अजय निषाद मुजफ्फरपुर से टिकट कटने पर भाजपा से नाराज हैं। अपने एक्स हैंडल से उन्होंने नाम के साथ 'मोदी का परिवार' हटाकर पार्टी छोड़ने का संकेत पहले ही दे दिया था। कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह से मिले थे।
पूर्णिया के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने हाल ही में अपने दल जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का कांग्रेस में विलय किया, लेकिन पूर्णिया सीट राजद कोटे में चली गई। राजद ने जदयू की बागी विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से प्रत्याशी बनाया है, लेकिन पप्पू यादव भी चुनाव लड़ने पर अड़े हैं।
दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि वह एक साधारण परिवार से आते हैं और अपने जीवन में उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके आदर्श हैं जो देश और दुनिया के लिए मिसाल हैं।
पिछले तीन लोकसभा चुनावों से सुशील कुमार सिंह लगातार औरंगाबाद सीट पर जीतते आ रहे हैं। 2009 में उन्होंने जदयू के टिकट पर राजद के शकील अहमद खान को हराया। 2014 में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस के निखिल कुमार को पराजित किया। 2019 में भी वह बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर जीते। इस चुनाव में उन्होंने हम (सेकुलर) के उपेंद्र प्रसाद को हराया।
एनडीए गठबंधन में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार की पांचों लोकसभा सीटों के लिये अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पार्टी ने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी की है। बड़े नेताओं में महबूब अली क़ैसर और प्रिंस राज का टिकट पार्टी ने काट दिया है।
नालंदा से संदीप सौरव को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है जो फिलहाल पालीगंज विधानसभा सीट से विधायक हैं। आरा सीट से सुदामा प्रसाद को प्रत्याशी बनाया गया है जो वर्तमान में तरारी विधानसभा सीट से विधायक हैं। काराकाट लोकसभा सीट से राजाराम सिंह को मौका दिया गया है।
खुद को सीमांचल गांधी स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन का शिष्य बताते हुए मुजाहिद आलम ने कहा कि उनसे प्रेरणा से ही उन्होंने शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर लोगों की सेवा और क्षेत्र केविकास के लिए राजनीति को अपना करियर बनाया है।
जमुई लोकसभा सीट पर पहले चरण में ही चुनाव संपन्न होगा। इस सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। बताते चलें कि बिहार में सभी सात चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण में औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई के लिये वोट डाला जायेगा।
पप्पू यादव ने कुछ दिन पहले ही अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय किया है। पप्पू यादव उम्मीद लगा रहे थे कि यह सीट कांग्रेस के हिस्से में आयेगी। लेकिन, पूर्णिया लोकसभा सीट राष्ट्रीय जनता दल के खाते में चले जाने से उनके समर्थकों में काफी निराशा है।
पप्पू यादव ने आगे कहा, “बिहार में भी INDIA गठबंधन को मजबूत करने का निर्णय कांग्रेस नेतृत्व का है, मैं उसका स्वागत करता हूं। और पूर्णिया की धरती पर कांग्रेस का झंडा स्थापित करने के संकल्प के साथ जनता के बीच जाउंगा।”
2019 के लोकसभा चुनाव में जीतनराम मांझी का मुक़ाबला जदयू के विजय कुमार से हुआ था, जिसमें मांझी की हार हुई थी। मांझी यह चुनाव खुद की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से लड़ रहे थे। बताते चलें कि मांझी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस समर्थित महागठबंधन के साझा उम्मीदवार थे।
2024 लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में इंडिया गठबंधन ने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। शुक्रवार को महागठबंधन के संयुक्त प्रेस वार्ता में सभी 40 लोकसभा सीटों के लिए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों की सूची पेश की गई।
किशनगंज लोकसभा सीट पर दूसरे चरण 26 अप्रैल को चुनाव होना है। अख्तरुल ईमान के सामने कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और जदयू के मुजाहिद आलम की चुनौती है। एक समय था जब मुजाहिद आलम और अख्तरुल ईमान साथ साथ हुआ करते थे, लेकिन 2010 में दोनों के रास्ते अलग हुए और उन्होंने कई बार एक दूसरे के विरुद्ध चुनाव लड़ा।
सीमांचल में घुसपैठ के आरोपों को उन्होंने सिरे से नकार दिया और कहा कि सीमांचल में एक भी घुसपैठ नहीं है। आंकड़ों के अनुसार सीमांचल में न कोई शरणार्थी है न कोई घुसपैठिया है।
रायगंज लोकसभा सीट पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले की सात विधानसभा सीटों से मिलकर बना है। रायगंज शहर उत्तर दिनाजपुर का जिला मुख्यालय है। रायगंज लोकसभा सीट कांग्रेस और CPM का गढ़ रही है। इस लोकसभा सीट के इतिहास में अब तक दो बार ही ऐसा हुआ है कि यह सीट कांग्रेस या CPM के अलावा किसी और पार्टी की हुई है।