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“2019 में चूक गए थे, इस बार किशनगंज में एनडीए की जीत होगी” – जदयू के मुजाहिद आलम ने कांग्रेस और AIMIM पर साधा निशाना

किशनगंज एएमयू सेंटर पर जदयू जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में निःशुल्क 224.02 एकड़ जमीन दी थी लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल होने के बावजूद राशि आवंटित नहीं की गयी।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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बिहार में एनडीए गठबंधन 2024 लोकसभा में 40 में से 40 सीटों पर जीत हासिल करेगा। यह कहना है किशनगंज के जदयू जिलाध्यक्ष मुजाहिद आलम का। किशनगंज में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में किशनगंज में जो एकमात्र सीट एनडीए गठबंधन जीतने में असफल रहा था, वह कमी इस बार पूरी कर सीमांचल की सभी सीटों पर एनडीए की जीत होगी।

उन्होंने कहा, “हमलोग 2019 से अब तक जनता दल यूनाइटेड के पार्टी संगठन को मज़बूत किये हैं और हमारी मज़बूत दावेदारी है कि जदयू को अगर यह सीट मिलती है और माननीय मुखयमंत्री जिनको भी उम्मीदवार तय करते हैं तो जो पिछली बार हमलोग चूक गए थे इस बार किशनगंज सीट हमलोग जीतने का काम करेंगे। लोग नेताओं के निकम्मेपन से दुखी हैं। उन्हें तलाश है ऐसे नेता की, जो उनके सुख दुःख में काम आए।”

लोकसभा चुनाव में किशनगंज से उम्म्मीदवारी पर क्या बोले मुजाहिद

किशनगंज लोकसभा सीट से एनडीए उन्हें टिकट देगी या नहीं इस सवाल पर मुजाहिद आलम ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का फैसला है और वह पार्टी के लिए काम करते हैं। “शीर्ष नेतृत्व जिसको चेहरा बना दे, हमारी तो मांग है। अभी मैं न विधायक हूँ न सांसद हूँ,” मुजाहिद आलम बोले।


पूर्व कोचाधामन विधायक ने किशनगंज एएमयू सेंटर और एम्स के मुद्दे पर स्थानीय कांग्रेस सांसद डॉ मोहम्मद जावेद आज़ाद को घेरा। उन्होंने कहा कि किशनगंज में चाहे एम्स का मामला हो या एएमयू सेंटर की स्थापना का मामला, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराई लेकिन कांग्रेस सांसद ने ठीक से पहल नहीं की। इसके परिणाम में न किशनगंज में एम्स हॉस्पिटल खुल सका और न ही एएमयू सेंटर के स्थापना के लिए फंड मिल सका।

मुजाहिद आलम ने आगे कहा कि एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन दिलाने के बाद वहां पहुँचने के लिए सड़क का निर्माण कराना था जिसके लिए उन्होंने तत्कालीन सांसद मरहूम असरारुल हक़ के साथ मिलकर ग्रामीणों को जमीन देने के लिए राज़ी किया। उनके अनुसार, मौजूदा किशनगंज सांसद ने इस बारे में पहल नहीं की जिसके कारण एम्स दरभंगा को मिल गया।

किशनगंज एएमयू सेंटर पर जदयू जिलाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में निःशुल्क 224.02 एकड़ जमीन दी थी लेकिन कांग्रेस के कार्यकाल होने के बावजूद राशि आवंटित नहीं की गयी।

एएमयू किशनगंज पर कांग्रेस की नीयत पर उठाया सवाल

“डॉ जावेद साहब और अख्तरुल ईमान साहब भाषण देते फिरते थे कि बिहार सरकार एक टुकड़े में जमीन दे पैसा रखा हुआ है कल से काम शुरू हो जाएगा। जमीन दिए हुए आज 13 साल हो रहा है आज तक फंड नहीं मिला। मैडम सोनिया गांधी जी ने 30 जनवरी 2014 को जो शिलान्यास किया वह चुनाव से पहले बस लॉलीपॉप था, न 136.82 करोड़ रुपये आवंटित था न टीचिंग, नॉन-टीचिंग पद स्वीकृत था।”

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आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से एएमयू सेंटर में साढ़े 10 करोड़ की राशि से 100-100 बेड की दो बिल्डिंग बनाई गई।

मुजाहिद आलम ने किशनगंज सांसद डॉ जावेद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह संसद में अपने जेब से एएमयू का बैनर निकाल कर खड़े हो जाते हैं। लोकसभा में कांग्रेस के 54 सांसद हैं, अगर उनकी पार्टी चाहती तो सभी सांसद डॉ जावेद के साथ किसी एक दिन तो बैनर लेकर खड़े हो सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि किशनगंज सांसद के पास जिले के विकास के लिए कोई विज़न नहीं था इसलिए पांच वर्षों में किशनगंज में काम नहीं हो सका।

आगे उन्होंने कहा कि किशनगंज में अक्सर खतरनाक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं इसलिए यहां ट्रॉमा सेंटर बनाने की आवश्यकता है। सीमांचल की नदियों से होने वाली तबाही को रोकने और उससे बिजली पैदा करने के लिए काफी कुछ किया जाना चाहिए था लेकिन डॉ जावेद इस मामले में असफल रहे। वहीं जिले में अलग अलग जगहों पर सोलर लाइट और हाई मास्ट लाइट्स लगाये गये लेकिन उनमें से आधे से अधिक खराब हो गए हैं।

वह आगे कहते हैं, “कार्यकर्त्ता भी उनसे नाराज़ हैं क्योंकि सांसद निधि या विधायक निधि कार्यकर्ताओं के लिए होता है। कोई अनुशंसा करे, सड़क, पुंल, पुलिया, चहारदीवारी… जो कार्यकर्ता काम करते हैं उनको भी दो पैसे की उम्मीद रहती है लेकिन सब काम वह अपने से कर लिए इसलिए कार्यकर्त्ता भी उनसे नाराज़ है।”

“AIMIM से कैसे विकास हो सकता है”

जदयू नेता ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम पर भी खूब हमले किये। उन्होंने कहा कि किशनगंज के लोगों ने 2020 विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम को मौका दे कर देख लिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने जितने वादे किए थे उनमें से किसी वादे को उनकी पार्टी पूरा नहीं कर सकी। पांच में से एआईएमआईएम के चार विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया क्योंकि वे सब उपेक्षित महसूस कर रहे थे।

असदुदीन ओवैसी पर मुजाहिद आलम कहते हैं, “टेढ़ागाछ में डिग्री कॉलेज, कोचाधमन में रेलवे स्टेशन, अमौर में ओवैसी हॉस्पिटल, सुरजापुरी मुस्लिम को केंद्र के ओबीसी लिस्ट में शामिल कराएंगे, एएमयू सेंटर किशनगंज को केंद्र सरकार से फंड दिलाएंगे और आर्टिकल 371 के तहत सीमांचल को विशेष पैकेज दिलाएंगे, ये सब बातें असदुदीन ओवैसी 2020 चुनाव में हर सभा में बोले हैं मेरे पास रिकॉर्ड है। एआईएमआईएम से कैसे विकास हो सकता है सरकार में जो है उसमें विकास हो सकता है।”

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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