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Aurangabad Lok Sabha Seat: NDA के तीन बार के सांसद सुशील कुमार सिंह के सामने RJD के अभय कुशवाहा

पिछले तीन लोकसभा चुनावों से सुशील कुमार सिंह लगातार औरंगाबाद सीट पर जीतते आ रहे हैं। 2009 में उन्होंने जदयू के टिकट पर राजद के शकील अहमद खान को हराया। 2014 में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस के निखिल कुमार को पराजित किया। 2019 में भी वह बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर जीते। इस चुनाव में उन्होंने हम (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद को हराया।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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बिहार की औरंगाबाद लोकसभा सीट पर राजद ने अभय कुशवाहा उर्फ अभय कुमार सिन्हा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं, एनडीए गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सुशील कुमार सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है।

पिछले तीन लोकसभा चुनावों से सुशील कुमार सिंह लगातार औरंगाबाद सीट पर जीतते आ रहे हैं। 2009 में उन्होंने जदयू के टिकट पर राजद के शकील अहमद खान को हराया। 2014 में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस के निखिल कुमार को पराजित किया। 2019 में भी वह बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर जीते। इस चुनाव में उन्होंने हम (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद को हराया।

इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों के मुताबिक़, औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में इस बार 18,62,027 वोटर हैं। इनमें पुरुष वोटर 9,72,621, महिला वोटर 8,89,373 और अन्य वोटरों की संख्या 33 है।


01.01.2024 को प्रस्तावित फाइनल रोल में वोटरों की संख्या
No. Assembly Name Male Female Third Gender Total Voters
222 Kutumba (SC) 146515 131319 3 277837
223 Aurangabad 169561 155319 5 324885
224 Rafiganj 178329 161488 0 339817
225 Gurua 151326 139816 2 291144
227 Imamganj (SC) 160963 149313 9 310285
231 Tikari 165927 152118 14 318059
औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर 1862027

औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट- कुटुम्बा, औरंगाबाद, रफीगंज, इमामगंज, गुरुआ और टेकारी है। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली दो विधानसभा सीटों पर राजद, दो पर कांग्रेस और दो पर हम (सेकुलर) का कब्ज़ा है।

इमामगंज से हम (सेकुलर) के जीतन राम मांझी, गुरुआ से राजद के विनय कुमार, औरंगाबाद सीट से कांग्रेस के आनन्द शंकर सिंह, कुटुम्बा विधानसभा सीट से कांग्रेस के राजेश कुमार, रफीगंज से राजद के मो. नेहालुद्दीन और टेकारी सीट से हम (सेकुलर) के अनिल कुमार विधायक हैं।

“बिहार विभूति” के परिवार का रहा दबदबा

औरंगाबाद लोकसभा सीट पर “बिहार विभूति” के नाम से प्रसिद्ध बिहार के पहले उपमुख्यमंत्री अनुग्रह नारायण सिन्हा के परिवार का दबदबा रहा है। उनके पुत्र सत्येन्द्र नारायण सिन्हा यहां से 6 बार सांसद चुने गये। सत्येन्द्र नारायाण सिन्हा के पुत्र निखिल कुमार और बहु श्यामा सिंह ने भी यहां से सांसद बनने में कामयाबी हासिल की।

1951 में इस सीट का नाम गया-पश्चिम हुआ करता था। 1957 में औरंगाबाद एक अलग लोकसभा क्षेत्र बना। यहां से सत्येन्द्र नारायण सिन्हा 1951, 1957, 1971, 1977, 1980 और 1984 का लोकसभा चुनाव अलग-अलग राजनीतिक दलों के टिकट पर जीतने में सफल रहे।

1962 में स्वतंत्र पार्टी की ललिता राजलक्ष्मी यहां से सांसद चुनी गईं। 1967 में कांग्रेस के मुंद्रिका सिंह यहां से एमपी बने। 1989 में औरंगाबाद से जनता दल के टिकट पर रामनरेश सिंह ने कांग्रेस की श्यामा सिंह को हराया।

1991 में जनता दल के टिकट पर रामनरेश सिंह एक बार फिर सांसद चुने गये। इस चुनाव में उनका मुक़ाबला सत्येन्द्र नारायण सिन्हा से हुआ, जो कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे थे।

1996 में जनता दल उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार सिंह ने सत्येन्द्र नारायण सिन्हा को हराया। 1998 में समता पार्टी के टिकट पर सुशील कुमार सिंह सांसद निर्वाचित हुए। उन्होंने रादज के वीरेंद्र कुमार सिंह को शिकस्त दी।

2004 में निखिल कुमार ने सुशील कुमार सिंह को पराजित किया। निखिल कुमार कांग्रेस और सुशील कुमार सिंह जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे।

सीमांचल की बेटी श्यामा सिंह बनी सांसद

1999 में कांग्रस के टिकट पर श्यामा सिंह यहां की सांसद चुनी गईं। उन्होंने तत्कालीन सांसद सुशील कुमार सिंह को हराया। सुशील कुमार सिंह यह चुनाव जदयू के टिकट पर लड़ रहे थे।

श्यामा सिंह का संबंध एक राजनैतिक और ब्यूरोक्रेटिक घराने से रहा है। वह सत्येन्द्र नारायाण सिन्हा के बेटे निखिल कुमार की पत्नी थीं।

श्यामा, भारतीय सिविल सेवा के पूर्व अधिकारी टीपी सिंह और पूर्णिया की पूर्व सांसद माधुरी सिंह की बेटी थीं। उनके भाई एनके सिंह ब्यूरोक्रेट और राज्यसभा सांसद रहे हैं, जिन्होंने भारत के रेवेन्यू सेक्रेटरी और प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में काम किया है। श्यामा के छोटे भाई उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह भी पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं।

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2024 के लिये बीजेपी के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह

सुशील कुमार सिंह पिछले तीन लोकसभा चुनाव से लगातार औरंगाबाद सीट से जीतते आ रहे हैं। इस बार उनका मुबाक़ला राजद के अभय कुशवाहा से होगा।

सुशील कुमार सिंह 1998 में पहली बार समता पार्टी की टिकट पर औरंगाबाद सीट से सांसद चुने गये थ। उन्होंने राजद के वीरेंद्र कुमार सिंह को हराया था। 1999 में सुशील सिंह ने जदयू की टिकट पर औरंगाबाद सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि, इस चुनाव में उनकी हार हुई।

2009 में जदयू के टिकट पर उन्होंने औरंगाबाद लोकसभा सीट पर राजद के शकील अहमद खान को शिकस्त दी। 2014 का लोकसभा चुनाव वह बीजेपी के टिकट पर लड़े। उन्होंने कांग्रेस के निखिल कुमार को हराया।

2019 में उन्होंने हम (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद को 70,552 वोटों से पराजित किया। चुनाव में भाजपा के सुशील कुमार सिंह को 4,27,721 और हम (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद को 3,57,169 वोट मिले।

सुशील कुमार सिंह औरंगाबाद सीट से ही पूर्व सांसद रामनरेश सिंह के पुत्र हैं। सुशील सिंह 2000-2005 के बीच रफीगंज विधानसभा सीट से समता पार्टी की टिकट पर विधायक भी रहे। 1995 में भी वह औरंगाबाद से विधानसभा का चुनाव लड़े, जिसमें उनकी हार हुई।

उन्होंने मगध यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में एमए किया है। उनके हलफनामे के मुताबिक़, उनके ऊपर गया के कोतवाली थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले और पटना के कोतवाली थाने में पुलिस कर्मियों पर हमला व गंभीर जख़्म पहुंचाने को लेकर मामले दर्ज हैं।

विभिन्न स्रोतों (नगदी और बैंक जमा समेत) से उनके पास 73,73,036 रुपये और उनकी पत्नी के पास 1,71,38,759 रुपये की चल संपत्ति है। वहीं, उनके परिवार के पास 31,20,138 रुपये हैं। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों से सुशील सिंह ने 74,67,495 और उनकी पत्नी ने 93,824 रुपये का क़र्ज़ ले रखा है।

सुशील कुमार सिंह के नाम पर 15,59,74,500 रुपये की अचल संपत्ति दर्ज है, जिसमें 15.62 एकड़ कृषि योग्य भूमि, 0.625 एकड़ गैर कृषि भूमि और एक आवासीय बिल्डिंग शामिल है। वहीं, उनकी पत्नी के नाम 1,73,65,000 रुपये और परिवार के नाम पर 11 लाख 50 हजार रुपये की अचल संपत्ति दर्ज है।

राजद उम्मीदवार अभय कुशवाहा

अभय कुशवाहा एक सप्ताह पहले ही जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा देकर राजद में शामिल हुए हैं। वह 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में गया के टेकारी विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर विधायक बने। उन्होंने हम (सेकुलर) के अनिल कुमार को हराया था।

2020 के विधानसभा चुनाव में अभय ने जदयू के टिकट पर ही बेलागंज सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें उनकी हार हुई। राजद के सुरेंद्र यादव ने उनको 23,963 वोटों से शिकस्त दी। सुरेंद्र यादव को 79,708 और अभय कुशवाहा को 55,745 वोट मिले।

अभय ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। उनके हलफनामे के अनुसार, उनपर गया के वज़ीरगंज, बेलागंज, औरंगाबाद नगर थाना समेत अन्य थानों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में 16 मुक़दमे दर्ज हैं।

उनके पास नगदी, विभिन्न बैंकों में जमा, सोना और चार चक्का समेत 24,60,543 रुपये की चल संपत्ति है। वहीं, उनकी पत्नी के पास 21,67,090 रुपये की चल संपत्ति है।

अचल संपत्ति के रूप में उनके नाम पर एक बिल्डिंग है, जिसकी क़ीमत तीन करोड़ है और उनकी पत्नी के नाम पर भी एक बिल्डिंग है, जिसका मूल्य 7 करोड़ 30 लाख 50 हज़ार रुपये है। विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों से उनके ऊपर 86,49,583 रुपये और उनकी पत्नी के ऊपर 3,91,51,900 रुपये का क़र्ज़ है।

2019 का लोकसभा चुनाव और औरंगाबाद सीट

2019 में औरंगाबाद लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी। भाजपा के सुशील कुमार सिंह ने यहां से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद को 70,552 वोटों से शिकस्त दी थी। 2019 में उपेंद्र प्रसाद महागठबंधन (राजद+कांग्रेस+रालोसपा+वीआईपी+हम) के साझा उम्मीदवार थे।

चुनाव में भाजपा के सुशील कुमार सिंह को 4,27,721 और हम (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद को 3,57,169 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे बहुजन समाज पार्टी के नरेश यादव को 33,772 वोट प्राप्त हुए थे।

विधानसभा वार पार्टियों को मिले वोट

2019 के लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र अन्तर्गत आनेवाली छह विधानसभा सीटों में चार सीटों पर भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह सबसे आगे थे। सिर्फ दो विधानसभा सीट रफीगंज और गुरुआ पर हम (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद आगे रहे।

रफीगंज विधानसभा में हम (सेकुलर) के उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद 69,854 और भाजपा के उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह 64,824 वोट लाने में कामयाब रहे। गुरुआ विधानसभा में हम (सेकुलर) को 66,284 और भाजपा को 65,754 मत प्राप्त हुए थे।

वहीं, कुटुम्बा से भाजपा को 63,433 और हम (सेकुलर) को 49,989 वोट मिले। औरंगाबाद विधानसभा में भाजपा को 74,952 और हम (सेकुलर) को 67,200 वोट प्राप्त हुए।

इसी प्रकार, इमामगंज विधानसभा में भाजपा उम्मीदवार को 79,603 वोट और हम (सेकुलर) उम्मीदवार को 50,491 वोट मिले। टेकारी विधानसभा में भाजपा को 77,550 और हम (सेकुलर) उम्मीदवार को 53,028 वोट हासिल हुए।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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