Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

BPSC में 77वां रैंक हासिल कर ऑडिट ऑफ़िसर बनी अररिया की बेटी शादमा शौकत

अररिया जिले के जोकीहाट प्रखंड स्थित काशीबाड़ी गांव की शादमा शौकत ने बीपीएससी ऑडिटर परीक्षा में 77वां रैंक लाया है और उनका चयन ऑडिट ऑफ़िसर के पद पर हुआ है। सादमा शौकत ने जेनरल कैटेगरी में यह रैंक हासिल किया है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :

अररिया जिले के जोकीहाट प्रखंड स्थित काशीबाड़ी गांव की शादमा शौकत ने बीपीएससी ऑडिटर परीक्षा में 77वां रैंक लाया है और उनका चयन ऑडिट ऑफ़िसर के पद पर हुआ है। सादमा शौकत ने जेनरल कैटेगरी में यह रैंक हासिल किया है।

शादमा, शौकत अली की बेटी और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पूर्व मंत्री मंजर आलम की भतीजी हैं।

Also Read Story

15 मई तक आयेगा बिहार कृषि सेवा और BPSC ड्रग इंस्पेक्टर परीक्षा का रिज़ल्ट

BPSC द्वारा आयोजित ‘बिहार कृषि सेवा’ के विभिन्न पदों के लिये हुई परीक्षा का फाइनल उत्तर जारी

BPSC TRE समेत अन्य परीक्षा के लिये दो बार करना पड़ा है पेमेंट, तो ऐसे मिलेगा पैसा वापस

BPSC TRE-3: इस तारीख को होगी रद्द हुई परीक्षा, BPSC ने जारी किया परीक्षा कैलेंडर

UPSC सिविल सर्विसेज़ परीक्षा में 1,016 सफल, आदित्य श्रीवास्तव बने टॉपर

BPSC TRE-3 के 5 अप्रैल की संभावित परीक्षा स्थगित

BPSC TRE-3 की 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने की मांग तेज़, “रद्द नहीं हुई परीक्षा तो कट-ऑफ बहुत हाई होगा”

BPSC TRE-3: ठोस सबूत मिलने पर ही 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने पर आयोग लेगा फैसला

BPSSC सब इंस्पेक्टर की मुख्य परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 7,623 उम्मीदवार कामयाब

उनके पिता शौकत अली ने बताया कि उसकी प्राथमिक पढ़ाई जोकीहाट में ही हुई है। उसने प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय से मैट्रिक फर्स्ट डिवीजन से पास किया था। वह उस स्कूल से मैट्रिक पास करने वाली पहली छात्रा थी। उसके बाद सादमा ने अररिया स्थित मिलिया कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और वहां भी फर्स्ट डिवीजन हासिल किया। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए सादमा ने पटना यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और 2020 में बीकॉम किया। ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से उसने एमकॉम किया है।


इसके साथ ही शादमा ने पटना यूनिवर्सिटी से B.Ed की भी शिक्षा हासिल की है। पिता ने बताया कि अभी बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक प्रतियोगिता की परीक्षा भी वह दे रही है।

उन्होंने आगे बताया कि साधना बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज है। अपने सात भाई बहनों में वह तीसरे नंबर पर है। शादमा के दो भाई इंजीनियर हैं और एक छोटी बहन पीएचडी कर रही है।

वह कहते हैं, “हमारा परिवार राजनीतिक माहौल से जुड़ा है। लेकिन, मैं शुरू से ही खेती-बाड़ी से जुड़ा हुआ हूं और किसान के रूप में मैं अभी तक कार्यरत हूं। मैंने बच्चों की पढ़ाई को प्राथमिकता दी है।”

उन्होंने बताया कि शादमा यूपीएससी की तैयारी भी कर रही है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3,120 नवनियुक्त कर्मचारियों को बांटे नियुक्ति पत्र

BPSC ने सिमुलतला विद्यालय के लिये निकाली शिक्षक पदों पर बहाली, 25 अप्रैल से करें आवेदन

BPSC TRE-3 में ले रहे हैं भाग तो परीक्षा को लेकर जान लीजिये ये बड़ा अपडेट

BPSC की 68वीं सिविल सेवा परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दस्तावेज़ अपलोड करने का आख़िरी मौक़ा

BPSC TRE-3 के एडमिट कार्ड में फोटो या हस्ताक्षर साफ नहीं है तो परीक्षा केंद्र पर ले जायें ये काग़ज़ात

BPSC के तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 16 मार्च की परीक्षा कैंसिल

बिहार के आईटीआई कॉलेजों में वाइस प्रिंसिपल पदों पर निकली इतनी वैकेंसी, 25 मार्च से आवेदन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?