Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

आज नहीं तो कल जातिगत गणना होकर रहेगी: हाईकोर्ट के आदेश पर तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग जाति आधारित सर्वे पर रोक लगने से खुशी मना रहे हैं। ये दोहरे चरित्र के लोग हैं। केंद्र में इनकी सरकार जातिगत जनगणना से मना करती है।

Navin Kumar Reported By Navin Kumar |
Published On :
bihar Deputy CM Tejashwi Yadav

बिहार सरकार की ओर से कराई जा रही जाति आधारित गणना पर अंतरिम रोक के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी शुरू हो गई है।


डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि जातिगत जनगणना के बिना राज्यों की प्रगति और गरीबी को दूर नहीं किया जा सकता है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि आज नहीं तो कल जातीय जनगणना देश के सभी राज्यों को करानी ही पड़ेगी। “इसके बिना राज्य आगे नहीं बढ़ सकता है। राज्यों में न तरक्की हो सकती है, न गरीबी दूर हो सकती है और ना ही पिछड़ापन। इसको देखते हुए हमलोगों ने केंद्र सरकार से इसकी मांग की। जब केंद्र सरकार ने जातीय गणना के लिए मना कर दिया, तो हमलोग अपने ही साधनों से जातीय आधारित सर्वे करा रहे थे,” उन्होंने कहा।


“बीजेपी की नीयत ठीक नहीं”

तेजस्वी यादव ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग जाति आधारित सर्वे पर रोक लगने से खुशी मना रहे हैं। ये दोहरे चरित्र के लोग हैं। केंद्र में इनकी सरकार जातिगत जनगणना से मना करती है। किसी भी बीजेपी शासित प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा। ये तो आरक्षण समाप्त करने और करवाने वाले लोग हैं। देश की बहुसंख्यक जनता इनकी सच्चाई से अवगत हो चुकी है।

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार तो बिहार को न विशेष राज्य का दर्जा देती है ना विशेष पैकेज देती है। और जब हम लोग अपने बलबूते समाज के अंतिम पायदान पर मौजूद लोगों तक खुशियां पहुंचाने की कोशिश करते हैं तो बीजेपी के लोग खुशिया मनाते हैं। बीजेपी के लोग चाहते ही नहीं कि जातीय आधारित सर्वे हो।

लोगों के कल्याणकारी कार्य के लिए जनगणना जरूरी

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित गणना लोगों के हित के लिए है। इस सर्वे की मांग भी जनता की थी। इस सर्वे से गरीबी, पिछड़ेपन को दूर करने और समाज के अंतिम पायदान तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद मिलती। लोगों की आर्थिक स्थिति क्या है? यह भी शामिल किया गया था।

“यह सर्वे विशेष जाति को लेकर नहीं था, ये तो सबके लिए था,” उन्होंने कहा। “आगे डिप्टी सीएम ने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी हटाने और जनकल्याणकारी नीतियां बनाने के लिए सरकारों को वैज्ञानिक आंकड़ों की आवश्यकता होती है। इसके लिए ही हमारी सरकार सभी जातियों और वर्गों को सम्मिलित कर जाति आधारित सर्वे करवा रही है,” तेजस्वी यादव ने कहा।

Also Read Story

कौन हैं बिहार में 65% आरक्षण ख़त्म करने के लिये हाईकोर्ट जाने वाले याचिकाकर्ता?

बिहार: पटना हाईकोर्ट ने 65 प्रतिशत आरक्षण वाले कानून को किया रद्द

बिहार जातीय गणना में मुस्लिम ‘कलाल-एराकी’ व ‘कसेरा-ठठेरा’ जातियों को ‘बनिया’ में गिने जाने से चिंता बढ़ी

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक पर राज्यपाल की लगी मुहर

अनुसूचित जाति की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाले मुसहर सबसे पिछड़े क्यों हैं?

बिहार की मुस्लिम जातियां: पलायन में मलिक व सुरजापुरी आगे, सरकारी नौकरी में भंगी व सैयद, शेरशाहबादी कई पैमानों पर पीछे

“दलित-पिछड़ा एक समान, हिंदू हो या मुसलमान”- पसमांदा मुस्लिम महाज़ अध्यक्ष अली अनवर का इंटरव्यू

बिहार जाति गणना में सुरजापुरी मुस्लिम की आबादी कम बताई गई है: किशनगंज सांसद

बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक सदन में पास, अब 75 फीसद होगा आरक्षण

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवीन कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हूं। आईआईएमएससी दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। अभी स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं। सामाजिक विषयों में रुचि है। बिहार को जानने और समझने की निरंतर कोशिश जारी है।

Related News

बिहार में प्रजनन दर, आरक्षण और 94 लाख गरीब परिवारों पर सदन में क्या बोले नीतीश कुमार

नीतीश सरकार 94 लाख गरीब परिवारों को देगी दो-दो लाख रुपये, आवास के लिए सहायता राशि भी बढ़ाएगी

बिहार जातीय गणना रिपोर्टः सरकारी नौकरियों में कायस्थ सबसे अधिक, राज्य में सिर्फ 7 फीसद लोग ग्रेजुएट

नीतीश से मिलकर सांसद जावेद व इलाके के विधायक बोले- सुरजापुरी को मिले ईबीसी आरक्षण

मंगलवार को बिहार विधानसभा के पटल पर रखी जायेगी जाति गणना की पूरी रिपोर्ट

सुरजापुरी मुसलमानों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाये: सांसद डॉ. जावेद

बिहार विधानसभा व कैबिनेट में किन जातियों को कितना प्रतिनिधित्व मिला है? 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

दशकों से एक पुराने टूटे पुल के निर्माण की राह तकता किशनगंज का गाँव

क्या पूर्णिया के गाँव में मुसलमानों ने हिन्दू गाँव का रास्ता रोका?

बिहार में जीवित पेंशनधारियों को मृत बता कर पेंशन रोका जा रहा है?

शादी, दहेज़ और हत्या: बिहार में बढ़ते दहेज उत्पीड़न की दर्दनाक हकीकत

किशनगंज: एक अदद सड़क को तरसती हजारों की आबादी