जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद से विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर आक्रामक रुख अपनाये हुए है।
अररिया से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा और इस रिपोर्ट को समाज को तोड़ने वाला बता दिया। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना में 27 बिंदु थे जिनमें बिहार वासियों का आर्थिक आकलन करना था लेकिन केवल जाति की रिपोर्ट तैयार की गई है।
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“आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग को सहायता दे सरकार”
”किस जाति कि कितनी आमदनी है, आमदनी का क्या स्रोत है? यह उजागर होना चाहिए। जो आर्थिक रूप से पिछड़ा है उसके लिए प्रावधान कीजिए बजट में। आप जातीय जनगणना कराकर क्या करना चाहते हैं, जाति उन्माद फैलाना चाहते हैं? बिहार में बैकवर्ड, फॉरवर्ड के वोट की राजनीति करते हैं। यह वोट की राजनीती मत कीजिए,” प्रदीप कुमार सिंह ने कहा।
उन्होंने जाति आधारित गणना से असहमति जताते हुए कहा कि भारतीय संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर ने जातीय जनगणना का विरोध कर जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के साथ एक बैठक में कहा था कि जातीय जनगणना देश की तरक्की के लिए ठीक नहीं है।
”अरे, जात की बात क्यों करते हो, अब सब जात का भला हो। गरीब अमीर हर जात में होता है। दलित में भी गरीबी है, पिछड़ा, अति पिछड़ा में भी गरीबी है। मैं खुद अति पिछड़ा हूँ। ब्रह्मण, राजपूत, भूमिहार में भी गरीबी है। इसलिए आर्थिक जनगणना करनी चाहिए। आर्थिक रूप से कमज़ोर स्थिति वालों के लिए बिहार सरकार बजट में प्रावधान करे कि उनकी आर्थिक स्थिति कैसे सुधरेगी,” प्रदीप कुमार सिंह कहते हैं।
“बिहार में कोई निवेशक आना नहीं चाहता”
अररिया सांसद ने बिहार में रोज़गार और उद्योग की कमी पर नीतीश कुमार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उत्तर प्रदेश का ज़िक्र किया।
उन्होंने कहा, ”18 साल आपको बिहार की जनता ने मुख्यमंत्री बना के रखा, आप ने बिहार में एक फैक्ट्री नहीं लगायी। आज भी लाखों लोग पलायन करते हैं बिहार से मज़दूरी के लिए। इसका जवाबदेह कौन है? मुख्यमंत्री नहीं है?, बगल में यूपी राज्य है जहां योगी जी मुख्यमंत्री हैं। वहां 32 लाख करोड़ के निवेशक आते हैं, फैक्ट्री लगती है लेकिन आपके बिहार कोई आना नहीं चाहता है क्योंकि बिहार में कानून व्यवस्था नहीं है।”
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