एक मुस्लिम युवक के सोशल मीडिया अकाउंट पर इजराइल को लेकर कथित आपत्तिजनक पोस्ट ने न केवल युवक को जेल पहुंचा दिया, बल्कि इसके बहाने तीन दर्जन दुकानों को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया।
पूर्णिया जिले के के. नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले फौजान मुर्तजा ने 28 अक्टूबर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर इजरायल को लेकर कथित विवादास्पद स्टेटस डाला था। स्टेटस में क्या लिखा था, इसको लेकर दो तरह के दावे हैं। हिन्दू समुदाय का कहना है कि पोस्ट में लिखा गया था कि इजरायल का समर्थन करने वाले नाजायज औलाद हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष के मुताबिक, फौजान ने लिखा था कि इजराइल एक नाजायज तरीके से बना मुल्क है।
हालांकि, फौजान के इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिलवक्त ऐसा कोई भी पोस्ट मौजूद नहीं है।
बताया जाता है कि इस पोस्ट को लेकर मोहल्ले का ही उसका दोस्त प्रीतम कुमार अपने अन्य दो दोस्तों के साथ उसे समझाने गया था, तभी दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो गई।
प्रीतम कुमार ने मीडिया को बताया, “हमलोग उसको समझाने गये थे कि सोशल मीडिया पर ऐसा स्टोरी मत लिखो। इस पर फौजान ने कहा कि उसका मोबाइल फोन है, वह कुछ भी स्टोरी लगा सकता है। हम लोग उसको समझा ही रहे थे, तभी उन लोगों ने मारपीट शुरू कर दी।”
इसके बाद प्रीतम कुमार की तरफ से चंपानगर ओपी, जो के. नगर थाने के अधिकार क्षेत्र में आता है, में फौजान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।
सूत्रों ने बताया कि इस घटना के बाद दोनों पक्षों के लोगों ने आपस में बैठक कर मामले को शांत करा दिया और सभी पक्ष शांत भी हो गये थे। लेकिन, अगले दिन यानी 29 अक्टूबर को भारी संख्या में लोग चंपानगर में जुट गये और सड़क जाम कर दिया। उनमें से कई लोगों के हाथों में भगवा झंडे थे। प्रदर्शनकारियों ने फौजान की गिरफ्तारी की मांग की और चंपानगर मार्केट की तीन दर्जन से अधिक दुकानों को नुकसान पहुंचाया।
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एक स्थानीय निवासी ने बताया कि बाजार में चूड़ियों, परचून, अंडे, फल आदि की दुकानें थीं, जिन्हें क्षतिग्रस्त किया गया। जिन दुकानों को लूटा जा सकता था, उन्हें लूटा भी गया। आपत्तिजनक नारे भी लगाये गये। यही नहीं, चंपानगर के मोहल्ले में दो शादियां थीं, जिनके लिए पंडाल बनाये गये थे। दंगाइयों ने उन पंडालों को भी नुकसान पहुंचाया। शादी के पंडाल मुस्लिम परिवारों के थे। अधिकांश क्षतिग्रस्त दुकानें भी मुस्लिमों की ही थीं।
वार्ड नंबर 10 की वार्ड सदस्य तहसुन फातमा के पति हसीम उद्दीन बताते हैं, “पुलिस की तरफ से हमें कहा गया कि फौजान को गिरफ्तारी देनी होगी, तो हम इसके लिए तैयार हो गये और लड़के को घर से बुलाकर पुलिस की गाड़ी में बैठा दिये। हमें कानून पर भरोसा है। अगर उसने कुछ गलत नहीं किया है, तो निर्दोष साबित होगा।”
हसीम उद्दीन पूछते हैं, “28 अक्टूबर को जब दोनों पक्षों में बातचीत हो गई थी और सब कोई माहौल शांतिपूर्ण रखने पर राजी हो गया था, तो फिर अगले दिन बाहरी लोगों को बुलाकर इतना बवाल करने की क्या जरूरत थी? हमें लगता है कि पंचायत चुनाव में कुछ उम्मीदवारों की वार्ड सदस्य के पद पर हार का खुन्नस निकालने के लिये सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा किया गया है।”
29 अक्टूबर को उग्र भीड़ को देखते हुए स्थानीय मुस्लिम जनप्रतिनिधियों ने मोहल्ले के लोगों को सख्त हिदायत दी थी कि वे घरों से बाहर न निकलें, ताकि मामला और न बिगड़ जाए। भीड़ में शामिल ज्यादातर लोग बाहरी थे। क्षतिग्रस्त दुकानों के मालिकों को मुआवजे के लिए स्थानीय प्रशासन को आवेदन दिया गया। दुकान क्षतिग्रस्त करने वाले जिन लोगों की पहचान हो सकी, उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। लेकिन इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
चंपानगर ओपी के प्रभारी सुभाष मंडल ने बताया कि फौजान के खिलाफ मारपीट और सोशल मीडिया अकाउंट पर आपत्ति पोस्ट को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी, इसी शिकायत के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
वहीं, दुकानों में तोड़फोड़ करने वालों की गिरफ्तारी के सवाल उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी ही इस संबंध में कुछ कह सकते हैं।
पूर्णिया पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए लिखा है, “चंपानगर OP थाना में इजराइल को लेकर विवादित पोस्ट करने पर दो समुदाय के बिच हलकी झरप हो गई इस संबंध में एक व्यक्ति को हल्की चोट लगी और चंपानगर थाना द्वारा विवादित पोस्ट करने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।”
फौजान, ग्रेजुएशन का छात्र है। उसके पिता उत्तर प्रदेश में शिक्षक हैं और मां घर पर सिलाई का काम करती है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि फौजान 10वीं और 12वीं में प्रखंड टॉपर रहा है और जिले के डीएम की तरफ से सम्मानित भी हो चुका है। स्थानीय लोग बताते हैं कि वह हिन्दुओं के त्योहारों में भी पानी, शरबत पिलाने का काम काम किया करता था।
फौजान 11 नंबर वार्ड में रहता है और प्रीतम का घर 10 नंबर वार्ड में है। इन दोनों वार्डों में मुस्लिम आबादी गिनती की है, लेकिन दोनों ही वार्डों के वार्ड मेंबर मुस्लिम हैं।
हसीम उद्दीन कहते हैं, “दोनों वार्डों को मिलाकर मुश्किल से 30 घर ही मुस्लिमों के होंगे, लेकिन इसके बावजूद दोनों वार्डों से मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। स्थानीय हिंदुओं के साथ हमारा कभी भी इस तरह का झगड़ा नहीं हुआ। हम लोग सालों से सौहार्दपूर्ण तरीके से रहते आ रहे हैं। लेकिन 29 अक्टूबर को जो कुछ हुआ, वो हमें चुभ रहा है।”
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