Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने के लिए नई नियमावली जल्द होगी लागू

नई नियमावली के अनुसार, नियोजित शिक्षक के तौर पर बहाल शिक्षकों को बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्रवाई और सेवाशर्त) नियमावली-2023 के तहत नियुक्त होने वाले शिक्षकों के बराबर ओहदा दिया जायेगा।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
bihar niyojit teacher new niyamawali

बिहार के नियोजित शिक्षकों को परीक्षा में पास करने का बाद राज्यकर्मी का दर्जा दिया जायेगा। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में नई नियमावली बनाई है। नियमावली विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी हितधारकों से एक सप्ताह के अन्दर इस नियमावली पर सुझाव मांगे हैं।


नई नियमावली को “बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली-2023” नाम दिया गया है। स्थानीय निकायों के विभिन्न स्तरों (पंचायती राज/नगर निकाय) द्वारा नियुक्त सभी नियोजित शिक्षक अब “विशिष्ट शिक्षक” कहलाएंगे।

नई नियमावली के अनुसार, नियोजित शिक्षक के तौर पर बहाल शिक्षकों को बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्रवाई और सेवाशर्त) नियमावली-2023 के तहत नियुक्त होने वाले शिक्षकों के बराबर ओहदा दिया जायेगा।


परीक्षा के बाद मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए परीक्षा में पास करना होगा। इस परीक्षा को “सक्षमता परीक्षा” कहा जायेगा। यह परीक्षा विभाग अपने द्वारा चयनित एजेंसी के माध्यम से आयोजित कराएगा।

सक्षमता परीक्षा इस नियमावली के प्रवृत होने की तिथि से एक वर्ष के अवधि में आयोजित की जायेगी। प्रत्येक शिक्षक को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए तीन अवसर मिलेंगे। जो शिक्षक तीसरे प्रयास में भी सक्षमता परीक्षा पास करने में विफल रहेंगे, उन्हें सेवा से हटा दिया जायेगा।

इस नियमावली के तहत, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के अलावा कोई सीधी नियुक्ति नहीं होगी। परन्तु ऐसा व्यक्ति जिसको इस नियम के तहत अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया गया है, उसे बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं सेवाशर्त) नियमावली-2023 के तहत नियुक्त किया गया माना जाएगा तथा उनकी सेवाशर्तें उक्त नियमावली द्वारा नियंत्रित होंगी।

क्या होगा विशिष्ट शिक्षकों का वेतनमान

वर्ग 1-5 के विशिष्ट शिक्षकों को मूल वेतन के तौर पर 25,000 रुपये, वर्ग 6-8 के शिक्षकों को 28,000 रुपये, वर्ग 9-10 शिक्षकों को 31,000 रुपये और वर्ग 11-12 शिक्षकों को 32,000 रुपये मिलेंगे। वेतन के अलावा विशिष्ट शिक्षकों को बिहार सरकार की प्रचलित दरों के अनुसार महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता और शहरी परिवहन भत्ता भी दिये जायेंगे। शिक्षा विभाग अपनी नीति को ध्यान में रखकर समय-समय पर विशिष्ट शिक्षकों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी कर सकता है।

Also Read Story

बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के बावजूद अभ्यर्थी बेरोज़गार, महीनों बाद भी नियुक्ति नहीं

बिहार में सिर्फ कागज़ों पर चल रहे शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज़ केंद्र?

अररिया के सैकड़ों शिक्षकों का एरियर सालों से लंबित, डीपीओ पर अनियमितता का आरोप

जब मैट्रिक परीक्षा केंद्र में फैल गई भूत-प्रेत की अफ़वाह

बिहार के ग्रामीण स्कूलों में नामांकन बढ़ा, लेकिन पढ़ने-लिखने की चुनौतियाँ बरकरार

बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा: देरी से पहुंचने पर नहीं मिला प्रवेश, रो पड़ीं छात्राएं

बिहार: इंटर परीक्षार्थियों के लिए निर्देश जारी, नियम तोड़ने पर होगी कानूनी कार्रवाई

प्रोफेसर विवेकानंद सिंह बने पूर्णिया विश्वविद्यालय के नए कुलपति

70वीं BPSC परीक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन का क्या है पूरा मामला

शिक्षकों को प्रोन्नति और स्थानांतरण का लाभ

नई नियमावली के तहत, विशिष्ट शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिलेगा। वर्ग 1 से 12 तक के विशिष्ट शिक्षकों को आठ वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद उसी कक्षा में शिक्षक के तौर पर प्रोन्नत किया जा सकता है।

विशिष्ट शिक्षकों का स्थानांतरण हो सकेगा। शिक्षकों को सामान्य रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा छात्र-शिक्षक अनुपात अथवा जनहित में प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए जिले के अन्तर्गत स्थानांतरित किया जा सकेगा। विशिष्ट शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा तय की गई अवधि के पूरा होने के बाद स्थानांतरित किया जा सकेगा।

विशिष्ट शिक्षकों को उनके अनुरोध पर प्राथमिक निदेशक या माध्यमिक निदेशक द्वारा जिले के बाहर भी स्थानांतरित किया जा सकेगा। हालांकि, विशिष्ट शिक्षक सेवाकाल में केवल दो बार इस तरह के विकल्प का प्रयोग कर सकेंगे।

विभाग ने साफ कर दिया है कि इस सुविधा के लिए अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है और प्रशासनिक विभाग, अत्यावश्यकताओं के आधार पर इस तरह के अनुरोध को अस्वीकार कर सकता है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक (संशोधन) नियमावली 2024 क्या कहती है?

बिहार बोर्ड ने 10वीं व 12वीं की परीक्षा की तारीखों का किया ऐलान, पूरा टाइम-टेबल यहां पढ़ें

BPSC परीक्षा में नहीं होगा नॉर्मलाइज़ेशन, आयोग बोला- अभ्यर्थियों को भ्रमित कर रहे कोचिंग संचालक

फिजिकल टेस्ट की तैयारी छोड़ कांस्टेबल अभ्यर्थी क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?

2025 के लिए बिहार के सरकारी स्कूलों की अवकाश सूची जारी, 27 दिनों के मिलेंगे समर और विंटर ब्रेक

BSEB ने डेटा मैनेजमेंट सिस्टम के सभी कामों को अस्थायी रूप से रोका, नाम सुधार कार्य ठप

बिहार में सरकारी स्कूलों का बदला टाइमटेबल, शिक्षक स्थानांतरण पर भी आया बड़ा आदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

अररिया में लगातार बढ़ रही मुस्लिम-महादलित कैदियों की हिरासत में मौत

छह सालों से पुल निर्माण कार्य अधूरा, जान हथेली में लिए गुज़रते हैं ग्रामीण

हादसे को दावत दे रहा है कटिहार के बारसोई का जर्जर मालोर पुल

सड़क से वंचित हैं सहरसा के दर्जनों गांव, लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव का भी करेंगे बहिष्कार

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध