मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई एजेंडों पर मुहर लगाई गई है। कैबिनेट ने राज्य में शिक्षक बहाली के लिए नई नियमावली को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट से शिक्षक नियुक्ति की नई नियमावली को मंजूरी के बाद करीब तीन लाख शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया। इसके साथ शिक्षक नियुक्ति की पुरानी सभी इकाइयों को भंग कर दिया गया है। नई नियमावली के अनुसार शिक्षक भी राज्यकर्मी का दर्जा पा सकेंगे। नई नियमावली के अनुसार, शिक्षक बहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा जल्द ही आयोग का गठन किया जाएगा।
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शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को शिक्षक बनाने के लिए बिहार कैबिनेट ने “बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023” को स्वीकृति दी है। नई नियमावली के अनुसार नियुक्त हुए शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जायेगा और पहले से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने लिए प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होना होगा। नई नियमावली में तीन परीक्षाओं का प्रावधान किया गया है। शिक्षक बहाली के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष कर दी गई है। स्थानीय निकाय स्तर पर बहाली की प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया, “बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023 के तहत अब जिन भी शिक्षकों की नियुक्तियां राज्य सरकार करेंगी, वे राज्य कर्मी होंगे। इससे पूर्व राज्य में स्थानीय निकायों के शिक्षक रहा करते थे। अब जो भी नई नियुक्ति होगी, वह राज्य सरकार करेगी। राज्य सरकार नियुक्ति के लिए एक अलग परीक्षा आयोग के माध्यम से लेगी जिसका निर्धारण राज्य सरकार आयोग करेगा। परीक्षा के माध्यम से ही अब नियुक्तियां होंगी।”
नियुक्ति हेतु अनिवार्य अर्हता
- भारत के नागरिक हो और बिहार राज्य के स्थायी निवासी होना चाहिए।
- विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता धारित करता हो। विशेष विद्यालय अध्यापक के लिए अर्हता भारतीय पुनर्वास परिषद के अनुरूप अनुमान्य होगा।
- राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर आहूत शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो।
परंतु वर्ष 2012 से पूर्व नियुक्त व कार्यरत शिक्षक जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे, के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी। - विषय विशेष के लिए अलग से विशेष अर्हता का निर्धारण विभाग द्वारा समय-समय पर किया जाएगा।
आरक्षण का नियम
- राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा लागू आरक्षण का प्रावधान प्रभावी होगा।
परंतु प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के पद पर प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50% महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। विषय संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थि के लिए चिन्हित किया जाएगा। - इस नियमावली के प्रवृत्त होने के बाद प्रथम समव्यवहार में विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु आरक्षण बिंदु 01 से रोस्टर प्रारंभ होगा।
कोई अभ्यर्थी इस नियमावली के अंतर्गत अधिकतम तीन बार परीक्षा में भाग ले सकेगा।
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा ली जाने वाली पात्रता परीक्षा (TET, STET, CTET) क्वालीफाई करने के बाद ही अभ्यर्थी, कमीशन के माध्यम से जो परीक्षा होगी उसमें बैठ पाएंगे और फिर उसके माध्यम से बहाली होगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ने कुल 6 एजेंडों को स्वीकृति दी है।
राज्यकर्मियों का महंगाई भत्ता बढ़ा
कैबिनेट की बैठक में राज्य कर्मियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने के एजेंडे पर भी मुहर लगा दी गई है। कर्मियों का महंगाई भत्ता 4% तक बढ़ा दिया गया है। 1 जनवरी 2023 से महंगाई भत्ता लागू हो जायेगा। अब कर्मियों का महंगाई भत्ता 38% से बढ़कर 42% हो जायेगा। राज्य कर्मियों के अलावा पेंशन कर्मी भी महंगाई भत्ता का लाभ उठाएंगे।
इसके अलावा नीतीश कैबिनेट की बैठक में बिहार आकस्मिकता निधि को 350 करोड़ से बढ़ाकर 10,000 करोड़ (दस हज़ार करोड़) रुपये अस्थाई रूप से करने की स्वीकृति दी गई है।
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