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बिहार में जातीय जनगणना में क्या क्या सवाल पूछे जा रहे हैं?

15 अप्रैल से बिहार में जातीय जनगणना का दूसरा फेज़ शुरू होने जा रहा है और उसके लिए बिहार सरकार ने सूबे की 215 जातियों का कास्ट कोड तय कर दिया है। जिसके माध्यम से जातियों की पहचान करने में आसानी होगी।

Ariba Khan Reported By Ariba Khan |
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15 अप्रैल से बिहार में जातीय जनगणना का दूसरा फेज़ शुरू होने जा रहा है और उसके लिए बिहार सरकार ने सूबे की 215 जातियों का कास्ट कोड तय कर दिया है। जिसके माध्यम से जातियों की पहचान करने में आसानी होगी।

आपको बता दें कि 7 जनवरी 2023 से नीतीश सरकार ने बिहार में जातिगत जनगणना का काम शुरू किया था। जातियों की गिनती का यह काम दो चरणों में पूरा होना था। तय हुआ था कि पहले चरण में घरों की गिनती होगी और दूसरे चरण में जातियों को गिना जाएगा।

अब जातिगत जनगणना का पहला चरण पूरा हो चुका है और 15 अप्रैल 2023 से जनगणना का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है, जिसमें लोगों की जातियों को गिना जाएगा। इस काम को आसान बनाने के लिए बिहार सरकार ने प्रदेश की 214 अलग-अलग जातियों के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित किए हैं। जिन लोगों की जातियों का कोड नहीं दिया गया है उनके लिए 215 यानी अन्य में जगह दी गई है।


जाति कोड

जाति कोड के अनुसार पहले नंबर पर अघोरी जाति है वहीं केवानी जाति को 214 कोड दिया गया है। ब्राह्मण के लिए यह कोड 126 है, जबकि कायस्त का कोड 21 है, राजपूत का 169, भूमिहार का कोड 142, कुर्मी का कोड 24, कुशवाहा कोइरी को कोड नंबर 26 दिया गया है। यादव जाति का कोड 165 दिया गया है जिसमें ग्वाला, गौरा, घासी, मेहर, अहीर, लक्ष्मीनारायण गोला, सदगोप शामिल हैं। नाई को 99, तिली और तेली को क्रमशः 79 और 83 कोड दिए गए हैं, धानुक को 91, धोबी या रजक को 95, नोनिया 103, मुसहर 158, राजपूत 169, राजवंशी 171, संथाल 199, इसके अलावा बनिया जाति के लिए 122 कोड तय किया गया है, जिसमें वैश्य, सूड़ी समेत अन्य शामिल है।

वहीं पठान को 105 कोड दिया गया है, शेरशाहबादी 182, मुस्लिम में धोबी को 96 कोड, धुनिया को 94, मलिक 150, अंसारी या जुलाहा 161, भाट 137 और सैयद जाति को 193 कोड दिया गया है। वहीं इदरीसी को 7, कसाई को 17, कुल्हैया 25, चीक 62, मुस्लिम फकीर, दीवान और मदार को संयुक्त रूप से 183, सीमांचल के 4 जिलों के सुरजापुरी मुसलमानों को 188 कोड दिया गया है, जिसमें शेख, सैयद, मलिक, मोगल और पठान शामिल नहीं होंगे।

17 सवाल पूछे जाएंगे

15 अप्रैल से शुरू होने वाली जातीय जनगणना के दूसरे चरण में परिवार के सभी सदस्यों के संबंध में 17 सवाल पूछे जाएंगे। आइए अब यह जानते हैं कि वे 17 सवाल आखिर क्या होंगे। प्रपत्र में कुल 17 प्रश्नों में से 15 प्रश्न के विकल्प और कोड अंकित किए गए हैं। बाकी शुरू के 2 प्रश्नों के लिए खाली जगह छोड़ी गई है। पहले प्रश्न में परिवार के सदस्यों के नाम पूछे जाएंगे और दूसरे प्रश्न में प्रपत्र भरने वाले व्यक्ति के पिता या फिर पति का नाम पूछा जाएगा। तीसरे प्रश्न में परिवार के प्रधान के संबंध में पूछा जाएगा जिसमें कोड के साथ कई विकल्प दिए गए होंगे। इसके अंतर्गत एक परिवार में मात्र उन व्यक्तियों की गणना की जाएगी जो एक ही रसोई में भोजन करते हों। साथ ही विवाहित महिलाओं और उनके बच्चों आदि की गणना उनके ससुराल में की जाएगी।

चौथे प्रश्न में परिवार के प्रत्येक सदस्य की आयु पूछी जाएगी, पांचवें प्रश्न में परिवार के सदस्यों का लिंग पूछा जाएगा, छठे प्रश्न में आपसे आपकी वैवाहिक स्थिति पूछी जाएगी, जिसके लिए अविवाहित, विवाहित, विधवा या विधुर, संबंध विच्छेदित और तलाकशुदा समेत 5 विकल्प दिए गए होंगे। यहां संबंध विच्छेदित का मतलब होगा कि पति-पत्नी का संबंध वैधानिक प्रक्रिया से समाप्त हो चुका है और तलाकशुदा का मतलब होगा कि पति पत्नी का संबंध धार्मिक प्रक्रिया से समाप्त किया गया है।

सातवें प्रश्न में आपसे धर्म पूछा जाएगा, जिसके लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन समेत आठ विकल्प दिए जाएंगे। किसी मज़हब को नहीं मानने वालों के लिए ‘कोई धर्म नहीं’ का विकल्प मौजूद है।

आठवें प्रश्न में जाति पूछी जाएगी, जिसके लिए बिहार सरकार द्वारा निर्धारित किए गए जाति के कोड को भरा जाएगा। जातियों का यह कोड भविष्य की योजनाएं तैयार करने में भी उपयोग किया जा सकेगा।

नौवें प्रश्न में शैक्षणिक स्थिति पूछी जाएगी जिसके लिए कुल 53 विकल्प और उनके कोड दिए जाएंगे। ऐसे लोग जिन्होंने कभी भी शिक्षण संस्थान में किसी तरह की शिक्षा नहीं ली है उन्हें पूर्व प्राथमिक की श्रेणी में रखा जाएगा।

इसके बाद दसवें प्रश्न में रोजगार के साधन पूछे जाएंगे, जिसके लिए प्रपत्र में 15 विकल्प मौजूद होंगे। इसमें सरकारी नौकरी से लेकर विद्यार्थी, ग्रहणी, भिखारी और कचरा बीनने तक के विकल्प शामिल किए गए हैं।

11वें नंबर पर आवासीय स्थिति के बारे में सवाल होगा, जिसके लिए 5 विकल्प दिए गए होंगे, इसमें 2 कमरों से ज्यादा का पक्का मकान, एक कमरे का पक्का मकान, खपरैल या टीन की छत वाला घर, झोपड़ी, और आवासहीन का विकल्प शामिल होगा।

इसके बाद 12 वां सवाल अस्थाई प्रवास की स्थिति के बारे में है। इसका मतलब है कि अगर परिवार का कोई सदस्य स्थाई घर से बाहर रहते हुए या तो शिक्षा प्राप्त कर रहा है, व्यापार या नौकरी कर रहा है, तो उसके बारे में जानकारी देनी होगी। इसके लिए भी प्रपत्र में छह विकल्प मौजूद हैं।

13 वें प्रश्न में पूछा जाएगा कि परिवार में कितने कंप्यूटर या लैपटॉप मौजूद हैं, और उनमें इंटरनेट की सुविधा है या नहीं। 14 वां सवाल होगा, घर में मौजूद वाहनों के बारे में। जिसके लिए दो, तीन या चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर और ‘कुछ नहीं’ समेत छह विकल्प दिए गए होंगे।

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15 वें प्रश्न में पूछा जाएगा कि परिवार के पास कृषि के लिए कितनी भूमि मौजूद है। इसके लिए 0 से लेकर 5 एकड़ से अधिक तक के दस विकल्प मौजूद होंगे। साथ ही 16 वें प्रश्न में आपसे आपकी आवासीय भूमि के बारे में पूछा जाएगा। इसके लिए सात विकल्प दिए गए होंगे। ‌अंत में सवाल नंबर 17 में परिवार की कुल मासिक आय पूछी जाएगी, जिसमें आय के सभी स्रोतों को शामिल किया जाएगा।

15 अप्रैल से शुरू होने वाली इस जनगणना में प्रपत्र के अलावा पोर्टल और एक मोबाइल ऐप का भी इस्तेमाल किया जाएगा। जिसका नाम ‘बिहार जाति आधारित गणना ऐप’ है।

इसमें जाति के अंकों के आधार पर बनाए गए कोड भरे जाएंगे। इसका फायदा यह होगा कि एक से अधिक बार गणना होने से बचा जा सकेगा। अगर एक ही परिवार के जातियों के गणना दोबारा कराई जाएगी तो ऐप के जरिए यह पकड़ में आ सकता है।

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अरीबा खान जामिया मिलिया इस्लामिया में एम ए डेवलपमेंट कम्युनिकेशन की छात्रा हैं। 2021 में NFI fellow रही हैं। ‘मैं मीडिया’ से बतौर एंकर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट जुड़ी हैं। महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर खबरें लिखती हैं।

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