क्या आपने कभी सोचा कि क्यों बिहार के वैसे किसान जिनके पास जमीन है, वो भी वे घर द्वार खेत खलिहान छोड़छाड़ कर पंजाब के किसी खेत में मात्र मजदूरी के लिए दिन रात एक कर पसीना बहाते हैं? आखिर क्या वजह है कि बिहार के किसान अपनी जमीन पर खेती न कर, पंजाब या अन्य राज्यों के किसी जमीन मालिक के घर नौकरी करने को तैयार हो जाते हैं?
जवाब है – नुकसान! सरकारें भले ही किसानों के कल्याण के लिए कई योजनएं तो बना लेती है, लेकिन धरातल पर किसानों के समझ के हिसाब से उन योजनाओं का प्रचार प्रसार नहीं होने के कारण भोले-भाले किसान इन योजनाओं का लाभ बड़ी मुश्किल से ही ले पाते हैं।
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जानकारी के आभाव में किसान फसल बीमा योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं, डीजल अनुदान का लाभ नहीं ले पाते हैं, फसल सहायता योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं। हैरत की बात तो यह है कि चलते फिरते आपको बहुतों ऐसे छोटे किसान मिल जायेंगे जिनका अब तक किसान पंजीकरण तक नहीं हुए है।
इन्हीं समस्याओं को देखते हुए हम आपके लिए आपके फायदे के योजनाओं की जानकारियां लाते रहेंगे, निरंतर काम जारी रखने के लिए हमें हिमायत मिलती रहे इसके लिए वीडियो को शेयर कर दीजियेगा।
दोस्तों अगर आप एक किसान हैं, चाहे जमीन आपकी अपनी हो या आधी बट्टा या लीज पर। आपको अपना किसान पंजीकरण कराना होगा। यह काम आप किसी भी कंप्यूटर वाले भैया के पास जाकर करा सकते हैं।
अब अगर आपका किसान पंजीकरण हो चुका है या पहले से ही किया हुआ है तो धान का बीज लेने के लिए एक मामूली ऑनलाइन आवेदन करना होता है, जो आप खुद भी अपने मोबाइल से कर सकते है या किसी कंप्यूटर सेंटर से करवा सकते हैं।
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