Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

नीतीश सरकार 94 लाख गरीब परिवारों को देगी दो-दो लाख रुपये, आवास के लिए सहायता राशि भी बढ़ाएगी

संबोधन के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि 63 हजार गरीब परिवार, जिनके पास आवास नहीं है, उनको सरकार आवास की सुविधा उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को सरकार द्वारा जमीन खरीदने और घर बनाने के लिए दी जानेवाली सहायता राशि को बढ़ाया जायेगा।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि राज्य के 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये देगी। यह पैसा सभी परिवारों को मदद के तौर पर दिया जाएगा ताकि उस पैसे से वे कोई काम शुरू कर सकें।

नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के संबोधन के दौरान यह ऐलान किया। विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को ही शुरू हो गया है। सत्र के दूसरे दिन जाति आधारित गणना से संबंधित विभिन्न जातियों की आर्थिक व सामाजिक रिपोर्ट पुस्तिका विधायकों को बांटी गई, जिसपर विधायकों द्वारा कई सवाल भी उठाये गए।

नीतीश कुमार ने कहा कि यह राशि सभी परिवारों को दी जायेगी, चाहे वो हिंदू हो मुस्लिम हो या फिर ओबीसी, एससी, एसटी या फिर सामान्य वर्ग।


“जातीय आधारित गणना में पता चला है कि सभी जातियों के लगभग 94 लाख परिवार गरीब हैं और उनके पास कोई रोज़गार नहीं है। ऐसे हर परिवार को दो लाख रुपये सरकार की तरफ से मदद दी जायेगी, ताकि वे कोई काम शुरू करें, यह हमलोगों का विचार है,” उन्होंने कहा।

आवास बनाने के लिए दी जानेवाली सहायता राशि बढ़ेगी

संबोधन के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि 63 हजार गरीब परिवार, जिनके पास आवास नहीं है, उनको सरकार आवास की सुविधा उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को सरकार द्वारा जमीन खरीदने और घर बनाने के लिए दी जानेवाली सहायता राशि को बढ़ाया जायेगा।

“63,850 परिवारों के पास रहने के लिए आवास की सुविधा नहीं है। इन सभी को अभियान चलाकर आवास की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। अभी सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को जमीन खरीदने के लिए 60 हजार रुपये देती है। हम सोच रहे हैं कि 60 हजार की जगह पर ऐसे परिवारों को एक लाख रुपये दिया जाए,” उन्होंने कहा।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा, “ऐसे परिवारों को घर बनाने के लिए एक लाख रुपये दिये जाते हैं, अब 1 लाख 20 हजार रुपये दिये जाएंगे। आगे और जरूरत पड़ेगी तो और बढ़ाया जायेगा। हम एक-एक आंकड़ा एक-एक चीज देखे हैं। इनको लागू करने में 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये लगेंगे,”।

Also Read Story

बिहार जातीय गणना में मुस्लिम ‘कलाल-एराकी’ व ‘कसेरा-ठठेरा’ जातियों को ‘बनिया’ में गिने जाने से चिंता बढ़ी

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक पर राज्यपाल की लगी मुहर

अनुसूचित जाति की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाले मुसहर सबसे पिछड़े क्यों हैं?

बिहार की मुस्लिम जातियां: पलायन में मलिक व सुरजापुरी आगे, सरकारी नौकरी में भंगी व सैयद, शेरशाहबादी कई पैमानों पर पीछे

“दलित-पिछड़ा एक समान, हिंदू हो या मुसलमान”- पसमांदा मुस्लिम महाज़ अध्यक्ष अली अनवर का इंटरव्यू

बिहार जाति गणना में सुरजापुरी मुस्लिम की आबादी कम बताई गई है: किशनगंज सांसद

बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक सदन में पास, अब 75 फीसद होगा आरक्षण

बिहार में प्रजनन दर, आरक्षण और 94 लाख गरीब परिवारों पर सदन में क्या बोले नीतीश कुमार

बिहार जातीय गणना रिपोर्टः सरकारी नौकरियों में कायस्थ सबसे अधिक, राज्य में सिर्फ 7 फीसद लोग ग्रेजुएट

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

नीतीश से मिलकर सांसद जावेद व इलाके के विधायक बोले- सुरजापुरी को मिले ईबीसी आरक्षण

मंगलवार को बिहार विधानसभा के पटल पर रखी जायेगी जाति गणना की पूरी रिपोर्ट

सुरजापुरी मुसलमानों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाये: सांसद डॉ. जावेद

बिहार विधानसभा व कैबिनेट में किन जातियों को कितना प्रतिनिधित्व मिला है? 

“जातीय गणना कर बिहार में उन्माद फैलाना चाहती है नीतीश सरकार”: अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह 

“सभी वर्गों का होगा विकास”, जाति आधारित रिपोर्ट पर बोले नीतीश कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?