-गलगलिया रेल लाइन

बरौनी-कटिहार-गुवाहाटी रेलमार्ग को वैकल्पिक मार्ग क्यों चाहिए, इसे दो घटनाओं से समझा जा सकता है। पहली घटना सितंबर 2011 की है। कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी मेन लाइन पर मांगुरजान स्टेशन के पास एक पेट्रोलियम पदार्थ ले जा रही मालगाड़ी के 20 डिब्बों में आग लग गई थी। उस दौरान लंबे समय तक राजधानी सहित अन्य सभी ट्रेनों को वैकल्पिक रूट सिलीगुड़ी जंक्शन ठाकुरगंज अलुआबाड़ी रोड होकर डायवर्ट किया गया था। अगर, वैकल्पिक रूट न होता, तो पूरे भारत का रेल संपर्क पूर्वोत्तर भारत से टूटा रहता। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि तब सिलीगुड़ी जंक्शन-ठाकुरगंज-अलुआबाड़ी रोड सेक्शन का आमान परिवर्तन कुछ महीने पहले ही पूरा हो गया था।

Araria Galgalia Railway Project

दूसरी घटना वर्ष अगस्त 2017 की है, जब भीषण बाढ़ के कारण कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी सेक्शन के बीच तेलता ब्रिज संख्या 133 महानंदा नदी में आई बाढ़ से बह गया था। ब्रिज के नीचे की सतह पूरी तरह से कट गई थी और रेल की पटरियां हवा में लहराने लगी थीं। इससे ट्रेनों का परिचालन 23 दिनों तक बाधित रहा था। इससे रेलवे को करीब 300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इस दौरान पूर्वोत्तर भारत से रेल संपर्क भी पूरी तरह टूट गया था।

जानकार बताते हैं कि अगर उस वक्त अररिया गलगलिया (Araria-Galgalia)रूट भी विकल्प के रूप में उपलब्ध होता, तो ट्रेनें कटिहार, पूर्णिया, अररिया, ठाकुरगंज और सिलीगुड़ी जंक्शन के रास्ते पूर्वोत्तर तक आवागमन कर सकती थीं। उस दौरान बड़ी शिद्दत से एक वैकल्पिक रूट की जरूरत महसूस की गई। ऐसे में 10 साल पहले स्वीकृत होने के बाद ठंडे बस्ते में पड़ी इस महत्वपूर्ण परियोजना पर रेलवे ने गंभीरता से सोचना शुरू किया और साल 2017 से इस पर काम शुरू हुआ।

araria galgalia railway project

रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि प्रोजेक्ट के पूरे होने से सिलीगुड़ी जंक्शन-ठाकुरगंज-अररिया-पूर्णिया-कटिहार के रास्ते वैल्कपिक कनेक्टिविटी मिलेगी। भविष्य में ये लाइन अररिया से सुपौल को भी जोड़ेगी। अररिया-सुपौल परियोजना का कार्य भी प्रगति पर है। फारबिसगंज-सरायगढ़ और पूर्णिया-सहरसा सेक्शन भी अररिया-ठाकुरगंज के रास्ते पूर्वोत्तर से सीधा जुड़ सकेगा। प्रोजेक्ट पूरा हो जाने से पूर्वोत्तर भारत का रेल नेटवर्क गुवाहाटी-बरौनी रेल लाइन की दो जोड़ी पटरियों पर निर्भर नहीं रहेगा।

अररिया-गलगलिया रेल प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति

पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ने वाले एकमात्र रेलखंड एनजेपी-किशनगंज-बारसोई के विकल्प के रूप में उभरी महत्वाकांक्षी Araria-Galgalia Rail Line प्रोजेक्ट की रफ्तार में इन दिनों कुछ तेजी देखने को मिल रही है। 15 जनवरी 2022 तक करीब 90% स्टेशनों व हाॅल्ट के निर्माण के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं। कुछ दिन पहले एनएफ कंस्ट्रक्शन के जीएम एस शर्मा ने निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के पौआखाली स्टेशन यार्ड के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था।

NFR Railway

एनएफ रेलवे (निर्माण) के लेखा व वित्त विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, “नवंबर और दिसंबर महीने में इस प्रोजेक्ट पर 7 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके हैं। भारी बारिश व लॉकडाउन के कारण कार्य प्रभावित हुआ है। इस प्रोजेक्ट पर वर्तमान में ठाकुरगंज से पौआखाली के बीच 23 किमी सेक्शन में मिट्टी भराई का काम पूरा होने वाला है और 24 से 51 किमी अनुभाग में भी काम शुरू कर दिया गया है।”

इसी सेक्शन में भोगडावर स्टेशन, कादोगांव हाॅल्ट और पौआखाली स्टेशन के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस सेक्शन में 49 करोड़ की लागत से पौआखाली स्टेशन बिल्डिंग, प्लेटफार्म, रेलवे क्वाटर्स, फुट ओवर ब्रिज व कादोगांव हाल्ट स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही लगभग 50 करोड़ की लागत से दो पुल भी बनाये जायेंगे। इसके साथ ही खवासपुर हाल्ट, बीवीगंज स्टेशन, टेढागाछ हाॅल्ट आदि स्टेशनों के निर्माण के लिए भी टेंडर जारी कर दिये गये हैं। अररिया की ओर से 20 किमी सेक्शन में भी मिट्टी भराई की निविदा जारी की जा चुकी है।

एनएफ रेलवे कंस्ट्रक्शन के लेखा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले बजट में प्रोजेक्ट के लिए उत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे ने रेलवे बोर्ड से 500 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन 200 करोड़ रुपये ही मिले। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 तक प्रोजेक्ट की कुल लागत 2145 करोड़ रुपये में से 1030 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसमें से 858 करोड़ रुपये बिहार सरकार को जमीन अधिग्रहण के लिए दी गयी थी।

प्रोजेक्ट के लेकर वर्तमान हलचल से लगता है कि रेलवे इस प्रोजेक्ट के जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि सीमांचल और पूर्वोत्तर के लिए बेहद जरूरी ये प्रोजेक्ट फिर ठंडे बस्ते में नहीं जाएगा।


अभियान किताब दान: पूर्णिया में गांव गांव लाइब्रेरी की हकीकत क्या है?

पुल, रेल इंजन के बाद चोरों का पटरी चुराने का दुस्साहस


सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

अरविंद अग्रवाल वर्ष 2013 से स्वतंत्र पत्रकार है। द हिंदू बिजनेस लाइन और दैनिक भास्कर जैसे अखबारों के लिए काम कर चुके है।

Related News

बिहारशरीफ दंगे का एक साल: मुआवजे के नाम पर भद्दा मजाक, प्रभावित लोग नहीं शुरू कर पाये काम

बिहार में बढ़ते किडनैपिंग केस, अधूरी जांच और हाईकोर्ट की फटकार

क्या अवैध तरीके से हुई बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सचिव की नियुक्ति?

जमीन के विशेष सर्वेक्षण में रैयतों को दी गई ऑनलाइन सेवाओं की क्या है सच्चाई

राज्य सूचना आयोग खुद कर रहा सूचना के अधिकार का उल्लंघन

“SSB ने पीटा, कैम्प ले जाकर शराब पिलाई” – मृत शहबाज के परिजनों का आरोप

बिहार जातीय गणना के खिलाफ कोर्ट में याचिकाओं का BJP-RSS कनेक्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार के इस गांव में कुत्तों का आतंक, दर्जनों घायल, लाठी ले घूम रहे बच्चे

बिहार भू-सर्वे के बीच कैथी में लिखे दस्तावेजों को लेकर लोग परेशान

किशनगंज में लो वोल्टेज की समस्या से बेहाल ग्रामीण, नहीं मिल रही राहत

अप्रोच पथ नहीं होने से तीन साल से बेकार पड़ा है कटिहार का यह पुल

पैन से आधार लिंक नहीं कराना पड़ा महंगा, आयकर विभाग ने बैंक खातों से काटे लाखों रुपये