Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने मांगी छठे चरण में नियुक्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की सूची

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को ऐसे शिक्षकों की जानकारी 2 दिनों के अंदर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में अनिवार्य रूप से देने का आदेश दिया गया है, ताकि प्रतिवेदन समेकित कर निदेशालय को भेजा जा सके।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार में छठे चरण में वर्ग 1-5 के लिये नियुक्त हुए बीएड योग्यताधारी शिक्षकों की जानकारी इकट्ठा करने में शिक्षा विभाग जुट गया है, ताकि उनकी नियुक्तियों को रद्द किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि पटना हाईकोर्ट ने अपने एक हालिया फैसले में कहा था कि छठे चरण में नियुक्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षक प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के पात्र नहीं हैं।

हिंदुस्तान समाचार पत्र के एक खबर की मानें तो छठे चरण में लगभग 42 हजार शिक्षक बहाल हुए थे, जिनमें 22 हजार शिक्षक वर्ग 1-5 के लिये बहाल किये गये थे। राज्य सरकार द्वारा बहाली के दो वर्षों के अंदर इन शिक्षकों को ब्रिज कोर्स करवाया जाना था, जिसे सरकार ने अबतक नहीं करवाया है।


हाईकोर्ट के फैसले के बाद से ही विभाग ऐसे शिक्षकों की पहचान करने की तैयारी में जुट गया है, जो वर्ग 1-5 में बीएड डिग्री के आधार पर बहाल किये गये हैं।

इसी आलोक में अररिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को छठे चरण में वर्ग 1-5 तक में नियुक्त बीएड योग्यताधारी शिक्षकों से संबंधित सूचना उपलब्ध कराने को लेकर पत्र लिखा है।

पत्र में कहा गया है कि विभागीय वीडियो कांफ्रेंसिंग (VC) में दिये गये निर्देश के आलोक में ऐसे शिक्षकों से संबंधित सूचना की मांग की गयी है।

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को ऐसे शिक्षकों की जानकारी 2 दिनों के अंदर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में अनिवार्य रूप से देने का आदेश दिया गया है, ताकि प्रतिवेदन समेकित कर निदेशालय को भेजा जा सके।

Also Read Story

अदालत ने ही दी नौकरी, अदालत ने ही ली नौकरी, अब क्या करे अनामिका?

सक्षमता परीक्षा-2 के लिये 26 अप्रैल से आवेदन, पहले चरण में सफल शिक्षक भी ले सकेंगे भाग

बिहार के स्कूलों में शुरू नहीं हुई मॉर्निंग शिफ्ट में पढ़ाई, ना बदला टाइम-टेबल, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी दी थी सलाह

Bihar Board 10th के Topper पूर्णिया के लाल शिवांकर से मिलिए

मैट्रिक में 82.91% विधार्थी सफल, पूर्णिया के शिवांकार कुमार बने बिहार टॉपर

31 मार्च को आयेगा मैट्रिक परीक्षा का रिज़ल्ट, इस वेबसाइट पर होगा जारी

सक्षमता परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 93.39% शिक्षक सफल, ऐसे चेक करें रिज़ल्ट

बिहार के सरकारी स्कूलों में होली की नहीं मिली छुट्टी, बच्चे नदारद, शिक्षकों में मायूसी

अररिया की साक्षी कुमारी ने पूरे राज्य में प्राप्त किया चौथा रैंक

अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को बड़ा झटका इसी साल अगस्त महीने में दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया था, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा था कि बीएड किए हुए अभ्यर्थी लेवल-I (वर्ग 1-5) शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने के योग्य नहीं हैं।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की विशेष अनुमति याचिका (एलएसपी) को भी खारिज कर दिया था। इस एलएसपी में केंद्र सरकार और एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों का समर्थन किया था।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

Bihar Board 12th Result: इंटर परीक्षा में 87.54% विद्यार्थी सफल, http://bsebinter.org/ पर चेक करें अपना रिज़ल्ट

BSEB Intermediate Result 2024: आज आएगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, छात्र ऐसे देखें अपने अंक

मधुबनी डीईओ राजेश कुमार निलंबित, काम में लापरवाही बरतने का आरोप

बिहार में डीएलएड प्रवेश परीक्षा 30 मार्च से, परीक्षा केंद्र में जूता-मोज़ा पहन कर जाने पर रोक

बिहार के कॉलेजों में सत्र 2023-25 में जारी रहेगी इंटर की पढ़ाई, छात्रों के विरोध के बाद विभाग ने लिया फैसला

बिहार के कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई खत्म करने पर छात्रों का प्रदर्शन

बिहार बोर्ड द्वारा जारी सक्षमता परीक्षा की उत्तरकुंजी में कई उत्तर गलत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?