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बीएड डिग्रीधारी नहीं बन पाएंगे प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के उस नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया, जिसमें एनसीटीई ने कहा था कि बीएड डिग्रीधारी भी लेवल-I (प्राथमिक स्कूल) शिक्षक बनने के पात्र हैं।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा था कि बीएड किए हुए अभ्यर्थी लेवल-I (वर्ग 1-5) शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने के योग्य नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की विशेष अनुमति याचिका (एलएसपी) को भी खारिज कर दिया। इस एलएसपी में केंद्र सरकार और एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवारों का समर्थन किया था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि लेवल-I (वर्ग 1-5) में सिर्फ बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट) धारक (या डी.एल.एड) किए हुए अभ्यर्थी ही शिक्षक बनने के पात्र हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बीटीसी धारक उम्मीदवार खुश हैं, वहीं बीएड डिग्रीधारी शिक्षक अभ्यर्थियी नाराज़ नजर आ रहे हैं।


क्या है बीएड बनाम बीटीसी विवाद

राजस्थान सरकार ने कुछ साल पहले शिक्षक बहाली के लिए विज्ञापन निकाला था। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि बीएड डिग्रीधारक भी लेवल-I (वर्ग 1-5) शिक्षक भर्ती में हिस्सा लेने के योग्य हैं। एनसीटीई ने उस वक्त कहा था कि जो बीएड डिग्रीधारक लेवल-I (वर्ग 1-5) में उत्तीर्ण हो जाते हैं, उनको नियुक्ति के बाद 6 माह का ब्रिज कोर्स करना पड़ेगा।

एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन के खिलाफ बीटीसी (या डी.एल.एड) डिग्रीधारकों ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी। बीएड डिग्रीधारियों ने भी परीक्षा में बीएड डिग्रीधारियों को शामिल करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

हाईकोर्ट ने लगाई थी बीएड डिग्रीधारियों पर रोक

बीटीसी (या डी.एल.एड) डिग्रीधारियों और बीएड डिग्रीधारियों के विवाद पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इस पर फैसला आना अभी बाकी था। लेकिन इसी बीच 2021 में राजस्थान सरकार ने राज्य में शिक्षक बहाली (REET) परीक्षा के लिए आवेदन मांगे। इस परीक्षा में बीएड डिग्रीधारियों को इस शर्त के साथ आवेदन करने का मौका दिया गया कि इसका अंतिम फैसला हाईकोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेगा।

राजस्थान शिक्षक बहाली परीक्षा (REET) के आयोजन तक हाईकोर्ट का निर्णय नहीं आ सका। इसके बाद बीएड डिग्रीधारियों को भी परीक्षा में बैठने का मौका मिला। इससे बीटीसी (या डी.एल.एड) अभ्यर्थी सरकार से नाराज़ हो गए और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इसी बीच राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला आ गया। हाईकोर्ट ने एनसीटीई के फैसले को अव्यावहारिक बताते हुए बीटीसी डिग्रीधारियों के हक़ में फैसला सुनाया।

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राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले से नाराज होकर बीएड डिग्रीधारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। बीएड डिग्रीधारियों के समर्थन में केंद्र सरकार और एनसीटीई ने भी एसएलपी दायर कर रखा था। सुप्रीम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद निर्णय आया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और एनसीटीई की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को भी खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के उस नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया, जिसमें एनसीटीई ने कहा था कि बीएड डिग्रीधारी भी लेवल-I (प्राथमिक स्कूल) शिक्षक बनने के पात्र हैं।

दूसरे राज्यों की शिक्षक बहाली पर पड़ेगा असर

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का प्रभाव बिहार समेत दूसरे राज्यों की शिक्षक बहाली प्रक्रिया पर भी पड़ सकता है। बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों के लिए 24 अगस्त से परीक्षा होनी है। इस परीक्षा में लेवल-I (वर्ग 1-5) में बीएड डिग्रीधारी उम्मीदवार भी पात्र थे और उन्होंने लाखों की तादाद में इस परीक्षा के लिए आवेदन किया है। शिक्षक बहाली परीक्षा की जिम्मेदारी बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को दी गई है।

अभी तक राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग ने इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। इससे शिक्षक बहाली में भाग लेने जा रहे बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों में काफी बेचैनी है।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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