Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

BPSC ने जारी किया ऑडिटर परीक्षा का फाइनल रिज़ल्ट, 366 चयनित

कुल 373 ऑडिटर पदों के लिए पहले मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें 946 उम्मीदवार सफल हुए, जिनको साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। साक्षात्कार का आयोजन 1 से 12 अगस्त के बीच हुआ था। साक्षात्कार में कुल 929 उम्मीदवार उपस्थित हुए, जिनमें 33 उम्मीदवारों की उम्मीदवारी विभिन्न कारणों से रद्द होने के बाद 896 उम्मीदवारों को साक्षात्कार में बैठने का अवसर दिया गया।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार लोक सेवा आयोग ने अंकेक्षक (ऑडिटर) परीक्षा का फाइनल रिज़ल्ट जारी कर दिया है। साक्षात्कार के बाद कुल 366 चयनित उम्मीदवारों की मेधा सूची आयोग की ओर से जारी की गई है। इनमें 143 उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के, 37 ईडब्ल्यूएस के, एससी के 59, एसटी के 4, ईबीसी के 67, पिछड़ा वर्ग के 45 और पिछड़ा वर्ग (महिला) के 11 उम्मीदवार शामिल हैं। सात दिव्यांग उम्मीदवारों की अनुपलब्धता के कारण अनारक्षित कोटि के 7 पदों को रिक्त छोड़ कर यह सूची जारी की गई है।

मुख्य परीक्षा में 929 उम्मीदवार सफल

कुल 373 ऑडिटर पदों के लिए पहले मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें 946 उम्मीदवार सफल हुए, जिनको साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। साक्षात्कार का आयोजन 1 से 12 अगस्त के बीच हुआ था। साक्षात्कार में कुल 929 उम्मीदवार उपस्थित हुए, जिनमें 33 उम्मीदवारों की उम्मीदवारी विभिन्न कारणों से रद्द होने के बाद 896 उम्मीदवारों को साक्षात्कार में बैठने का अवसर दिया गया।

Also Read Story

15 मई तक आयेगा बिहार कृषि सेवा और BPSC ड्रग इंस्पेक्टर परीक्षा का रिज़ल्ट

BPSC द्वारा आयोजित ‘बिहार कृषि सेवा’ के विभिन्न पदों के लिये हुई परीक्षा का फाइनल उत्तर जारी

BPSC TRE समेत अन्य परीक्षा के लिये दो बार करना पड़ा है पेमेंट, तो ऐसे मिलेगा पैसा वापस

BPSC TRE-3: इस तारीख को होगी रद्द हुई परीक्षा, BPSC ने जारी किया परीक्षा कैलेंडर

UPSC सिविल सर्विसेज़ परीक्षा में 1,016 सफल, आदित्य श्रीवास्तव बने टॉपर

BPSC TRE-3 के 5 अप्रैल की संभावित परीक्षा स्थगित

BPSC TRE-3 की 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने की मांग तेज़, “रद्द नहीं हुई परीक्षा तो कट-ऑफ बहुत हाई होगा”

BPSC TRE-3: ठोस सबूत मिलने पर ही 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने पर आयोग लेगा फैसला

BPSSC सब इंस्पेक्टर की मुख्य परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 7,623 उम्मीदवार कामयाब

मेधा सूची में दो उम्मीदवारों का कुल प्राप्तांक समान होने पर लिखित परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार, लिखित परीक्षा का प्राप्तांक भी समान होने पर जन्म तिथि के अनुसार अधिक उम्र वाले उम्मीदवार तथा जन्म तिथि समान होने पर देवनागरी लिपि में वर्णमाला के अनुसार जिस उम्मीदवार का नाम पहले आता है, उस उम्मीदवार को संयुक्त मेधा सूची में ऊपर रखा गया है।


बीपीएससी ऑडिटर परीक्षा का कट ऑफ

श्रेणी कट ऑफ

सामान्य – 502
ईडब्ल्यूएस – 468
एससी – 441
एससी (महिला) – 407
एसटी – 430
एसटी (महिला) – 386
ईबीसी – 458
पिछड़ा वर्ग – 476

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3,120 नवनियुक्त कर्मचारियों को बांटे नियुक्ति पत्र

BPSC ने सिमुलतला विद्यालय के लिये निकाली शिक्षक पदों पर बहाली, 25 अप्रैल से करें आवेदन

BPSC TRE-3 में ले रहे हैं भाग तो परीक्षा को लेकर जान लीजिये ये बड़ा अपडेट

BPSC की 68वीं सिविल सेवा परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दस्तावेज़ अपलोड करने का आख़िरी मौक़ा

BPSC TRE-3 के एडमिट कार्ड में फोटो या हस्ताक्षर साफ नहीं है तो परीक्षा केंद्र पर ले जायें ये काग़ज़ात

BPSC के तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 16 मार्च की परीक्षा कैंसिल

बिहार के आईटीआई कॉलेजों में वाइस प्रिंसिपल पदों पर निकली इतनी वैकेंसी, 25 मार्च से आवेदन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?