बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (BSMEB) द्वारा आयोजित फौक़ानिया और मौलवी की परीक्षा 22 जनवरी से शुरू होगी। मदरसा शिक्षा बोर्ड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर परीक्षा कार्यक्रम जारी किया है।
कार्यक्रम के अनुसार, फौकानिया और मौलवी परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जायेगी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 8.45 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 1.45 से शाम 5 बजे तक होगी।
फौकानिया के सभी विषय एक समान हैं, और प्रत्येक पेपर 100-100 अंकों का होगा। फौकानिया परीक्षा में कोई ऐच्छिक विषय नहीं है। केवल विज्ञान विषय में प्रैक्टिकल परीक्षा होगी, जिसमें 80 अंकों की थ्योरी और 20 अंकों की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।
मौलवी परीक्षा में इस साल ये होंगे बदलाव
मौलवी स्तर की परीक्षा में पहली बार चार संकाय यानी कि मौलवी आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स और इसलामियात संकाय पर आधारित परीक्षा होगी।
मौलवी आर्टस संकाय में पांच ऐच्छिक विषय होंगे, जिसमें परीक्षार्थी किसी तीन विषय की परीक्षा देंगे। ये परीक्षाएं कुल 300 अंकों की होंगी यानी कि प्रत्येक पेपर 100-100 अंकों का होगा।
हिन्दी/अंग्रेजी और फारसी भाषा में से किसी एक भाषा की परीक्षा देनी होगी। लेकिन, तीनों भाषा की परीक्षा एक साथ होगी और परीक्षार्थी चुने गए विकल्प के अनुसार परीक्षा देंगे।
मौलवी साइंस संकाय में जीव विज्ञान व गणित (Biology/ Math) दोनों विषयों की परीक्षा एक साथ होगी। परीक्षार्थी चयनित विषय के अनुसार परीक्षा देंगे।
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मौलवी कॉमर्स संकाय में एक वैकल्पिक विषय है- अर्थशास्त्र या आंत्रप्रेन्योरशिप। परीक्षार्थी चयनित विषय के अनुसार परीक्षा देंगे। मौलवी इसलामियात संकाय में भाषा के अतिरिक्त सभी विषय भिन्न-भिन्न हैं, अर्थात भाषा के अतिरिक्त सभी अलग-अलग विषय हैं।
मौलवी साइंस में भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र व जीव विज्ञान तथा मौलवी ऑर्ट्स में गृह विज्ञान (केवल छात्राओं के लिए) विषयों में प्रैक्टिकल परीक्षा का आयोजन होगा। इन विषयों में 70 अंकों की थ्योरी परीक्षा और 30 अंकों की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।
बताते चलें कि बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड बिहार सरकार से मान्यता प्राप्त बोर्ड है। इसका प्रमाण-पत्र बिहार सरकार की नौकरियों तथा कॉलेजों में नामांकन के लिये एक वैध प्रमाण-पत्र है। मदरसा बोर्ड का फौकानिया बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक परीक्षा और मौलवी इंटरमीडियट परीक्षा के समकक्ष है।
बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण-पत्र बिहार सरकार के शिक्षण संस्थानों, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और कई राज्यों के कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिये भी एक पात्र और वैध प्रमाण-पत्र है।
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