Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

जीतनराम मांझी ने BPSC शिक्षक नियुक्ति की तुलना “लैंड फॉर जॉब घोटाले” से की

जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है। मांझी ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की तुलना “लैंड फॉर जॉब घोटाले” से कर दी।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा जारी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए उच्च स्तरीज जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी की गई है।

जीतनराम मांझी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है। मांझी ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की तुलना “लैंड फॉर जॉब घोटाले” से कर दी।

बताते चलें कि कथित लैंड फॉर जॉब घोटाले में बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आरोपी हैं।


घोटाले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा की जा रही है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी दिलवाने के बदले उनकी जमीन अपने नाम लिखवा ली थी।

मांझी ने ट्वीट किया, “BPSC शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है। आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के “लैंड फॉर जॉब” के तर्ज पर “मनी फॉर जॉब” स्कीम के तहत की गई है। “पैसा दो सरकारी नौकरी लो” घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है।”

उपेंद्र कुशवाहा ने भी उठाए सवाल

BPSC द्वारा की जा रही शिक्षक नियुक्ति को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। शनिवार को राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी शिक्षक नियुक्ति को लेकर सरकार की आलोचना की।

उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर दावा किया कि भर्ती परीक्षा में लगभग 25 फीसद नियोजित शिक्षकों को ही चयनित किया गया है और बहुत से अभ्यर्थियों को प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक तीनों जगह सफल घोषित कर दिया गया है।

Also Read Story

अररिया: कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शूटर भारत-नेपाल सीमा से गिरफ़्तार

किशनगंज: जाम से निजात दिलाने के लिये रमज़ान पुल के पास नदी के ऊपर बनेगी पार्किंग

बिहार: तीसरे चरण में 60% वोटिंग, अररिया में सबसे अधिक मतदान

तेजस्वी यादव की कमर का दर्द बढ़ा, पटना के IGIMS अस्पताल में कराई जांच

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राबड़ी देवी सहित 11 MLC ने ली शपथ

अररिया: लोकसभा चुनाव की ड्यूटी के दौरान होमगार्ड जवान की मौत

सुपौल लोकसभा चुनाव: चुनाव से दो दिन पहले प्रत्याशी कलीम खान का अपहरण कर पेड़ से लटकाने का आरोप

जो 400 का नारा दे रहे थे, अब सरकार कैसे बचाई जाये सिर्फ इसका प्रयास कर रहे हैं: तारिक़ अनवर

कटिहार: सड़क न बनने से नाराज़ महिलाओं ने घंटों किया सड़क जाम

उन्होंने सरकार द्वारा डोमिसाइल नीति न लागू करने को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती में तमाम राज्यों की भांति बिहार सरकार ने भी डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा की थी, जिसको उन्होंने लागू न कर अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए रास्ते खोल दिये।

उल्लेखनीय है कि BPSC शिक्षक परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों की काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है। काउंसलिंग के बाद इन सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जायेगा।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

अररिया: लोकसभा चुनाव की वोटिंग के मद्देनज़र भारत-नेपाल बॉर्डर सील, आने-जाने पर लगी रोक

किशनगंज में बग़ैर सीजर के महिला ने 5 बच्चों को दिया जन्म, मां और बच्चे स्वस्थ

अररिया: निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करने पर AIMIM ने जिलाध्यक्ष को किया निष्कासित

“हिन्दू, मुस्लिम किये बिना पीएम मोदी पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत सकते”, सहरसा में बोले मनोज झा

BSEB सक्षमता परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी, कॉमर्स को वैकल्पिक विषय समूह में किया शामिल

अररिया में भाषण देने के बाद तेजस्वी यादव की बिगड़ी तबीयत

किशनगंज: कोचाधामन के घूरना में लगी भीषण आग, कई लोग गंभीर रूप से झुलसे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?