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डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन, मेरिट लिस्ट, एकाधिक परिणाम जैसे मुद्दों पर क्या बोले BPSC अध्यक्ष

BPSC अध्यक्ष ने बताया कि पोर्टल में करीब 10,000 अभ्यर्थियों को पोर्टल द्वारा छांट दिया गया था क्योंकि उनके दस्तावेज़ सही नहीं थे, वहीं बाकी संदिग्ध लोगों को संदेह का लाभ मिला और परिणाम में उनका नाम आ गया।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए बिहार शिक्षक बहाली परीक्षा के परिणाम से जुड़े कई सवालों का जवाब दिया।

कशिश न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों में बहाली को लेकर जो आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं वे स्वाभाविक हैं। कुछ ‘तथाकथित’ फर्जी अभ्यर्थियों की जांच की जा रही है, डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के ज़रिये सब साफ़ हो जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि पोर्टल में करीब 10,000 अभ्यर्थियों को पोर्टल द्वारा छांट दिया गया था क्योंकि उनके दस्तावेज़ सही नहीं थे, वहीं बाकी संदिग्ध लोगों को संदेह का लाभ मिला और परिणाम में उनका नाम आ गया। आगे उन सभी अभ्यर्थियों का पूरी प्रक्रिया से डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन किया जाएगा और कागज़ात में गड़बड़ी पाए जाने पर उनको स्थगित दिया जाएगा।


”कुछ अभ्यर्थियों को दिया संदेह का लाभ”

अतुल प्रसाद कहते हैं, ”वर्ग 9, 10, 11, 12 के अभ्यर्थियों का जो डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन हुआ था, वह पूर्ण रूप से एक्यूरेट (परिशुद्ध) नहीं था क्योंकि उसमें कई लोग संदिग्ध हो गए थे, कई लोगों ने शिकायत की थी कि उनका सही होने के बावजूद आंशिक तौर पर वेरीफाई हो गया। इसको देखते हुए हम लोगों ने तय किया कि प्राथमिक का डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन यहां नहीं कराएंगे। यह प्रक्रिया जब शिक्षा विभाग योगदान देने के समय आएगा, उसी समय की जाएगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ परिस्थितियों में अभ्यर्थी को संदेह का लाभ देना ही पड़ता है। ”अगर वो बीएड है और उसका प्राथमिक में हो गया और अगर उसने अपने दावे में डिप्लोमा भी लिखा होगा तो हम तो उसे डिप्लोमा ही मानेंगे। डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन में अगर डिप्लोमा सर्टिफिकेट नहीं देता है तो छंट जाएगा,” उन्होंने कहा।

”इसी तरीके से अगर कोई अभ्यर्थी, जिसका चयन हो गया और वह STET पास भी है लेकिन अधिवास बिहार का नहीं है तो देखना होगा कि STET में प्रमाण कैसे मिला। अगर 2019 में मिला तो इसके बारे में आवश्यक अनुसंधान जब होगा तब पता चलेगा लेकिन अभी क्या करना है, अभी यह देखा जाएगा कि उसके पास एक वैध STET डॉक्यूमेंट है या नहीं,” अतुल प्रसाद ने आगे कहा।

एकाधिक परिणाम देने पर क्या बोले BPSC अध्यक्ष

BPSC ने परीक्षा के लिए अभ्यर्थी को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में एक साथ आवेदन करने की अनुमति दी थी। परिणामों में कुछ अभ्यर्थियों ने कई जगह सफलता प्राप्त की, तो आयोग ने उन्हें एकाधिक परिणाम दिया।

अभ्यर्थियों को एकाधिक परिणाम देने पर BPSC अध्यक्ष ने कहा कि परिणाम तो एकाधिक देंगे लेकिन नौकरी एक ही जगह करनी होगी और इससे होने वाली रिक्तियों को पूरक परिणामों से भरा जाएगा।

वह कहते हैं, ”नौवीं-दसवीं कक्षा में सिर्फ चार ही ऐसे विषय थे, जिनमें अभ्यर्थी रिक्तियों से अधिक हैं उनमें सामजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित और उर्दू विषय हैं। अनेक परिणाम की बात करें तो 11वीं और 12वीं में सामाजिक विज्ञान और विज्ञान का अलग से कोई विषय नहीं है तो अभ्यर्थी इस विषय से 11वीं और 12वीं में नहीं जा सकते हैं, किसी दूसरे विषय से जा सकते हैं, जैसे, जिसने विज्ञान से 9वीं और 10वीं किया और भौतिक विज्ञान से 11वीं -12वीं किया। (हालांकि) ऐसी संख्या काफी सीमित होगी।”

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”और जिन मामलों में रिक्ति से अभ्यर्थी की काफी कम संख्या है उसमें तो अनेक परिणाम का कोई प्रभाव ही नहीं पड़ता है। उसमें कोई अभ्यर्थी अतिरिक्त बचे ही नहीं हैं, जो आ सकें,” उन्होंने आगे कहा।

दोबारा जारी होगी मेरिट लिस्ट?

कुछ अभ्यर्थी दोबारा मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। इसपर अतुल प्रसाद ने कहा कि डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरे होने के बाद जब एकाधिक परिणाम के बारे में यह साफ़ हो जाएगा कि कौन से अभ्यर्थी किस विषय में कौन से स्तर पर ज्वाइन करते हैं और कौन योग्य हुए, कौन अयोग्य साबित हुए तब जो भी संतुलित रिक्तियां बनेंगी उन्हें पूरक परिणाम से पूरा किया जाएगा। यानी रिक्तियों के विषयों में अगर योग्य अभ्यर्थी उपलब्ध हुए तो पूरक परिणाम की नई लिस्ट जारी कर उन रिक्तियों को भरा जाएगा।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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