11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देश भर में चल रहे ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के दौरान किशनगंज में एक गैर सरकारी संगठन जन निर्माण केंद्र ने भुवन ऋभु की किताब ‘ह्वेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन: टिपिंग प्वाइंट टू एंड चाइल्ड मैरेज’ का लोकार्पण किया।
पुस्तक के लेखक भुवन ऋभु बाल व महिला अधिकार कार्यकर्ता होने के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता भी हैं। वह महिला व बच्चों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यर्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सलाहकार हैं।
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बाल विवाह से सबसे ज्यादा प्रभावित 300 से ज्यादा जिलों में नागरिक समाज और महिलाओं की अगुआई में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का लक्ष्य है 2030 तक बाल विवाह का पूरी तरह खत्म कर देना। इसके तहत हर साल देश में 15 लाख बच्चियों को बाल विवाह से बचाने का लक्ष्य है।
क्या कहते हैं आकंड़े
यूनिसेफ के ताज़े आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 तक भारत में बाल विवाह की दर 23% पाई गई। यूनिसेफ का अनुमान है कि अगर पिछले दस साल से हुई प्रगति जारी रही तो 2050 तक जाकर भारत में बाल विवाह की दर घट कर 6% पर आ सकती है। इसका यह मतलब है कि 2050 में भी बाल विवाह का दंश बच्चों से उनका बचपन छीनता रहेगा।
पुस्तक में 2030 तक राष्ट्रीय बाल विवाह दर को 5.5 प्रतिशत तक लाना संभव बताया गया है। भुवन ऋभु अपनी किताब में लिखते हैं, “जरूरत है बस समस्या की गंभीरता को समझते हुए दृढ़ संकल्प के साथ ‘अब और नहीं’ कहने की। पैदा होते ही मां को खो देने, बेचे जाने, बलात्कार का शिकार होने का मतलब एक बच्चे का बार-बार मरना है।”
किताब के लोकार्पण समारोह में मौजूद गैर सरकारी संगठन जन निर्माण केंद्र की संध्या कुमारी ने कहा, “नागरिक समाज और सरकार, दोनों ही बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरे समर्पण से काम कर रहे हैं। लेकिन हमारे तमाम प्रयासों के बावजूद अब भी बड़ी तादाद में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं और इस अपराध से मुकाबले के लिए जब तक हमारे पास एक समन्वित योजना नहीं होगी, तब तक बाल विवाह के खिलाफ टिपिंग प्वाइंट के बिंदु तक पहुंचना एक मुश्किल काम होगा।”
वह आगे कहती हैं, ”ह्वेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त बनाने का एक रणनीतिक खाका पेश करती है। यह किताब हमें प्रेरित करने के साथ साथ उम्मीद बंधाती है कि बाल विवाह मुक्त भारत बनाने का हमारा लक्ष्य सिर्फ सपना ही नहीं रहेगा बल्कि यह साकार होकर रहेगा।”
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर किशनगंज में निकली साइकिल रैली
11 अक्तूबर 2023 को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की पहली वर्षगांठ भी मनाई गई। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर किशनगंज जिला समाहरणालय से डेमार्केट होते हुए बालिका उच्च विद्यालय तक एक साईकिल रैली निकाली गयी।
रैली के बाद 8 विशेष जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसमें 5 उच्च विद्यालयों की छात्राओं ने प्रेस कर्मियों के साथ परिचर्चा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मुजाहिद आलम, विधिक सलाहकार पंकज कुमार झा, संस्था के सभी सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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