बिहार पुलिस सोशल मीडिया पर लगातार प्रचार कर रही थी कि हम आपके साथ हैं। वहीं सुपौल पुलिस में शामिल थानाध्यक्ष वीडियो में इस बात को बोल रहे हैं कि हम आपके साथ हैं लेकिन पैसा दीजिए तब। दरअसल मामला ये है कि सुपौल के पिपरा थाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पिपरा थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय दास थाने के मुंशी द्वारा अवैध वसूली पर अपनी सहमति देते नजर आ रहे हैं। 1 मिनट 17 सेकंड के इस वीडियो में थानाध्यक्ष एक महिला को समझाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं।
सुपौल स्थित पिपरा थाना अध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय दास वीडियो में बोल रहे हैं कि आवेदन के बाद आपको क्या बोला गया मुंशी जी से? मुंशी जी आपसे मांगा होगा। कोई हम मांगे हैं? हम 15 साल से थाना चला रहे हैं। हर थाने के मुंशी को दो-चार-पांच सौ रुपए देना ही पड़ता है। कोई नई बात नहीं है, रिकॉर्डिंग करना है, कर लीजिए। हम खुलेआम बोलते हैं। वायरल वीडियो में थानाध्यक्ष के अलावा दो-तीन अन्य चेहरे भी दिखाई दे रहे हैं। 15 मई यानी बुधवार की रात से यह वीडियो वायरल हुआ है।
पूरा मामला जानिए
15 मई यानी बुधवार को सुपौल स्थित पिपरा थाना क्षेत्र अंतर्गत तुलापट्टी पंचायत के वार्ड 3 में जमीन विवाद को लेकर राधेश्याम मंडल और विद्यानंद मंडल के बीच मारपीट हुई, जिसमें राधेश्याम मंडल के तीन परिवार सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इसका आवेदन लेकर घायल पक्ष के लोग पिपरा थाना पहुंचे, जहां आवेदन लेने के बदले पैसों की डिमांड की जा रही थी।
राधेश्याम मंडल बताते हैं, “हम लोगों के गोतिया के बीच जमीन बंटवारा हो रहा था, तभी विद्यानंद मंडल के परिवार के लोगों ने हम पर हमला कर दिया। इसको लेकर हमलोग 6 बजे शाम में थाना गए। थाने में मुंशी ने कहा कि थोड़ा खर्चा लगेगा तब आगे बात बनेगा। इसके बाद हम लोग थानाध्यक्ष के पास गए। वहां जो बात हुआ वीडियो में दिख रहा है।”
राधेश्याम मंडल के भाई हरेराम मंडल का भी सिर फूटा हुआ था। वह बताते हैं, “शाम 6 बजे थाना गए थे, फिर 9 बजे थानाध्यक्ष से बात हुई। तब मुंशी जी से ही पता चला कि दूसरी पार्टी पहले ही आवेदन दे दी थी। हम पहले इलाज कराते कि थाना आते। सच तो यह था कि रुपया नहीं देने की वजह से आवेदन नहीं लिया गया था।”
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एसपी ने कहा- जांच हो रही है
वीडियो कैसे बना और लीक हुआ? इस मामले पर परिवार के सदस्यों ने कुछ भी नहीं बोला। स्थानीय पत्रकार ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि पुलिस व्यवस्था से हर कोई नाराज है। उसी में शामिल किसी व्यक्ति ने पीड़ित परिवार के साथ जाकर यह वीडियो बनाया है।
थानाध्यक्ष संजय दास पूरे मामले पर कहते हैं कि बुधवार को ही थाने में केस दर्ज हो गया है। पता नहीं किस महिला ने वीडियो बनाया है। वहीं एसपी शैशव यादव ने कहा है कि वीडियो हम लोगों के संज्ञान में आ गया है। जांच की जा रही है, विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
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