चौथी कक्षा की छात्रा सोनम थर्मोकोल की बनी इस जुगाड़ नाव पर ही रोज़ाना स्कूल जाती है, न केवल सोनम बल्कि पूरे गांव के लिए यह जुगाड़ नाव ही एकमात्र लाइफलाइन है। ये तस्वीरें हैं बिहार के कटिहार जिले के बलरामपुर प्रखंड की, जहां बिजौल पंचायत के बिजौल-सबनपुर गांव के लोग लंबे समय से एक पुल की मांग कर रहे हैं।
बिजौल पंचायत और कमरा पंचायत के सीमावर्ती क्षेत्र में बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं है। ग्रामीण अपनी सभी जरूरतों के लिए महानंदा नदी की एक धारा को जुगाड़ नाव से पार करने पर मजबूर हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष बरसात में गांव पूरी तरह से पानी से घिर जाता है। महीनों तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। किसी के अचानक बीमार हो जाने पर अस्पताल जाने में सबसे अधिक कठिनाइयां आती हैं।
नदी पार कर हाट जा रहे मोहम्मद शकील ने बताया कि आने जाने का कोई रास्ता न होने के कारण ग्रामीणों को नदी की धारा पार करनी पड़ती है या खेत से होकर कई किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है। सालों पहले बाढ़ में हुए कटान के कारण वे लोग धारा के इस पार रह गए। उनकी मानें तो बिहार सरकार की सड़क वाली ज़मीन पर अब तक सड़क या पुल की सुविधा नहीं दी गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि पुल का निर्माण हुआ, तो यह रास्ता बलरामपुर प्रखंड को कदवा प्रखंड से जोड़ देगा जिससे हज़ारों ग्रामीणों को फायदा होगा।
सबनपुर गांव निवासी किसान मोहम्मद तौफीक पुल न बनने से बेहद निराश हैं। उन्होंने कहा कि कि रास्ता बनने का इंतजार करते करते वह अब बूढ़े हो चुके हैं। गांव के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। चुनाव आता है, तो नेता वोट मांगने आते हैं पर कोई काम नहीं करते।
विधायक-सांसद का अधूरा वादा
अपने बच्चों के साथ धारा की दूसरी तरफ जाने के इंतजार में बैठे मोहम्मद सनोव्वर ने बताया कि धारा के इस पार करीब 50 घर हैं, लेकिन स्कूल, हाट और अस्पताल जैसी सभी सुविधाएं उस पार हैं। स्थानीय विधायक महबूब आलम ने चुनाव से पहले वादा किया था कि चुनाव जीतते ही वह सबसे पहले इस पुल का निर्माण कराएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
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स्थानीय युवा मोहम्मद फिरोज ने बताया कि पिछले दिनों उनकी मां बीमार पड़ी थीं, तो उन्हें अस्पताल ले जाने में काफी मुश्किलें पेश आई थीं। गांव में कोई बीमार पड़ गया, तो उसे खटिया पर खेत के मेड़ से होकर ले जाना पड़ता है, जिससे खेत खराब होने का डर रहता है। अक्सर खेत मालिकों की डांट भी सुननी पड़ती है।
उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी और विधायक महबूब आलम ने उनके गांव का दौरा किया था। मेहबूब आलम ने जगह की नापी कर आश्वासन दिया था कि पुल का निर्माण जल्द कर दिया जाएगा।
नदी की धारा की दूसरी तरफ एक बड़ा गांव बसता है। यहां के अधिकतर लोग खेती करते हैं और सभी किसानों के खेत धारा की दूसरी तरफ हैं, ऐसे में उन्हें फसलों को घर ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
कमला टोला-सबनपुर निवासी मोइद-उर-रहमान ने बताया कि किसान कई किलोमीटर घूम कर, दूसरे गांव से होकर अपनी उगाई फसलें घर लेकर आते हैं। अतीत में स्थानीय प्रमुख ने ईंट सोलिंग कर सड़क बनवाने का प्रयास किया था, लेकिन पुल न होने के कारण काम मुकम्मल नहीं हो सका।
इस मामले में हमने बलरामपुर के विधायक महबूब आलम से बात की। उन्होंने बताया कि सबनपुर में पुल निर्माण कार्य के लिए प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही आरडब्ल्यूडी के द्वारा ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा।
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