किशनगंज जिला मुख्यालय सहित पोठिया प्रखंड और पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा को जोड़ने वाला यह पुल बीते छह वर्षों से जर्जर हालत में है। रमज़ान नदी के पर बने इस पुल का एक भाग वर्ष 2017 की भीषण बाढ़ में बह गया था। पुल के एक छोर पर किशनगंज प्रखंड का सतिघटा गांव पड़ता है और दूसरी तरफ पोठिया प्रखंड का चौंदी गांव स्थित है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल दो प्रखंडों के बीचोबीच स्थित है इसलिए इसके निर्माण कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। जर्जर पुल की समस्या के साथ साथ पक्की सड़क का भी अभाव है।
स्थानीय निवासी साबिर आलम ने बताया कि तत्कालीन जिला परिषद सदस्य स्वर्गीय इसराइल हक़ ने अपने निजी फंड से इस जर्जर पुल की मरम्मत करवाई थी और चदरे का एक स्थाई पुल बनवाया था, लेकिन अब यह पुल बुरी तरह से जर्जर हो चुका है और रोज़ हादसे को दावत दे रहा है।
पुल से गुज़र रहे अब्दुस सत्तार ने बताया कि यह पुल काशीपुर को चौंदी गांव से जोड़ता है। बारिश के दिनों में आवाजाही में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। वहीं, शमीम अख्तर ने कहा कि चुनाव के समय नेतागण बड़े बड़े वादे कर वोट मांगते हैं लेकिन कभी इस पुल के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाते।
हमने इस जर्जर पुल के बारे में किशनगंज सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद आज़ाद से बात की, तो उन्होंने बताया कि इस पुल से संबंधित मामले पर पहल की गई होगी और अगर अब तक पहल नहीं की गई है, तो जल्द वस्तुस्थिति को जानकर नए पुल के निर्माण के लिए पहल करेंगे।
Also Read Story
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।