नीतीश कुमार कैबिनेट से संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद रत्नेश सदा का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। संतोष, पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतनराम मांझी के पुत्र हैं और बिहार सरकार में अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण मंत्री थे। मंगलवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। तभी से उनकी जगह लेने के लिए सोनबरसा विधायक रत्नेश सदा के नाम की चर्चा चल रही है।
रत्नेश सदा सहरसा ज़िले के सोनबरसा (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार जदयू के विधायक हैं। रत्नेश 2010 में पहली बार सोनबरसा से जदयू के टिकट पर चुनाव जीते थे, जब उन्होंने 56,633 वोट लाकर लोजपा की सरिता देवी को 31,445 वोटों से हराया था। 2015 में रत्नेश सदा 53,763 वोटों से चुनाव जीते। 2020 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार तरनी ऋषिदेव को 13,466 के अंतर से हरा कर चुनाव जीता।
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रत्नेश सदा का पैतृक घर महिषी प्रखंड की कुंदह पंचायत अंतर्गत बलिया सीमर में है। रत्नेश अनुसूचित जाति (मुसहर समाज) से आते है और अपने समाज में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। यही वजह है कि 2010 से सोनबरसा (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर लगातार चुनाव लड़ रहे हैं और विजयी भी रहे हैं।
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