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ग्राउंड रिपोर्ट: तो क्या अब खाद के लिए मरेंगे बिहार के किसान?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि साल 2022 तक देश के किसानों की कमाई दोगुनी हो जाएगी, लेकिन अब खेती के लिए सबसे जरूरी चीज खाद खरीदना ही किसानों के लिए एक जंग बन गया है।

Tanzil Asif is founder and CEO of Main Media Reported By Tanzil Asif |
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देशभर में खाद की किल्लत से रबी सीजन की बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है। बिहार में भी खाद की किल्लत ने विकराल रूप ले लिया है। अररिया में किसानों के लिए दुकान से खाद खरीदना किसी जंग से कम नहीं। बीते 30 दिसंबर को जिले के नरपतगंज ब्लाॅक में खाद की बिक्री के दौरान हालात बेकाबू हो गए और बुरी तरह भगदड़ मच गयी, जिसमें दो महिला सहित कम से कम तीन किसान बुरी तरह घायल हो गए। 31 दिसंबर को ‘मैं मीडिया’ की टीम ज़मीनी हक़ीकत जानने के लिए नरपतगंज पहुंची।

मधुरा उत्तर पंचायत निवासी वृद्ध किसान चानन्द पासवान ने अपने खेत में गेहूँ और मक्के की बुआई की है। यूरिया और पोटाश खाद के लिए पांच दिन से रोज़ सुबह पांच बजे खाद की दुकान में कतार में लग जाते थे। गुरुवार को दुकान खुलते ही भगदड़ मच गई, जिसमें भीड़ ने उन्हें बुरी तरह कुचल दिया। उनका पैर टूट गया, सीने और चेहरे पर भी गंभीर चोटें आई हैं। अब अपनी जान के साथ-साथ उन्हें अपनी फसल की फ़िक्र सता रही है।

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तंजील आसिफ एक मल्टीमीडिया पत्रकार-सह-उद्यमी हैं। वह 'मैं मीडिया' के संस्थापक और सीईओ हैं। समय-समय पर अन्य प्रकाशनों के लिए भी सीमांचल से ख़बरें लिखते रहे हैं। उनकी ख़बरें The Wire, The Quint, Outlook Magazine, Two Circles, the Milli Gazette आदि में छप चुकी हैं। तंज़ील एक Josh Talks स्पीकर, एक इंजीनियर और एक पार्ट टाइम कवि भी हैं। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से मीडिया की पढ़ाई और जामिआ मिलिया इस्लामिआ से B.Tech की पढ़ाई की है।

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