दिघलबैंक प्रखंड के हरूवाडांगा हाफिज टोला डायवर्सन में पानी आ जाने से आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। वर्ष 2017 के भीषण बाढ़ में हाफिज टोला का पुल बह गया था।…
बेटी की आस में खुशबू बेगम ने अपनी ननद की कोख से जन्मी बच्ची को एक महीने बाद ही गोद ले लिया था। अभी इस बच्ची की उम्र 7 महीना है, लेकिन उसका…
छत्तरगाछ रेफरल अस्पताल दर्जनों पंचायतों का एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र है। इन सभी पंचायतों के लोग पश्चिम में महानंदा और पूर्व में डोंक नदी से घिरे होने के कारण पूरी तरह छत्तरगाछ रेफरल…
सुरजापुरी आम में कीड़े पड़ने की एक बीमारी ने पहले इस आम की व्यावसायिक प्रतिष्ठा छीन ली। फल में लगातार कीड़े पड़ने के कारण एक समय बाद आम लोगों ने भी अपने पेड़ों…
राजपाल मलिक का, जो अपने कटे-फटे और कंपकंपाते हाथों के साथ पंखे बना रहे हैं। और यह काम वह पिछले 10-15 सालों से करते आ रहे हैं।
भारत सरकार ने पूरे भारत में एक वेबसाइट लांच किया है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप किसी भी खोये हुए मोबाइल को ब्लॉक कर सकते हैं।
28 मई को विश्व भर में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं को माहवारी से जुड़ी जानकारी दी जाती है और माहवारी स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है।
नल जल योजना के बारे में तो जानते ही होंगे। जी हां वही योजना जिसके माध्यम से आपके घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए लंबी लंबी पाइप बिछायी गई है। लेकिन…
जागो बिहार के इस ख़ास शो में आज आपको एक ऐसी योजना के बारे में बताएँगे और योजना से जुड़ने का तरीका सिखायेंगे जिसके मध्यम से आप या आपके परिजन लगभग 13 तरह…
देश में लोगों को पीने का साफ़ पानी उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने साल 2019 में 'हर घर नल से जल’ योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में…
किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, दामलबाड़ी में शिक्षकों के बीच के विवाद के बाद जिला शिक्षा विभाग ने विद्यालय की एक महिला शिक्षिका सहित तीन शिक्षकों को अलग अलग…
किशनगंज के लोगों के लिए कई बार मरीज़ को पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल ले जाना ज़्यादा आसान होता है। लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस तक देने को तैयार नहीं है।
24 जून 2018 को बुधरा आमबाड़ी के पास डोंक नदी पर एक पूल का शिलान्यास किया गया था। शिलान्यास हुए लगभग 5 साल होने वाले हैं, लेकिन अभी तक पुल का निर्माण पूरा…
रास्ता कच्चा होने के कारण यहां के किसानों को अपनी फसल बाजार तक ले जाने के लिए उसे सिर पर रखकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है।
आधार से संबंधित ज्यादातर काम आधार सेंटर से कराना होता है। हालांकि, कुछ गिने चुने काम को ऑनलाइन किया जा सकता है।