इस साल रामनवमी के मौके पर देश के अलग अलग हिस्सों में दो समुदायों के बीच झड़प की कई घटनाएं हुईं। इन घटनाओं के बीच कुछ ऐसी भी तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिखीं, जो साम्प्रदायिक सौहार्द को मजबूत करती हुई नजर आईं।
ऐसी ही एक तस्वीर कटिहार जिले से वायरल हुई। इसमें रामनवमी के जुलूस के दौरान भगवा गमछा पहने कुछ लोग मस्जिद के सामने ह्यूमन चेन बनाकर खड़े थे। बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर समेत सैकड़ों लोगों ने वह तस्वीर शेयर की और इस तस्वीर को सामुदायिक सद्भाव की मिसाल बताया।
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राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, “इस नफरत भरे माहौल में बिहार से आई यह तस्वीर कुछ उम्मीदें, कुछ सुकून देती हैं।”
इसी वायरल तस्वीर की हकीकत जानने के लिए मैं मीडिया ने उन लोगों से संपर्क किया, जो मस्जिद के सामने ह्यूमन चेन बनाकर खड़े थे।
“ह्यूमन चेन खुद की सुरक्षा के लिए बनाते हैं”
सबसे पहले हमारी मुलाकात अभय कुमार उर्फ डब्लू से हुई, जो विश्व हिन्दू परिषद के नगर मंत्री (कटिहार) के पद पर हैं। वह कटिहार के मिरचाईबाड़ी में कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं।
ह्यूमन चेन के बारे में पूछने पर अभय कुमार कहते हैं,” इस बार हमने बहुत से जिलों व दूसरे राज्यों में जुलूस पर पथराव की खबरें सुनीं। इसी वजह से हम लोगों ने ह्यूमन चेन बनाया और मस्जिद के सामने से रैली सफलतापूर्वक निकाल पाए। साथ ही इस पर भी नजर रख पाए कि कोई असामाजिक तत्व रैली को नुकसान नहीं पहुंचा पाए।”
“ह्यूमन चेन से फायदा यह होता है कि कोई हमारे साथ कुछ नहीं कर पाता है और न ही हमारे लोग कुछ ग़लत कर पाते हैं,” उन्होंने कहा।
रामनवमी के बाद सोशल मीडिया में ऐसे भी वीडियो आए, जो सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं, इस सवाल पर अभय कहते हैं, “ऐसा कुछ नहीं है। हिन्दू समाज कभी भी आगे बढ़कर साम्प्रदायिक तनाव को नहीं बढ़ाता है। हमारा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं है और हम ह्यूमन चेन खुद की सुरक्षा के लिए बनाते हैं, ताकि उस जगह से सुरक्षित रैली को निकाल पाएं। असामाजिक तत्वों से बचने के लिए हम लोग हर साल ऐसा करते हैं।”
“जब लाखों लोग हथियार लेकर शोभायात्रा में शामिल हों…”
इसके बाद हमारी मुलाकात भास्कर सिंह से हुई। वह कटिहार सिविल कोर्ट में वकील हैं और वायरल फोटो में मस्जिद के गेट के सामने ह्यूमन चेन बनाकर खड़े दिखते हैं। भास्कर सिंह खुद को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रशिक्षण प्रभारी बताते हैं। भास्कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ बाल सेवक के रूप में जुड़े थे। वह बताते हैं कि सोशल मीडिया में जो तस्वीर वायरल हुई है, वह उनके मोबाइल से खींची गई है।
आगे की बातचीत में भास्कर सिंह कहते हैं “ह्यूमन चेन बनाने का आईडिया हमारा ही था और हमें बहुत खुशी है कि हमारे इस कार्य को देशभर में सराहा जा रहा है। हमारी देश की जो गंगा जमुनी तहजीब है, उसे बरकरार रखने के लिए यह जरूरी था।”
ह्यूमन चेन सिर्फ मस्जिद के सामने क्यों बनाया गया, इस पर भास्कर सिंह कहते हैं, “जब लाखों लोग शहर में शोभायात्रा में शामिल हों और उनके साथ हथियार भी हो, तो हम लोग दूसरे धार्मिक स्थलों के सामने इस तरह का ह्यूमन चेन बनाते हैं, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को टाला जा सके। क्योंकि भीड़ का कोई ठिकाना नहीं होता है कि वह कब किधर बहक जाए। ह्यूमन चैन से अपने लोगों की भी सुरक्षा होती है और असामाजिक तत्वों से भी बच पाते हैं।”
हमने भास्कर सिंह से जानना चाहा कि पहले भी रामनवमी में जुलूस निकाला जाता था, लेकिन इतनी भीड़ नहीं होती थी और ना ही इतने हथियारों के साथ लोग आते थे, अब ऐसा क्यों हो रहा है? इस पर उन्होंने कहा कि पहले अलग-अलग गांवों और इलाकों के लोग अलग-अलग शोभायात्रा निकालते थे, जिस कारण भीड़ कम लगती थी। लेकिन, इस बार हम लोगों ने कटिहार के सभी जगहों के जुलूसों को एक साथ कर दिया और संयुक्त रूप से जुलूस निकाला।”
भास्कर सिंह आगे कहते हैं, “हमारा कटिहार शांतिपूर्ण क्षेत्र है और सांप्रदायिक भावना यहां बहुत कम है। सांप्रदायिक भावनाएं ज्यादा सोशल मीडिया और न्यूज़ में ही दिखाई पड़ती है। सोशल मीडिया देखने के बाद ऐसा महसूस होता है कि देश जल रहा है, लेकिन जब हम अपने घर पहुंचते हैं और बगल के मुस्लिम दोस्तों और पड़ोस के चाचा से मिलते हैं तो हमें कुछ अलग ही नजर आता है।”
“कभी भी कटिहार सांप्रदायिक तनाव नहीं देखा”
मैं मीडिया ने कटिहार के एमजी रोड स्थित फकीर तकिया मस्जिद में जाकर इस बाबत जानकारी ली। वहां हमारी मुलाकात मजहरूल इस्लाम गौहर से हुई, जो मस्जिद के गेट के पास किताब की दुकान चलाते हैं। मजहरूल इस्लाम ने बताया कि यहां पर उनकी दुकान साल 1946 से लगातार चल रही है।
रामनवमी के दिन मस्जिद के बाहर ह्यूमन चेन के बारे में जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हमारी दुकान उस वक्त खुली हुई थी, जब रामनवमी की रैली सामने से निकल रही थी। उन्हीं में से कुछ लोग मस्जिद के सामने ह्यूमन चेन बनाकर खड़े हो गए और लगभग 1 घंटे से ज्यादा देर तक खड़े रहे, जब वे थक गए, तो फिर दूसरा बैच आया और वे लोग भी वैसे ही खड़े हो गए। लगभग 3 घंटे तक ह्यूमन चेन बना रहा।”
जब हमने मस्जिद के सामने किसी भी तरह के उकसाने वाले नारे या कार्य के बारे में पूछा, तो मजहरूल इस्लाम ने कहा, “नहीं, रैली यहां से ठीक-ठाक तरीके से निकल गई थी। रैली में लोगों के पास बहुत से हथियार भी थे। लेकिन, कोई हिंसात्मक घटना नहीं हुई। सब कुछ शांतिपूर्ण था। प्रशासन के लोग भी मौके पर मौजूद थे।”
“ह्यूमन चेन उन लोगों ने इसलिए बनाया था ताकि भीड़ में से कोई मस्जिद की तरफ ना आ जाए। जुलूस खत्म होते ही वे लोग चले गए थे,” उन्होंने बताया।
वह आगे कहते हैं, “हमारी उम्र लगभग 47 साल हो चुकी है, लेकिन कभी भी कटिहार में सांप्रदायिक तनाव नहीं दिखा। सिर्फ एक बार तीन चार साल पहले मोहर्रम में ऐसा महसूस हुआ था कि कम्युनल फीलिंग है, लेकिन उस समय भी ज्यादा कुछ नहीं हुआ था।”
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