किशनगंज: गत सप्ताह सीमावर्ती क्षेत्रों सहित नेपाल के तराई भागों में भारी बारिश से कनकई नदी उफना गयी थी। अब मौसम साफ होते ही नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट व कटाव देखा जा सकता है। तेजी से कटाव को लेकर दिघलबैंक की पथरघट्टी पंचायत के ग्वालटोली और छोटा गुवाबारी के लोग सहमे हुए है।
बता दें कि ग्वालटोली में कनकई नदी में पिछले कुछ वर्षों से बरसात के मौसम में कटाव हो रहा है। कटाव को लेकर कई सालों बाद भी कोई ठोस पहल नहीं की गयी है। संभावित बाढ़ को लेकर इस बार भी स्थानीय ग्रामीण सहमे हुए हैं।
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कटाव को लेकर पथरघट्टी पंचायत के पूर्व सदस्य शकील आलम, लजामुद्दीन,राशिद आलम, जाकिर आलम, फिरोज आलम, कासिम आदि ग्रामीणों ने बताया कि ग्वालटोली में बीते वर्ष जबरदस्त कटाव हुआ था। कटाव में सड़क व आधा गांव नदी में समा गये थे। एक साल बीत गया और इस बार भी कटाव जारी है, पर प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने बताया कि पहली बारिश के उफान में ही एक बार फिर कटाव शुरू हो गया है और अगर समय रहते प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि ठोस पहल नहीं करते हैं, तो आने वाले दिनों में ग्वालटोली गांव का बचे हुए हिस्से को भी नदी में समाते देर नहीं लगेगी।
हालांकि, कुछ ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व कटाव निरोधी कार्य नाम मात्र का हुआ था, जो नाकाफी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व संबंधित विभाग से गांव को कटने से बचाने के लिए बोल्डर पिचिंग कार्य की मांग की है ताकि गांव को कटने से बचाया जा सके।
गौरतलब है कि पथरघट्टी पंचायत से होकर बहने वाली कनकई नदी ने पिछले कुछ वर्षों से ग्वालटोली, दोदरा, कमरखोद, छोटा गुवाबारी आदि में जमकर कहर बरपाया है, जहां दर्जनों घर, सरकारी विद्यालय, सड़क आदि नदी में समा चुके हैं।
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