सोमवार को पूर्णिया जिला परिषद के अध्यक्ष के चुनाव में जदयू के विधायक की बेटी को हार का मुंह देखना पड़ा। कुल 19 वोट लाकर वाहिदा सरवर ने जीत दर्ज की है।
बिहार सरकार की पूर्व मंत्री सह रुपौली विधायक बीमा भारती की बेटी रानी भारती को सिर्फ 15 वोट मिले। लंबे समय से पूर्णिया के जिला परिषद चेयरमैन पद को लेकर खींचतान चल रही थी।
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दोनों ही खेमे के पार्षद लगभग बराबरी पर थे। लेकिन जैसे ही जिला पदाधिकारी राहुल कुमार के समक्ष वोटिंग शुरू हुई, तो नतीजा वाहिदा सरवर के पक्ष में आया। वहीं उपाध्यक्ष पद पर नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की है। नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह को कुल 20 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रईसुल आज़म के पक्ष में 14 वोट गये।
लोग जदयू विधायक बीमा भारती की बेटी रानी भारती की जीत की उम्मीद लगाए बैठे थे। बड़ा चेहरा होने के कारण चेयरमैन पद पर उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी। वाहिदा सरवर पूर्णिया की बायसी विधानसभा से 2015 में AIMIM प्रत्याशी रहे गुलाम सरवर की पत्नी हैं। 2020 विधानसभा चुनाव उन्होंने AIMIM के खिलाफ लड़ा था। जानकार बताते हैं कि चुनाव से पहले बायसी से AIMIM विधायक सैयद रुकनुद्दीन का खेमा बीमा भारती की बेटी को समर्थन कर रहा था। ऐसे में गुलाम सरवर सब को पटखनी देते हुए जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी पुर्णिया ज़िले के पूर्वी क्षेत्र ले जाने में कामयाब हुए।
पूर्णिया जिला परिषद अध्यक्ष वाहिदा सरवर ने इसे जिले की जनता की जीत बताया है, तो वहीं उनके पति गुलाम सरवर ने इसे इतिहासिक जीत बताते हुए जिला के विकास के लिए एक बेहतरीन समीकरण करार दिया है।
वहीं उपाध्यक्ष नीरज सिंह उर्फ छोटू ने इसे सरकार के लोगों और बाहुबल के खिलाफ आम जनता की जीत बताया है।
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