बिहार के किशनगंज जिला अंतर्गत पोठिया प्रखंड के खरखड़ी घाट पर ग्रामीण लंबे समय से पुल की मांग कर रहे हैं। डोंक नदी किनारे स्थित खरखड़ी घाट पर स्थानीय लोगों ने अपने खर्च पर एक चचरी पुल बनाया है। ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय सांसद और विधायक से कई बार पुल की मांग की गई है लेकिन पुल निर्माण के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई।
स्थानीय लोगों ने “पुल नहीं तो वोट नहीं” के नारे के साथ एक बैठक बुलाई जिसमें आसपास के गांवों के लोगों से आने वाले चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करने को कहा गया। बैठक में लोगों ने आपसी सहमति से निर्णय लिया कि घाट पर जब तक पुल का निर्माण नहीं होता इलाके के लोग किसी भी चुनाव में वोट नहीं करेंगे।
बैठक में मौजूद स्थानीय जिला पार्षद प्रतिनिधि इनामुल हक़ ने कहा कि किशनगंज के ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यकारिणी पदाधिकारी ने उन्हें बताया है कि डोंक नदी किनारे स्थित खरखड़ी घाट पर पुल के निर्माण के लिए 18 करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया गया है जिसकी प्रशासनिक स्वीकृत का इंतज़ार है।
मोहगौर गांव निवासी हबीबुर रहमान ने बताया कि चचरी पुल के निर्माण में करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए और एक महीने की मशक्कत के बाद चचरी का पुल तैयार किया गया। निर्माण में खर्च हुए पैसों का इंतज़ाम चंद ग्रामीणों ने मिलकर किया।
उन्होंने आगे कहा कि सांसद और विधायक केवल आश्वासन देते हैं। हबीबुर रहमान की मानें कुछ समय पहले किशनगंज विधायक ने उनसे बताया था कि खरखड़ी घाट के पुल के निर्माण के लिए बजट पास हुआ था लेकिन उन पैसों से किसी दूसरी जगह पुल बनाया गया है।
मोहगौर के एक और निवासी अब्दुल मालिक ने बताया कि वह घाट के मालिक हैं और पुल निर्माण संघर्ष कमेटी के साथ जुड़े हैं। यह कमेटी स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई है ताकि खरखड़ी घाट पर पक्के पुल के निर्माण के लिए लगातार आवाज़ उठाई जाए। चचरी पुल का निर्माण भी इसी कमेटी के सदस्यों ने करवाया है।
उन्होंने आगे कहा कि पुल के निर्माण के लिए आस पास के कई गाँवों में घर घर जा कर बांस इकट्ठा किया गया। चचरी के पुल बनने से करीब आधार दर्जन पंचायत के लोग एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकेंगे।
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पिछले महीने ‘मैं मीडिया’ ने एक खबर चलाई थी जिसमें मोहगौर के रहने वाले नईमुद्दीन की मृत्यु के बाद नाव पर सवार हो कर सैकड़ों की तादाद में लोग गांव पहुंचे थे। घाट पर केवल एक ही नाव मौजूद होने के कारण नाव चालक घंटों तक लोगों को उस पार से इस पार लाते रहे। इस दौरान एक बार नाव पलट भी गई और लोग पानी में जा गिरे ग़नीमत रही की इस हादसे में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
जब नाव पलटी तो उसमें स्थानीय निवासी मोहम्मद मसीउज़्ज़मां भी सवार थे। उन्होंने बताया कि पुल न होने से महिलाओं को सबसे अधिक दिक्कतें आती हैं। खासकर अस्पताल ले जाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ साथ स्कूल जाने वाले बच्चों को भी बहुत तकलीफ उठानी पड़ती है।
डोंक नदी के तट पर मौजूद खरखड़ी घाट पर पुल न बनने से ग्रामीण स्थानीय सांसद और विधायक से नाखुश हैं। इस मामले में हमने किशनगंज सांसद मोहममद जावेद के कार्यालय को संपर्क किया। वहां से मिली जानकारी के अनुसार महानंदा नदी किनारे खरखड़ी – भेरभेरी घाट पर पुल निर्माण कार्य को प्राथमिकता देते हुए सरकारी स्वीकृति दिलाई गई है।
डोंक नदी वाले खरखड़ी घाट पर पुल निर्माण के लिए चेक लिस्ट और आरेखन तैयार कर ग्रामीण कार्य विभाग के चीफ इंजीनियर को सौंपा गया है। किशनगंज सांसद मोहम्मद जावेद ने 27 अक्टूबर को ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री को पत्र लिख कर चेकलिस्ट स्वीकार कर पुल निर्माण कार्य में तेज़ी लाने के लिए अपील की है।
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