किशनगंज के सांसद डॉ. जावेद आजाद की अगुवाई में कोचाधामन के विधायक हाजी इजहार असफी, बहादुरगंज विधायक अंजार नईमी, बायसी विधायक रुकनुद्दीन, ठाकुरगंज विधायक सऊद असरार, किशनगंज विधायक इजहारुल हुसैन और बिहार सरकार में मंत्री रहे हाजी अब्दुस सुब्हान ने सामूहिक रूप से सुरजापुरी मुस्लिमों को ईबीसी आरक्षण में शामिल करने की मांग की।
सभी नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। इसके बाद सांसद जावेद आजाद समेत प्रतिनिधिमंडल के सभी नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस किया। प्रेस कांफ्रेंस में कटिहार के बलरामपुर से भाकपा (माले) विधायक महबूब आलम भी मौजूद थे।
प्रेस कांफ्रेंस में सांसद जावेद आजाद ने कहा कि उनलोगों ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन देकर सुरजापुरी मुस्लिमों को ईबीसी आरक्षण में शामिल करने और साथ साथ केंद्र सरकार की सेंट्रल ओबीसी लिस्ट में भी सुरजापुरी मुस्लिमों को जोड़ने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने नीतीश कुमार से बिहार के पूर्णिया प्रमंडल में रहने वाली सुरजापुरी मुस्लिम आबादी को क्षेत्रीय आधार से वर्गीकरण के दायरे को विस्तृत करते हुए जातीय आधार पर नासिया शेख जाति के अंतर्गत लाते हुए बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) और केंद्र सरकार के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण सूची में जोड़ने का अनुरोध किया।
सांसद डॉ. मो. जावेद के नाम से जारी पत्र में लिखा गया है, “पूर्वोत्तर बिहार, उत्तर बंगाल व असम के कुछ हिस्सों में नासिया शेख जाति निवास करती है, जिन्हें पश्चिम बंगाल में राज्य और केंद्र दोनों जगह ओबीसी आरक्षण सूची में जगह दी गई है। बिहार के पूर्णिया प्रमंडल में निवास करने वाली नासिया शेख आबादी को बिहार सरकार क्षेत्रीय तथा सुरजापुरी बोली के आधार पर सीमित करते हुए सुरजापुरी मुस्लिम जाति से वर्गीकृत कर बिहार में पिछड़ा वर्ग अनुसूची-2 के अंतर्गत रखा है।”
पत्र के अनुसार, नासिया शेख को क्षेत्रीय आधार पर सुरजापुरी मुस्लिम जाति के तौर पर चिन्हित कर इसे बिहार के पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में रखना सरासर अन्याय है और नासिया शेख वर्ग का गलत आइडेंटिफिकेशन है।
पत्र में आगे कहा गया, “सुरजापुरी मुस्लिम जाति वास्तव में नासिया शेख है। इसका उल्लेख ब्रिटिश गैजेटियर में भी किया गया था। सुरजापुरी मुस्लिम जाति की एक बड़ी संख्या की जमीन के कागजात और केवाला में पूर्वजों के नाम के आगे शेख लगा होना इन्हें नासिया शेख वर्ग से प्रासंगिक करताहै।”
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डॉ. जावेद के अनुसार, इस संबंध में उनके द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय से कई बार पत्राचार हुआ है और लोकसभा में सदन के माध्यम से उन्होंने इस मुद्दे को उठाया है। सांसद जावेद की मानें तो इस मामले में केंद्र सरकार हर बार राज्य सरकार से अनुशंसा प्राप्त न होने की जानकारी देती है।
सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सुरजापुरी मुस्लिमों को जातीय आधार पर चिन्हित करते हुए पश्चिम बंगाल के तर्ज पर राज्य और केंद्र दोनों जगह ओबीसी आरक्षण के अधीन लाने का अनुशंसा पत्र केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय को भेजने की मांग की।
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