पिछले दिनों पश्चिम भारत के इलाकों पर चक्रवाती तूफान (Tauktae) ‘तौकते’ ने कहर बरपाया जिसमें करीब 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। अब मौसम विभाग ने चेतावानी जारी कर दी है कि पूर्वी भारत के इलाके बंगाल, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, झारखंड और बिहार में लोगों को चक्रवाती तूफान ‘यास’ (Yaas) का सामना करना पड़ सकता है।
मौसम विभाग ने कहा है कि तूफान ‘यास’ (Yaas) उड़ीसा में पारादीप और बंगाल में सागर द्वीप के बीच 26 मई, बुधवार को टकराएगा और हवा की स्पीड 150 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है। इसलिए यास को पिछले साल आए तूफान ‘अम्फान’ जितना ही खतरनाक होने की आशंका बताई जा रही है।
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उड़ीसा में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी
तूफान की बढ़ती ताकत को देखते हुए 25 मई, मंगलवार उडीसा के केन्द्रपाड़ा, भद्रक, जगतसिंहपुर, बालासोर के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसे समय पर रेड अलर्ट जारी करने का मतलब होता है कि इन जगहों पर बहुत ज्यादा बारिश होगी है और तूफान का खतरा बहुत ज्यादा है।
अनुमान है कि यास (Yaas) की स्पीड 150 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है जो बढ़ कर 180 किलोमीटर प्रतिघंटा को पार कर सकती है। कटक और पुरी जैसी जगहों पर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आपकों बता दे कि ऑरेंज अलर्ट जहां भी जारी किया जाता है वहां पर तेज बारिश होने की काफी संभावना रहती है लेकिन खतरा रेड जोन से कम होता है।
The latest movement and track of Cyclone Yaas.#CycloneYaas #YaasCyclone #CycloneYaasUPDATE #CycloneAlert pic.twitter.com/oFBU6e4Apr
— Skymet (@SkymetWeather) May 25, 2021
जानिए कि ममता ने तूफान ‘यास’ पर केंद्र को क्यों घेरा
यास (Yaas) के खतरे को देखते हुए ममता बनर्जी ने 10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने की तैयारियां तेज कर दी है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बंगाल सरकार ने 24*7 काम करने वाले कंट्रोल रुम तैयार कर दिए है। एनडीआरएफ की 35 टीमों को हावड़ा, हुगली, उत्रर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, पूर्व औऱ पश्चिम मेदनीपुर जिलों में तैनात कर दिया गया है। ममता ने मछुआरों से भी अपील करी है कि 72 घंटों के लिए किनारों पर न जाए।
लेकिन ममता ने केंद्र सरकार को इस बात घेर लिया कि चक्रवात से लड़ने के लिए जो एडवांस राहत राशि आंध्र प्रदेश और उडीसा को दी गई है उतनी बंगाल को क्यों नहीं मिली। असल में सरकार ने 600 करोड़ रुपए आंध्र प्रदेश, उडीसा को दिए है और बंगाल को केवल 400 करोड रुपए ही दिए है। जिसको लेकर ममता ने कहा कि ये भेदभाव क्यों?
बिहार और झारखंड भी आ सकते है तूफान की चपेट में
बिहार के कई जिलों में 25 से 28 मई तक भारी बारिश की संभावना है लेकिन बड़े स्तर पर कोई नुकसान पहुंचेगा या नहीं ये तूफान के बंगला और उडीसा से आगे बढ़ने पर ही पता चलेगा। झारखंड में अधिकांश जगहों पर यास (Yaas) तूफान का असर देखने को मिलेगा और 26 व 27 मई को भारी बारिश होने की संभावना है। झारखंड पर तूफान का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है इसके पीछे एक वजह ये भी है कि यह बंगाल और उड़ीसा के काफी करीब है।
Very Severe Cyclonic Storm ‘Yaas’ , located about 160 km east-southeast of Paradip (Odisha), 250 km south-southeast of Balasore (https://t.co/QjQGSe3caY intensify further and to cross north Odisha-West Bengal coasts between Paradip and Sagar Islands during 26th May as a VSCS. pic.twitter.com/HyYkWFTeL6
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 25, 2021
ये भी जानिए कि अलग-अलग कलर क्यों होते है अलर्ट के लिए
मौसम के बार में चेतावनी देने के लिए भारतीय मौसम विभाग चार कलर का सहारा लेता है जिससे स्थिती की गंभीरता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इन चार में हरा, पीला, नांरगी, लाल कलर आते हैं।
ग्रीन या हरा का मतलब होता है कि प्रशासन को कोई एक्शन लेने की जरुरत नहीं है क्योंकि बारिश हल्की होगी। येलो या पीला का मतलब है कि प्रशासन को नजर रखनी है और स्थिति को लेकर अपडेट रहना है। ऑरेंज या नांरगी अलर्ट जारी होने पर प्रशासन को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि तेज बारिश होने की काफी संभावना रहती है। रेड या लाल अलर्ट जब भी जारी होता है तो इसका मतलब कि प्रशासन जो भी जरूरी कारवाई है उसको तुरंत शुरु करे क्योंकि बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान होता है।
Current Districtwise and Stationwise nowcast at 1600IST today (For details, kindly visit: https://t.co/w8q0AaMm0I)
— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 25, 2021
If you observe any severe weather, report us at: https://t.co/5Mp3RKfD4y pic.twitter.com/XoE9hYUe9v
तौकते, यास कौन बताता है तूफानों के ऐसे अजीब से नाम
ये सारे नाम पहले से ही 13 देश मिल कर तैयार करते लेते है जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका, म्यांमार, ओमान, थाइलैंड साल 2000 से ही सदस्य है। इसके बाद 2018 में ईरान, कतर, साउदी अरब, यूएई और यमन को भी हिस्सा बनाया गया। 13 देशों में हर देश 13 नाम देता है जिससे कुल 169 नाम पहले से ही तय कर लिए जाते है। अगर किसी चक्रवाती तूफान की स्पीड 34 नॉटिकल माइल यानी करीबन 64 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा होती है तब इस लिस्ट में से एक नाम तूफान को दे दिया जाता है।
‘तौकते’ नाम म्यांमार ने दिया था और ‘यास’ ओमान ने दिया है। हर नाम का एक विशेष मतलब होता है, यास का इग्लिंश में मतलब जैसंमिन है। और अगले चक्रवाती तूफान का नाम गुलाब होगा जिसको पाकिस्तान ने बताया है। बाकी आने वाले तूफान का नाम 169 नामों की लिस्ट से शाहीन, जावद, असानी, सितरंग होगा। जितने भी नाम इस लिस्ट में होते है उनको बहुत समझदारी से तैयार किया जाता है और कोई भी नाम इग्लिंश के 8 लेटर की लिमिट को पार नहीं करना चाहिए।
इन तूफानों के नाम रखना इसलिए जरुरी है क्योंकि हर नए तूफान से कोई भी नई जानकारी जुड़ी हो सकती है। जिसको किसी नए नाम से जोड़ दिया जाता है जिससे कभी भी भविष्य में किसी भी तूफान की जानकारी की जरूरत पड़ने पर वो आसानी से मिल जाए।
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