Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

जस्टिस विनोद के चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की बेंच ने इस पर रोक का आदेश देते हुए अगली सुनवाई 3 जुलाई को मुकर्रर की है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :
Interim stay to Caste census in Bihar by Patna High court

बिहार में चल रही जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।


जस्टिस विनोद के चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की बेंच ने इस पर रोक का आदेश देते हुए अगली सुनवाई 3 जुलाई को मुकर्रर की है।

Also Read Story

कौन हैं बिहार में 65% आरक्षण ख़त्म करने के लिये हाईकोर्ट जाने वाले याचिकाकर्ता?

बिहार: पटना हाईकोर्ट ने 65 प्रतिशत आरक्षण वाले कानून को किया रद्द

बिहार जातीय गणना में मुस्लिम ‘कलाल-एराकी’ व ‘कसेरा-ठठेरा’ जातियों को ‘बनिया’ में गिने जाने से चिंता बढ़ी

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक पर राज्यपाल की लगी मुहर

अनुसूचित जाति की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाले मुसहर सबसे पिछड़े क्यों हैं?

बिहार की मुस्लिम जातियां: पलायन में मलिक व सुरजापुरी आगे, सरकारी नौकरी में भंगी व सैयद, शेरशाहबादी कई पैमानों पर पीछे

“दलित-पिछड़ा एक समान, हिंदू हो या मुसलमान”- पसमांदा मुस्लिम महाज़ अध्यक्ष अली अनवर का इंटरव्यू

बिहार जाति गणना में सुरजापुरी मुस्लिम की आबादी कम बताई गई है: किशनगंज सांसद

बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक सदन में पास, अब 75 फीसद होगा आरक्षण

अदालत ने अब तक संग्रह किये गये आंकड़ों को संरक्षित रखने और तब तक सार्वजनिक नहीं करने को कहा है, जब तक अदालत इस पर अंतिम फैसला नहीं दे देती है।


उल्लेखनीय हो कि जातीय जनगणना में लोगों की जाति, आय, संपत्ति आदि के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

जनगणना की इस प्रक्रिया को निजता के अधिकार का हनन बताते हुए इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में कई संगठनों की ओर से याचिकाएं दाखिल की गई थी।

सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए निजता के हनन के सवाल पर कहा था कि लोगों के फायदे के लिये यह जनगणना कराई जा रही है और 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सरकार ने यह भी कहा था कि इसको लेकर आमलोगों की तरफ से कोई शिक़ायत भी नहीं आई है।

बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के पहले चरण में घरों और गणना की थी और दूसरे चरण में जातियों की जनगणना की जा रही है। इसमें हर जाति के लिए कोड निर्धारित किये गये हैं।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

बिहार में प्रजनन दर, आरक्षण और 94 लाख गरीब परिवारों पर सदन में क्या बोले नीतीश कुमार

नीतीश सरकार 94 लाख गरीब परिवारों को देगी दो-दो लाख रुपये, आवास के लिए सहायता राशि भी बढ़ाएगी

बिहार जातीय गणना रिपोर्टः सरकारी नौकरियों में कायस्थ सबसे अधिक, राज्य में सिर्फ 7 फीसद लोग ग्रेजुएट

नीतीश से मिलकर सांसद जावेद व इलाके के विधायक बोले- सुरजापुरी को मिले ईबीसी आरक्षण

मंगलवार को बिहार विधानसभा के पटल पर रखी जायेगी जाति गणना की पूरी रिपोर्ट

सुरजापुरी मुसलमानों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाये: सांसद डॉ. जावेद

बिहार विधानसभा व कैबिनेट में किन जातियों को कितना प्रतिनिधित्व मिला है? 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

दशकों से एक पुराने टूटे पुल के निर्माण की राह तकता किशनगंज का गाँव

क्या पूर्णिया के गाँव में मुसलमानों ने हिन्दू गाँव का रास्ता रोका?

बिहार में जीवित पेंशनधारियों को मृत बता कर पेंशन रोका जा रहा है?

शादी, दहेज़ और हत्या: बिहार में बढ़ते दहेज उत्पीड़न की दर्दनाक हकीकत

किशनगंज: एक अदद सड़क को तरसती हजारों की आबादी