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23 साल के इंतज़ार के बाद दौला पंचायत भवन बन कर तैयार, गांव के 3 लोगों ने दान की है जमीन  

दौला पंचायत के मुखिया और किशनगंज मुखिया संघ के अध्यक्ष अख़लाक हुसैन ने बताया कि 2001 में जब दौला पंचायत विखंडित हुआ था, तब से ही पंचायत में भवन का अभाव था। पंचायत में बिहार सरकार की जमीन न होने के कारण ग्रामीणों को भवन के लिए 23 वर्षों का लंबा इंतज़ार करना पड़ा।

Avatar photo Reported By Amit Singh |
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बिहार के किशनगंज जिला मुख्यालय से सटी दौला पंचायत में पंचायत सरकार भवन बन कर तैयार है। जिला स्थापना दिवस से पहले इस भवन के उद्घाटन की योजना है। करीब 1 करोड़ 13 लाख की लागत से बने पंचायत सरकार भवन के निर्माण से इलाके के ग्रामीणों को अपने काम के लिए अब प्रखंड मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। दौला, महीनगांव एवं पिछला पंचायत के लगभग 62 गांव के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

दौला गांव में निर्मित पंचायत सरकार भवन में मुखिया, पंचायत सचिव, कर्मचारी, सरपंच, पंचायत रोजगार सेवक और कृषि सलाहकार के कार्यालय बनाए गए हैं। इनमें सरकार की चल रही योजनाओं का संचालन किया जायेगा। भवन में कंप्यूटर भी लगाए जाएंगे जिसके लिए डाटा ऑपरेटर का पद सृजित किया गया है। ग्रामीणों को अब जाति, आवासीय व आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किशनगंज प्रखंड मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, इस तरह के दस्तावेज़ दौला स्थित पंचायत सरकार भवन में निर्गत किए जाएंगे।

गांव के एक परिवार ने दी 52 डिसमिल जमीन

ग्रामीणों ने बताया कि भवन न होने के कारण लोगों को छोटे छोटे काम के लिए लगभग आठ किलोमीटर दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काटना पड़ता था, जिससे पैसों के साथ साथ समय खर्च होता था। गांव में जमीन नहीं होने से पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य लंबे समय से अटका हुआ था। लोगों की परेशानी को देखते हुए एक ही परिवार के तीन लोगों ने कुल 52 डिसमिल जमीन पंचायत भवन के लिए दान कर दी। 26 जनवरी 2022 को भवन की नींव रखी गयी, और अब बन कर तैयार हो चुका है।


पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए जमीन दान देने वाले नसीम अहमद ने कहा कि पंचायत भवन न होने से दौला और आसपास के गांवों के ग्रामीण लंबे समय से परेशान थे। उन्हें अपना काम करवाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता था। मुखिया, सरपंच और अन्य अधिकारी से मिलने के लिए बहुत दिक्कतें पेश आती थीं। लोगों की परेशानियां देखते हुए उनके दो भांजे और उन्होंने भवन के लिए जमीन दान की।

“जमीन का मामला सामने आ जाता था जिस कारण पंचायत भवन नहीं बन पाता था। मुखिया, सरपंच और ग्राम सेवक से हमलोग लड़ाई भी किए कि आपलोग पंचायत में आकर बैठिये, तो वे कहते थे कि जब कोई भवन ही नहीं है तो हमलोग किसके घर में जाकर बैठेंगे। मेरा एक भतीजा शाहनवाज़ आलम और एक गज़न्फ़र आलम 17-17 डिसमिल दिया है और हम 18 डिसमिल दिए। कुल मिलाकर हम लोग 52 डिसमिल जमीन दान किए हैं,” नसीम अहमद कहते हैं।

पंचायत स्तर के सभी अधिकारी भवन में बैठेंगे

दौला पंचायत के मुखिया और किशनगंज मुखिया संघ के अध्यक्ष अख़लाक हुसैन ने बताया कि 2001 में जब दौला पंचायत विखंडित हुआ था, तब से ही पंचायत में भवन का अभाव था। पंचायत में बिहार सरकार की जमीन न होने के कारण ग्रामीणों को भवन के लिए 23 वर्षों का लंबा इंतज़ार करना पड़ा। गांव के तीन लोगों ने अपनी निजी जमीन दान की जिसके बाद पंचायत भवन के निर्माण का रास्ता साफ़ हो सका।

आगे उन्होंने बताया कि अब सरकार द्वारा लाई गयी तमाम जनकल्याण योजनाओं का लाभ यहां के ग्रामीणों को मिल सकेगा। पंचायत सचिव, रोजगार सचिव, किसान सलाहकार और आरटीपीएस कार्यपालक अधिकारी समेत पंचायत स्तर के सभी अधिकारी भवन में बैठेंगे। इनके के लिए अलग अलग कक्ष तैयार किया गया है। जल्द ही किशनगंज जिला पदाधिकारी से समय लेकर भवन का उद्घाटन कर लिया जाएगा। कोशिश है कि जिला स्थापना दिवस से पहले ही इसका उद्घाटन हो जाए।

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वहीं, स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद याकूब ने कहा कि पिछले 20 सालों से भवन की मांग उठ रही थी, लेकिन जमीन नहीं मिलने से यह काम अटका हुआ था। ग्रामीणों को हर काम के लिए 8-10 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता था। भवन बनने से अब ग्रामीणों को काफी आसानी हो जाएगी।

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Amit Kumar Singh, a native of Kishanganj, Bihar, holds a remarkable 20-year tenure as a senior reporter. His extensive field reporting background encompasses prestigious media organizations, including Doordarshan, Mahua News, Prabhat Khabar, Sanmarg, ETV Bihar, Zee News, ANI, and PTI. Notably, he specializes in covering stories within the Kishanganj district and the neighboring region of Uttar Dinajpur in West Bengal.

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