बिहार के किशनगंज जिले के पोठिया की रीढ़ कही जाती है बेलवा-रामगंज सड़क। यह इकलौता मुख्य मार्ग है जिसके जरिए दामलबाड़ी, परलाबाड़ी, रायपुर, जहाँगीरपूर, पनासी, पहाड़कट्टा, शीतलपुर, कोल्था, छत्तरगाछ आदि पंचायतें पोठिया प्रखंड से जुड़ती है। साथ ही, यह सड़क प्रखंड सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र और शेष पंचायतें जैसे गोरुखाल, नौकट्टा, कुशियारी, सारोगोरा, टिपिझाडी, बुधरा आदि को जिला मुख्यालय से कनेक्ट करती है। लेकिन, प्रखंड मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर दूर बुधरा गाँव के समीप इस सड़क पर एक पुल इन तमाम कनेक्टिविटी को बरसात के मौसम में तोड़ देता है। वहीं सामान्य दिनों में यह जर्जर हालत के कारण लोगों की परेशानी का सबब बना रहता है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि पुल को जर्जर हुए कई साल हो गए हैं। आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। यहाँ तक कि बहुत कोशिशों के बाद शुरू हुई बस सेवा भी पुल के चलते एक महीने में ही बंद कर दी गई। इन तमाम नुकसानों के बावजूद पुल को लेकर कोई अच्छी खबर नहीं आ रही है। हालाँकि, एक वर्ष पहले ही 44 किलोमीटर लम्बी बेलवा-रामगंज सड़क का चौड़ीकरण हुआ और दर्जनों छोटे बड़े पुल बनाए गए। लेकिन अब तक इस पुल को लेकर कोई पहल नहीं हुई।
रैसुद्दीन इसी रूट पर रोजाना ई रिक्शा चलाते हैं। वह बताते हैं कि पुल जर्जर होने के कारण कभी-कभी पैसेंजर को मना कर देना पड़ता है। आगे वह बताते हैं कि इसी जगह उनका रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसे ठीक करने के लिए उन्हें लोन लेना पड़ा।
मोजिबुर रहमान निकट के गाँव बुधरा के रहने वाले हैं। वह बताते हैं कि यहाँ एक जमाने में लकड़ी का पुल हुआ करता था। लकड़ी का पुल बह जाने के बाद यह पुल बनाया गया है जो जान का जंजाल बन गया है। बरसात के दिनों में पानी ऊपर से बहने के कारण पुल को नाव के सहारे पार करना पड़ता है। और अब यह इतना जर्जर हो गया है कि आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। हालाँकि इन्हें उम्मीद है कि इस बरसात के बाद यह पुल बन जायेगा।
तैयबपूर के रहने वाले फिरोज आलम पोठिया बाज़ार में ई-रिक्शा चलाते हैं। उन्हें अक्सर इस रूट का पैसेंजर मिलता है। वह जब भी लोगों के बीच पुल की जर्जरता पर बात करते हैं तो पैसेंजर कहते हैं कि बाकी गाड़ियाँ तो चलती हैं, सारा दिक्कत टोटो वालों को ही है क्या ?
बुधरा गाँव के ही रहने वाले इम्तियाज आलम पोठिया बाज़ार में गैराज चालते है। उन्हें रोजाना इधर से गुजरना होता है। वह बताते हैं कि बरसात के दिनों में जब पुल के ऊपर से पानी बहता है, तो सभी गाड़ियों को प्रखंड या अस्पताल जाने के लिए बंगाल की तरफ से लगभग 20 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।
पुल को लेकर जब किशनगंज विधायक इजहारूल हुसैन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इसी पुल के जर्जर रहने के कारण चालू बस सेवा बंद कर दी गई।
Also Read Story
आगे उन्होंने कहा कि सड़क का काम पूरा हो गया है, पुल का भी निर्माण हो इसके लिए वह लगे हुए हैं।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।