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किशनगंज में तेज़ आंधी से उड़े लोगों के कच्चे मकान, लाखों की फसल बर्बाद

जिन लोगों के कच्चे मकान के परखच्चे उड़े हैं, वे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। आंधी की वजह से नसीमा ख़ातून के घर के बाहरी हिस्से पर एक पेड़ गिर गया। चूल्हा घर की छत भी उड़ गयी। नसीमा ने बताया कि आंधी बहुत तेज़ थी, जिससे वह घबरा गई थीं, क्योंकि उनके पास कहीं जाने का कोई विकल्प नहीं था।

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Published On :
mud houses blown away due to strong storm in kishanganj and crops worth lakhs destroyed

बुधवार को तेज़ आंधी ने बिहार के किशनगंज स्थित ठाकुरगंज प्रखंड में भारी तबाही मचाई है। ठाकुरगंज में तेज आंधी से एक तरफ जहां दर्जनों कच्चे मकान गिर गए, वहीं दूसरी तरफ मक्का और केले की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। तूफान से प्रखंड की आधा दर्जन पंचायतें प्रभावित हुई हैं। आंधी ने कनकपुर, चुरली, सखुआडाली, बेसरबाटी और पटेसरी पंचायत में तांडव मचाया है।


जिन लोगों के कच्चे मकान के परखच्चे उड़े हैं, वे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। आंधी की वजह से नसीमा ख़ातून के घर के बाहरी हिस्से पर एक पेड़ गिर गया। चूल्हा घर की छत भी उड़ गयी। नसीमा ने बताया कि आंधी बहुत तेज़ थी, जिससे वह घबरा गई थीं, क्योंकि उनके पास कहीं जाने का कोई विकल्प नहीं था।

आंधी ने लाखों रुपये की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। लगभग 25 एकड़ में लगी मक्के की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। 15 एकड़ में लगी केले की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है। किसान मो. आफ़ाक़ ने बताया कि बड़े पैमाने पर उनके केले की फसल की क्षति हुई है, जिसकी क़ीमत तक़रीबन ढाई लाख रुपये है। पीड़ित किसान जिला प्रशासन और सरकार से मुआवज़े की मांग कर रहे हैं।


अंचलाधिकारी सुचिता कुमारी ने ठाकुरगंज पहुंच कर आंधी से हुई क्षति का जायज़ा लिया है। उन्होंने कहा कि तूफान से जिन लोगों के कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनको तत्काल राहत के लिये प्लास्टिक शीट और सहायता राशि दी जायेगी। उन्होंने कहा कि जिनकी फसल की क्षति हुई है, वे कृषि विभाग में मुआवज़े के लिये आवेदन दे सकते हैं।

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