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बिहार शिक्षक बहाली में पेचीदगी: STET में देरी, नियोजित शिक्षकों का चयन, एक ही अभ्यर्थी के कई रिजल्ट

BPSC शिक्षक परीक्षा में कई ऐसे अभ्यर्थी भी सफल हुए हैं, जो पहले से ही नियोजित शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे। अब इन शिक्षकों की नए सिरे से नियुक्ति होगी। नियुक्ति के बाद उनका स्थान खाली होने से भी सीट रिक्त हो जायेगी।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने शिक्षक बहाली परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। परीक्षा में कुल (वर्ग 1-12 तक) 1,22,324 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। आयोग ने प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक के सभी विषयों का परिणाम घोषित कर दिया है।

परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है। काउंसलिंग के बाद इन सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अन्य मंत्रियों के साथ पटना के गांधी मैदान में सफल हुए 500 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे।

परीक्षा में सफल हुए शिक्षकों की नियुक्ति के बाद भी कई कारणों से सीटें खाली रह जायेंगी। हालांकि, इन रिक्त सीटों को दूसरे फेज की बहाली में जोड़ कर विज्ञापन निकाला जायेगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर कवायद शुरू हो गई है।


नियुक्ति के बाद प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में कितनी सीटें किस वजह से रिक्त रहेंगी, इसकी पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी।

बताते चलें कि बिहार में 1 लाख 70 हज़ार पदों के लिए 24-26 अगस्त के बीच शिक्षक भर्ती परीक्षा हुई थी। इन पदों में प्राथमिक शिक्षकों की संख्या 79,943, माध्यमिक शिक्षकों की 32,916 तथा उच्च माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 57,602 है।

प्लस टू में आधे से ज्यादा शिक्षक पद रह जायेंगे खाली

उच्च माध्यमिक (+2) शिक्षक पदों के लिए 23,701 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। प्लस टू में 30 विभिन्न विषयों के लिए परीक्षा हुई थी। उच्च माध्यमिक में रिक्त शिक्षक पदों की संख्या 57,602 थी। यानी कि नई नियुक्ति के बाद भी आधे से ज्यादा पद (33,901) खाली रह जायेंगे।

उच्च माध्यमिक के लिए इतिहास विषय में 2,490, गणित में 1,634 और जन्तु विज्ञान में 1,830 उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की है। रिक्तियों की संख्यां के मुकाबले में देखा जाये तो इतिहास में 42 फीसद, गणित में 61 फीसद और जन्तु विज्ञान में 68 फीसद अभ्यर्थी सफल हुए हैं।

बताते चलें कि उच्च माध्यमिक में इतिहास विषय में 5,870, गणित में 2,673 और जन्तु विज्ञान विषय में 2,683 रिक्तियां थीं।

इसी प्रकार उच्च माध्यमिक (+2) के उर्दू विषय में 145, बांग्ला में 1 और अंग्रेजी में 2,323 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है। उर्दू में 1,749, बांग्ला में 27 और अंग्रेज़ी में 3,535 सीटें रिक्त थीं। रिक्तियों की तादाद के मुकाबले से बांग्ला में मात्र 3.7 फीसद, उर्दू में 8 फीसद और अंग्रेजी में 65.7 फीसद अभ्यर्थी कामयाब हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि उच्च माध्यमिक में विभिन्न विषयों के 57,602 पदों के लिए 40,275 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इसमें सिर्फ 37,000 ही परीक्षा में शामिल हुए थे। हालांकि परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों की संख्या के आधार पर सफल अभ्यर्थियों का प्रतिशत करीब 65% होता है।

प्लस टू में फारसी विषय में सबसे कम और अंग्रेजी विषय में सबसे अधिक उम्मीदवारों ने कामयाबी हासिल की है। फारसी में सिर्फ 1.63% जबकि अंग्रेजी में 65.71% अभ्यर्थी सफल हुए हैं। फारसी की तरह कई अन्य विषयों में भी रिक्तियों के मुकाबले 10 फीसद से भी कम अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। बांग्ला में मात्र 3.70%, उर्दू में 8.29%, मगही में 7.4%, मनोविज्ञान में 4.91% और प्राकृत में 7.5% उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए।

‘मैं मीडिया’ ने उच्च माध्यमिक में रिक्त पदों से भी कम आवेदन मिलने को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों से बात की। पूर्णिया के अमौर से शिक्षक अभ्यर्थी मतीउर रहमान ने बताया कि उच्च माध्यमिक में कम अभ्यर्थियों के पास होने की वजह कई सालों से माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) के आयोजन का ना होना है। कोचिंग संस्थान के संचालक आफताब आलम भी मानते हैं कि अगर हर साल STET परीक्षा का आयोजन हुआ होता तो उच्च माध्यमिक में इतनी सीटें खाली न बचती।

मालूम हो कि STET परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही BPSC द्वारा ली जानेवाली शिक्षक परीक्षा में बैठने के योग्य हैं। बिहार में आखिरी बार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) का आयोजन वर्ष 2019 में हुआ था।

आफताब बताते हैं, “2023 में भी माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) परीक्षा का आयोजन हुआ, लेकिन यह STET परीक्षा BPSC शिक्षक परीक्षा के बाद आयोजित हुई है। आखिरी बार 2019 में STET परीक्षा हुई थी, जिसमें भी कई विषयों की परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ था। इस वजह से भी उच्च माध्यमिक में कम अभ्यर्थी सफल हुए हैं।”

वर्ग 9-10 में बेहतर रिजल्ट, फिर भी लगभग 7 हजार पद खाली

माध्यमिक (वर्ग 9-10) शिक्षकों के सभी विषयों का रिजल्ट उच्च माध्यमिक शिक्षकों के मुकाबले में काफी बेहतर है। माध्यमिक में रिक्तियों के मुकाबले लगभग 80 फीसद उम्मीदवार कामयाब हुए हैं। वर्ग 9-10 में सभी विषयों के लिए 26,089 अभ्यर्थी कामयाब हुए हैं। बताते चलें कि वर्ग 9-10 के लिए कुल रिक्तियों की संख्या 32,916 थी।

सबसे कम उम्मीदवार अरबी, फारसी और बंग्ला विषयों में उत्तीर्ण हुए हैं। अरबी में सिर्फ 4, बांग्ला में 3 और फारसी में 12 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जबकि अरबी में रिक्तियों की संख्या 200, बांग्ला में 91 और फारसी में 300 पदों के लिए आवेदन मांगे गये थे।

रिक्तियों की संख्या के आधार पर देखें तो अरबी में मात्र 2 फीसद, बंग्ला में 3 फीसद और फारसी में 4 फीसद अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। हालांकि उर्दू, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा के विषयों का परिणाम बेहतर है।

प्राथमिक में भर जाएंगी 90 फीसद सीटें

शिक्षक बहाली परीक्षा में सबसे अधिक अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूलों के लिए उत्तीर्ण हुए हैं। प्राथमिक में नियुक्ति के बाद 90 फीसद सीट भर जायेंगी। प्राथमिक शिक्षक पद के लिए 79,943 रिक्तियां थीं, जबकि परिणाम में 72,419 अभ्यर्थी कामयाब हुए हैं।

सामान्य विषय में 62,653 उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। प्राथमिक शिक्षकों में सामान्य विषय के लिए रिक्तियों की कुल संख्या 67,066 थी। परीक्षा में सामान्य विषय में 62,653 सफल हुए हैं, जो कि रिक्तयों का 93 फीसद है।

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इसी प्रकार, प्राथमिक स्कूल शिक्षकों के लिए उर्दू में कुल 7,797 और बांग्ला में 95 अभ्यर्थी कामयाब हुए हैं। वर्ग 1-5 के लिए बांग्ला विषय में 148 रिक्तियां थीं। इन रिक्तियों के मुकाबले में 95 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो कि रिक्तियों का 64 फीसद है।

गौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए सबसे ज्यादा आवेदक थे। प्राथमिक शिक्षकों के लिए 7,52,514 अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था। प्राथमिक शिक्षकों के लिए कुल रिक्त पदों की संख्या 79,943 थी। यानि एक शिक्षक पद के लिए दस अभ्यर्थियों के बीच मुकाबला था।

प्राथमिक में अधिक अभ्यर्थियों की संख्या को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी मतीउर रहमान बताते हैं कि चूंकि प्राथमिक शिक्षकों के लिए परीक्षा में शामिल होने की न्यूनतम योग्यता केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) थी, इसलिए बिहार राज्य से बाहर के CTET पास अभ्यर्थियों ने भी इस परीक्षा में भाग लिया।

आपको बताते चलें कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में पूरे देश के अभ्यर्थी भाग लेते हैं। यह परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा साल में दो बार आयोजित की जाती है। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) के बाद अभ्यर्थी राज्य की शिक्षक पात्रता परीक्षा में भाग ले सकते हैं।

BPSC द्वारा आयोजित शिक्षक परीक्षा में भी यही हुआ। परीक्षा में बिहार से बाहर के अभ्यर्थियों ने भी लाखों की संख्यां में आवेदन किया। उनके आवेदन करने से स्पर्धा बहुत अधिक बढ़ गई।

एक अन्य शिक्षक अभ्यर्थी मो. मोजम्मिल बताते हैं कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) साल में दो बार आयोजन होने से भी प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों की तादाद में इजाफा हुआ। उन्होंने बताया कि बड़ी तादाद में अभ्यर्थी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) उत्तीर्ण होकर बहाली परीक्षा का इंतजार कर रहे थे।

नियोजित शिक्षकों के चयन से भी घटेगी संख्यां

BPSC शिक्षक परीक्षा में कई ऐसे अभ्यर्थी भी सफल हुए हैं, जो पहले से ही नियोजित शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे। अब इन शिक्षकों की नए सिरे से नियुक्ति होगी। नियुक्ति के बाद उनका स्थान खाली होने से भी सीट रिक्त हो जायेगी।

बिहार में साढ़े तीन लाख से ज्यादा शिक्षक नियोजित शिक्षक के तौर पर बहाल हैं। सरकार ने परीक्षा में शामिल होने का विकल्प शिक्षकों के ऊपर ही छोड़ दिया था। यानी जो नियोजित शिक्षक चाहें वो परीक्षा में शामिल हो सकते हैं जो ना चाहें वो न बैठें।

शुरू-शुरू में तो नियोजित शिक्षक संघों ने परीक्षा का विरोध किया। लेकिन, बाद में विरोध के बावजूद बड़ी संख्या में शिक्षक BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए।

परीक्षा में हजारों नियोजित शिक्षक भी सफल हुए हैं। जाहिर है जब इनकी नियुक्ति होगी तो, उस वजह से भी हजारों शिक्षक की सीटें नए सिरे से खाली हो जायेगी।

एक ही अभ्यर्थी का कई जगह सफल होने से भी असर

BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आयोग ने एक ही अभ्यर्थियों को कई जगह आवेदन करने का अवसर दिया था। यानी कि एक ही अभ्यर्थी (यदि वह योग्य हैं) प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए आवेदन कर सकते थे।

अब जब आयोग ने परिणाम घोषित कर दिया है तो एक ही अभ्यर्थी कई जगह पर सफल हो गए हैं, लेकिन आयोग उनको सिर्फ एक ही जगह पर नौकरी देगा।

BPSC शिक्षक परीक्षा से जुड़ी खबरें शेयर करने वाला ट्वीटर हैंडल ‘टीचर इंफो प्वाइंट’ के राकेश ने ‘मैं मीडिया’ को बताया कि आयोग को एक ही अभ्यर्थी का परिणाम कई जगहों पर नहीं देना चाहिए था।

“(BPSC चेयरमैन) अतुल प्रसाद जी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि हमने ऐसे अभ्यर्थियों का भी रिजल्ट दे दिया है जिनका सर्टिफिकेट नहीं है। उनसे जब सवाल किया गया कि आप ने एक अभ्यर्थी का प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक तीनों जगह क्यों रिजल्ट दे दिया। उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा हमने इसलिए किया कि हो सकता है कि उस अभ्यर्थी के पास पीजी (स्नात्कोत्तर) की डिग्री न हो, तो ऐसी स्थिति में वो 1-5 में चले जायेंगे,” उन्होंने कहा।

राकेश ने आगे कहा, “जब अभ्यर्थी के पास पीजी की डिग्री ही नहीं है तो उनका उच्च माध्यमिक का रिजल्ट नहीं देना चाहिए था। सबसे बड़ा सवाल है कि अगर उनके पास पीजी की डिग्री नहीं है तो आयोग को इसका पता डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के समय ही चल गया था। उसके बावजूद अगर उनका रिजल्ट उच्च माध्यमिक में दिया गया है तो, यह सही नहीं है, इससे सीटों की संख्यां पर भी असर पड़ेगा।”

उल्लेखनीय है कि BPSC ने अपने विज्ञापन में इस बात की जानकारी दी थी कि मेधाक्रम के अनुसार सफल अभ्यर्थियों के द्वारा विद्यालय अध्यापक के लिए दी गई अधिमानता एवं रिक्ति की उपलब्धता के आधार पर उन्हें एक पद ही आवंटित किया जायेगा तथा किसी एक अधिमानता (Preference) के संवर्ग आवंटित हो जाने के पश्चात शेष अन्य संवर्गों में अभ्यर्थित्व पर विचार नहीं किया जायेगा, जिसपर अभ्यर्थी को कोई आपत्ति नहीं होगी।

दूसरे फेज की बहाली में जुड़ेगी रिक्त सीट

BPSC द्वारा घोषित नतीजे के बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद भी कमसे कम 48,137 सीट खाली रह जायेगी। सबसे अधिक सीट उच्च माध्यमिक में खाली रहेगी।

नियुक्ति के बाद बची हुई रिक्त सीटों को BPSC द्वारा की जानेवाली दूसरे चरण की बहाली में जोड़ दिया जायेगा। इसके लिए आयोग द्वारा नवंबर महीने में विज्ञापन निकालने की संभावना है। राज्य के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने पहले से रिक्त सीटों की सूची विभाग को भेज दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन पदों की स्वीकृति भी मिल चुकी है।

बताते चलें कि कैबिनेट की बैठक में दूसरे चरण के लिए कुल 69,692 पदों को स्वीकृति मिली है। इनमें उच्च माध्यमिक में 18,830, माध्यमिक में 18,880 और वर्ग 6-8 में 31,982 शिक्षकों के पद शामिल हैं। इसमें पहले चरण की प्रक्रिया के समाप्ति के उपरान्त रिक्तियों को जोड़ दिया तो दूसरे चरण की बहाली में करीब 1,20,000 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाने का अनुमान है।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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