बिहार लोक सेवा आयोग ने BPSC सहायक परीक्षा में ‘फर्जी’ दिव्यांगता का दावा करने के आरोप में 6 अभ्यर्थियों को नोटिस भेजा है। आयोग की मानें तो इन 6 अभ्यर्थियों का दिव्यांगता का दावा सही नहीं पाया गया, यानी इनकी दिव्यांगता 40% से कम पायी गयी जो सरकार द्वारा निर्धारित मानक से कम है।
आयोग के अनुसार, चूंकि इन दिव्यांग अभ्यर्थियों का दावा गलत पाया गया जो कि एक प्रकार का जालसाजी, फर्जीवाड़ा व कदाचार का प्रयास है। साथ ही इन्होंनें आयोग के बहुमूल्य समय को भी बर्बाद किया, इसीलिये आयोग इनके इस कृत के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई करने के लिए बाध्य हुआ है।
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आयोग ने इन अभ्यर्थियों को 15 दिनों के अन्दर अपना-अपना स्पष्टीकरण आयोग के ई-मेल एड्रेस bpscpat-bih@nic.in पर भेजने का निर्देश दिया है। 15 दिनों के अन्दर स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने पर यह समझा जायेगा कि इनको अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है। ऐसी स्थिति में आयोग इन अभ्यर्थियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।
बताते चलें कि BPSC सहायक परीक्षा में सम्मिलित 19 दिव्यांग अभ्यर्थियों की दिव्यांगता की जाँच पटना स्थित आयोग कार्यालय तथा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा की गई।
मेडिकल बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराये गये जाँच प्रतिवेदन के आधार पर 19 दिव्यांग अभ्यर्थियों में से 9 अभ्यर्थियों का दावा सही पाया गया अर्थात् इनकी दिव्यांगता 40% से अधिक पायी गयी। जबकि 4 दिव्यांग अभ्यर्थी अनुपस्थित पाये गए तथा शेष 6 दिव्यांग अभ्यर्थियों के दिव्यांगता का दावा सही नहीं पाया गया।
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