Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

अररिया का एकमात्र बस स्टैंड बदहाल, बुनियादी सुविधाएं नदारद

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :
araria bus stand view

अररिया: कहने को तो अररिया को शहर का दर्जा मिल गया है। लेकिन आज भी यहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है।


अगर हम बात करें तो शहर के बस स्टैंड की तो वहां कोई सुविधा नहीं है। आज भी अररिया बस स्टैंड एनएच 57 के किनारे पर ही लगता है जबकि इस स्टैंड से लोकल वाहन ही नहीं बल्कि दूसरे प्रांतों की भी बड़ी गाड़ियां यहां से रोजाना आती जाती हैं।

Also Read Story

किशनगंज: तैयबपुर पुल निर्माण कार्य के लिए 8 कंपनियों ने भरे टेंडर

Impact: किशनगंज में असुरा व निसंदरा घाट पर पुल निर्माण के लिए 5 बोलीकर्ताओं ने भरा टेंडर

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट

Impact: किशनगंज के ठाकुरगंज में नया ग्रिड सबस्टेशन शुरू, जिले के चाय उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

सीमांचल के लिए ₹6,282 करोड़ के कोसी-मेची नदी लिंक प्रोजेक्ट को मिली मंज़ूरी

किशनगंज में कनकई और महानंदा नदी पर दो पुलों के निर्माण के लिए टेंडर जारी

किशनगंज समेत बिहार के 16 सबस्टेशनों पर लगेंगे सोलर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम

पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के लिए होगा 3,436.2 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण, इन इलाकों से गुज़रेगी सड़क

बिहार कैबिनेट: 37 जिलों में 17,266 करोड़ की लागत से 11,251 सड़कों को मिली मंजूरी

इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां से जाने वाले यात्रियों की संख्या कितनी हो सकती है। लेकिन शहर के एकमात्र बस स्टैंड की सड़क पर लगने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।


araria bus stand signboard

इस बस स्टैंड से बिहार के दूसरे जिलों के साथ बिहार की राजधानी पटना, उत्तर प्रदेश, गोरखपुर, मेरठ के साथ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली की बसें रोजाना खुलती है। लेकिन उन यात्रियों के लिए यहां बैठने तक की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है।

1990 में बना था अररिया जिला

बता दें कि अररिया को जिले का दर्जा 1990 में मिला था। तब से ही यह जिला कई बुनियादी असुविधाओं से जूझ रहा है। अररिया शहर के नजदीक जीरो माइल पर एक बस स्टैंड पहले से मौजूद है। जिस पर नगर परिषद का कोई नियंत्रण नहीं है।

aerial view of araria bus stand

ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण इस पर जिला परिषद का मालिकाना हक है। लेकिन शहर का बस स्टैंड जो रानीगंज और फारबिसगंज की ओर जाने के लिए है, उनमें इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी वहां सुविधाएं नहीं हैं और न ही नगर परिषद नया बस स्टैंड बना रहा है। इस कारण इस स्टैंड पर यात्री वाहन तो ठहरते हैं। लेकिन, यात्रियों को न तो बैठने की और न ही अन्य सुविधाएं मिलती हैं।

वाहनों से पैसा वसूलता है नगर परिषद

बस स्टैंड के किरानी और कर्मियों ने बताया कि शहर का सबसे गंदा और असुविधाओं से भरी जगह यह अररिया बस स्टैंड है। यहां बारिश के दिनों में सड़क पर एक से डेढ़ फीट पानी जमा हो जाता है, जिससे खड़ी बसों में यात्रियों को चढ़ने उतरने में काफी दिक्कतें आती हैं।


यह भी पढ़ें: बिना एनओसी बना मार्केट 15 साल से बेकार, खंडहर में तब्दील


जल निकासी का कोई भी बंदोबस्त नगर परिषद के द्वारा नहीं किया गया है। स्टैंड पर बस की बुकिंग करने वाले मनोज कुमार, कामरान आदि ने बताया कि इस बस स्टैंड में आने वाली बसों से नगर परिषद सौ-सौ रुपये और ऑटो से 10 रुपये हर ट्रिप पर लेता है, नगर परिषद को अच्छी खासी आमदनी हो रही है। लेकिन नगर परिषद ने बस स्टैंड पर न तो शौचालय की व्यवस्था की है, न ही पीने के पानी की। यहां यात्रियों के बैठने की जगह नहीं होने के कारण वे सड़क पर यूं ही खड़े रहते हैं, जब तक उन्हें सवारी न मिल जाये।

buses at araria bus stand

उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत कई बार नगर परिषद से की गई कि कम से कम यहां एक शौचालय और बैठने की व्यवस्था यात्रियों के लिए कर दी जाए, लेकिन आज तक इस दिशा में काम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि शहर में सफाई तो होती है, लेकिन इस स्टैंड पर साफ सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

दिल्ली, पंजाब तक के लिए जाती हैं बसें

बता दें कि अररिया बस स्टैंड से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजधानी पटना के साथ बिहार के अन्य जिलों के लिए तकरीबन 30 से 35 लग्जरी बस रोजाना खुलती है। साथ ही, दूसरी ओर यहीं पर एनएच 327ई से होकर सुपौल, सहरसा, त्रिवेणीगंज जैसी जगहों के लिए दर्जनों गाड़ियां चलती हैं।

साथ ही जिले के भीतर फारबिसगंज, जोगबनी, नरपतगंज, बथनाहा, बीरपुर, सिकटी, कुर्साकांटा के लिए भी बड़ी बसें यहां से दिन में कई फेरे लगाती हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां सफर करने वाले यात्रियों की संख्या कितनी अधिक है, मगर सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं मिल रहा।

bus at araria bus stand

बस से एक परिवार को लेकर जा रहे यात्री ने बताया, “हमारे साथ महिला और बच्चे शामिल हैं। उनके लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण हमें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।”

उन्होंने बताया कि नगर परिषद को एक शौचालय की तो व्यवस्था कर देनी चाहिए। उनके साथ ही कई और यात्रियों ने बताया कि शौचालय नहीं होने के कारण यहां वहां लोगों को पेशाब करना पड़ रहा है, जिससे गंदगी भी बढ़ती है और यहां खड़े रहने में यात्रियों को परेशानी होती है।

कई फुटकर दुकानदारों ने बताया कि स्टैंड पर छोटे छोटे दुकानदार रोजी रोटी के लिए अपना कारोबार करते हैं। लेकिन गंदगी और जहां तहां पेशाब करने से बदबू फैलती है। एक तरफ सरकार कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को तरह-तरह के उपाय बता रही है। लेकिन यहां कोई साफ सफाई नहीं है।

ticket counter at araria bus stand

सिंचाई विभाग नहीं दे रहा जमीन

नगर परिषद के चेयरमैन रितेश राय ने बताया, “साल 2017 में मुझे यह पद मिला है। तभी से बस स्टैंड बनाने को लेकर हम लोगों ने कई बार प्लान तैयार किया।”

“तत्कालीन डीएम हिमांशु शर्मा ने भी पहल की और सिंचाई विभाग से अनुरोध किया कि गोढ़ी चौक से लेकर अररिया बस स्टैंड तक नहर के किनारे अपनी जमीन पर बस स्टैंड बनाने दिया जाए। इस प्लान को विभाग तक भेज भी दिया गया। जिस पर सिंचाई विभाग में भी उस वक्त सहमति दी और सरकार को प्रतिवेदन भेजा गया,” वह बताते हैं।

उन्होंने बताया कि कई बार नगर विकास की ओर से पटना में बैठक बुलाई गई जिसमें सभी जिलों के चेयरमैन और मेयरों के साथ नगर विकास के सचिव व उपमुख्यमंत्री भी शामिल थे। वहां उन्होंने बस स्टैंड के मुद्दे को सदन में रखा था जिस पर सरकार के सचिव ने भी संज्ञान लिया। लेकिन कुछ दिनों बाद इस प्रपोजल को सिंचाई विभाग ने वापस कर दिया और बस स्टैंड बनाने पर असहमति जाहिर की।

शौचालय के लिए सिंचाई विभाग से नहीं मिल रही जमीन

बताया जाता है कि इसको लेकर मुख्यमंत्री ने भी सिंचाई विभाग के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। लेकिन विभागीय अड़चन में यह बस स्टैंड नहीं बन पाया।

चेयरमैन ने बताया, “जहां अभी एनएच 57 के किनारे बस स्टैंड है, उसके पीछे भी सिंचाई विभाग की जमीन है। जिस पर हम लोगों ने सिर्फ एक हजार स्क्वायर फीट जगह मांगी थी ताकि वहां एक मॉडर्न डीलक्स शौचालय बनाया जा सके। लेकिन इस निर्माण पर भी सिंचाई विभाग ने असहमति जाहिर की।”

उन्होंने बताया कि नगर परिषद के पास अपनी जमीन नहीं होने के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो रही है। “शौचालय बनाने के लिए हम लोगों ने सिंचाई विभाग से यह भी कहा था कि जिस जगह पर यह मॉडल डीलक्स शौचालय बनेगा उसपर मालिकाना हक आप ही के हाथ में होगा। हम लोग सिर्फ उसकी देखरेख करेंगे। लेकिन फिर भी वह राजी नहीं हुए। जिस कारण आज भी मामला यूं ही अधर में लटका हुआ है,” उन्होंने बताया कि नगर परिषद के पास पूरे शहर में कहीं भी अपनी भूमि नहीं है। इस कारण कोई भी निर्माण नहीं करा पा रहे हैं। लेकिन इसमें कोई दूसरा विभाग भी सहयोग नहीं कर रहा है। जिस कारण शहर में सार्वजनिक शौचालय या बस स्टैंड में कोई सुविधा नगर परिषद नहीं दे पा रहा है।

“फिर भी हम लोग प्रयासरत हैं इसके लिए सरकार से बार-बार पत्राचार किया जा रहा है,” उन्होंने कहा।


वादों और घोषणाओं में सिमटा अररिया का खुला चिड़ियाघर

अररिया में हिरासत में मौतें, न्याय के इंतजार में पथराई आंखें


सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

बिहार के लिए पिछले बजट की घोषणाओं पर अब तक कितना काम हुआ?

बिहार कैबिनेट बैठक: सीमांचल और कोसी क्षेत्र में बड़े विकास कार्यों की घोषणा

बिहार कैबिनेट: सुपौल एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण, अररिया और खगड़िया को मिले मेडिकल कॉलेज

अररिया में बनेगा जिले का पहला मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, सीएम ने की घोषणा

पूर्णिया एयरपोर्ट में विमान पार्किंग निर्माण के लिए ₹42.55 करोड़ का टेंडर जारी

किशनगंज: डेरामरी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में बनेगा 1.7 करोड़ का फुट ओवर ब्रिज

IMPACT: ₹1117.01 करोड़ की लागत से बनेगी किशनगंज-बहादुरगंज 4-लेन सड़क

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

छह सालों से पुल निर्माण कार्य अधूरा, जान हथेली में लिए गुज़रते हैं ग्रामीण

हादसे को दावत दे रहा है कटिहार के बारसोई का जर्जर मालोर पुल

सड़क से वंचित हैं सहरसा के दर्जनों गांव, लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट