बिहार के अररिया जिला अंतर्गत जोकीहाट प्रखंड स्थित यादव टोला गैरकी का यह प्राथमिक विद्यालय टीन के शेड तले चल रहा है। स्कूल के बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं।
बांस की टट्टी से बनाए गए सिर्फ दो कमरों में ही एक से पांचवीं कक्षा के छात्रों को बैठना पड़ता है। छात्रों को बारिश और गर्मी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वहीं ठंड के मौसम में सर्द हवाओं के कारण विद्यालय में बैठकर पढ़ाई कर पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है। विद्यालय में तीन शिक्षक हैं जो आस पास के घरों से कुर्सियां मांग कर बैठते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि 2007 में बिना किसी भवन के स्कूल की स्थापना की गई थी। उस समय विद्यालय ग्रामीणों के घरों में चलता था। बीच में स्कूल को एक किलोमीटर दूर प्राथमिक विद्यालय बागेश्वरी के साथ टैग किया गया था लेकिन वहां भी जगह की कमी थी जिस कारण यादव टोला गैरकी में ही विद्यालय को दोबारा शुरू किया गया।
बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में शिक्षक रोज़ाना आते हैं और बच्चों को सीमित सुविधाओं के बावजूद अच्छी शिक्षा देते हैं लेकिन भवन न होने से बच्चों को पढ़ने में कठिनाइयां होती हैं। पिछले 5-6 सालों से यह प्राथमिक विद्यालय इसी हालत में है।
स्कूल के प्रधान शिक्षक वीरेंद्र रजक ने बताया कि पहले इस प्राथमिक विद्यालय की जमीन उपलब्ध नहीं थी, इसलिए अन्य जगहों पर स्कूल चला रहे थे। जब इस विद्यालय को बागेश्वरी प्राथमिक विद्यालय में टैग किया गया तो वहां केवल एक कमरा मिला था जिसमें स्कूल चलाना संभव नहीं हो पाया।
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काफी प्रयासों के बाद विद्यालय को देव स्थल की जमीन उपलब्ध कराई गई जिसके बाद विभाग द्वारा दी गई 50 हज़ार की राशि से टीन का शेड देकर स्कूल तैयार किया गया। वीरेंद्र रजक के अनुसार भवन निर्माण के कागज़ात विभाग तक पहुंच चुके हैं लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
इस मामले को लेकर हमने जोकीहाट प्रखंड शिक्षा कार्यालय से संपर्क किया। कार्यालय की तरफ से कहा गया कि प्राथमिक विद्यालय यादव टोला गैरकी के भवन निर्माण से संबंधित कागज़ात पटना भेजे गए हैं। राशि आवंटित होने पर जल्द भवन का निर्माण करा लिया जाएगा।
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