बिहार के किशनगंज शहर की लाइफलाइन कहा जाने वाला रमज़ान पुल जर्जर हो चला है। रमज़ान नदी के ऊपर बने इस पुल के पिलर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यही नहीं, पुल की रेलिंग भी जगह जगह टूट चुकी है। पुल की नींव भी कमज़ोर हो चुकी है जिससे स्थानीय लोग किसी बड़े हादसे की आशंका से चिंतित हैं।
स्थानीय निवासी मोहम्मद इदरीस ने कहा कि पुल के पिलर कमज़ोर हो गए हैं। रोज़ाना पुल से सैकड़ों गाड़ियां गुज़रती हैं और हज़ारों की तादाद में लोग पुल से आना जाना करते हैं। सरकार को इस पर शीघ्र ही ध्यान देना चाहिए। “पुल का पाया कमज़ोर है, कभी भी गिर सकता है। रेलिंग भी टूट गयी है, सरकार इस पर ध्यान ही नहीं दे रही है। यह ऐसे ही रहा, तो आदमी गिर गिर कर मरेगा,” मोहम्मद इदरीस कहते हैं।
रमज़ान पुल शहर के सबसे पुराने पुलों में से एक है। शहर की आवाजाही में इसे बेहद अहम माना जाता है। यह पुल शहर के अलग अलग सरकारी और प्रशासनिक कार्यालय, प्रखंड मुख्यालय सहित नगर परिषद के कई वार्डों को मुख्य बाज़ार से जोड़ता है।
पुल की खस्ता हालत से चिंतित पुल के पास घड़ी की दुकान चला रहे मोहम्मद सिब्तैन ने बताया कि पुल की निचली सतह की सीमेंट उखड़ चुकी है, ऐसे में क्षतिग्रस्त पिलर रोज़ किसी बड़े हादसे को दावत दे रहा है। पिछले दिनों बरसात के बाद पुल के पिलर में फंसी जलकुंभी को जेसीबी मशीन से निकाला गया था, जिससे पिलर को काफी नुकसान पहुंचा है।
मोहम्मद सिब्तैन ने कहा, “पानी के समय जलकुंभी वग़ैरह लग जाती है। उसकी सफाई जेसीबी मशीन से होती है। जेसीबी मशीन के इस्तेमाल से पुल का पाया डैमेज हो गया है। यह नीचे से खोखला हो रहा है। स्थिति ऐसी है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है। छोटा बच्चा लोग स्कूल जाता है, साइकिल से बूढ़ा बुज़ुर्ग लोग भी जाता है इधर से। यहां कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।”
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विधायक ने माना, पुल की स्थिति चिंताजनक
इस मामले में किशनगंज विधायक इज़हारुल हुसैन ने कहा कि रमज़ान पुल की जर्जर हालत चिंताजनक है। प्रशासन और सरकार से इसकी मरम्मत कराने या नये सिरे से बनाने की अपील करेंगे। उम्मीद है जल्द पुल की स्थिति में सुधार लाए जाएंगे।
“रमज़ान पुल शहर के बीच में है और 99% लोगों का आना जाना यहीं से होता है। पुल की हालत बहुत जर्जर है, कब ध्वस्त हो जाये कोई ठिकाना नहीं है। सरकार से मैं मांग करूंगा और यहां के प्रशासन से भी कहूंगा कि जितनी जल्दी हो सके इसकी मरम्मत की जाए या फिर इस पुल को दुबारा बनाया जाए। मुझे उम्मीद है कि यह बात आगे बढ़ेगी और बहुत जल्दी धरातल पर यह काम होगा,” विधायक इज़हारुल हुसैन ने कहा।
किशनगंज नगर परिषद ने इस मामले में क्या कहा
वहीं, किशनगंज नगर परिषद के मुख्य पार्षद इंद्रदेव पासवान ने कहा कि प्रशासन रमज़ान पुल को लेकर सतर्क है और जल्द ही पथ निर्माण विभाग को इसके निर्माण के लिए लिखित आवेदन भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा, “यह तत्काल ही हमारे संज्ञान में आया है। चूंकि यह काम पथ निर्माण विभाग (RCD) का है तो हम लोग छठ खत्म होते ही विभागीय स्तर पर लिखा पढ़ी करेंगे और वरीय अधिकारी के संज्ञान में देकर चाहेंगे कि तुरंत इस पर कार्रवाई हो और पुल की मरम्मत हो जाए।”
इंद्रदेव पासवान आगे कहते हैं , “वह पुल लाइफलाइन है। यदि खुदा न खास्ता यह गिर गया तो शहर को काफी क्षति पहुंचेगी। हमलोग नहीं चाहेंगे कि इस सूरत में रमज़ान पुल में कोई ऐसी घटना हो। इसको लेकर हमलोग सतर्क हैं और जल्द ही इस पर प्रशासनिक सहयोग से कार्रवाई कराने की उम्मीद करते हैं।”
किशनगंज नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि रमज़ान पुल पर यातायात का भार काफी अधिक होता है जिस कारण पुल के क्षतिग्रस्त होने की आशंका शहर के बाकी पुलों से अधिक रहती है।
प्रवीण कुमार ने कहा, “पुल के निर्माण की काफी अवधि हो गई है। इसमें यातायात का लोड बहुत ज्यादा रहता है जिस कारण पुल के क्षतिग्रस्त होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हम इसमें प्राथमिक स्तर पर अपने कार्यपालक अभियंता से जांच करवा कर जिला पदाधिकारी को इससे अवगत कराएंगे। पुल का निर्माण नगर परिषद द्वारा नहीं कराया जा सकता है, वह तो संबंधित विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग या पुल निर्माण विभाग के माध्यम से ही हो सकता है।”
कार्यपालक पदाधिकारी ने आगे कहा कि पुल की गुणवत्ता की संपूर्ण रूप से जांच कर निर्माण विभाग को मामले से अवगत कराया जाएगा और अगर पुल के निर्माण की आवश्यकता रही तो विभाग से जल्द पुल बनवाने की अपील करेंगे।
“यह शहर के अंदर का मामला है इसलिए शहर की सुरक्षा की दृष्टि से नगर परिषद के माध्यम से भी संज्ञान लिया जाता है। यदि पुल क्षतिग्रस्त स्थिति में है और निकट भविष्य में उसको कोई खतरा हो सकता है तो ऐसे में अपनी तकनीकी टीम से जांच कराकर जिला पदाधिकारी के माध्यम से सम्बंधित विभाग से इस काम को कराने का आग्रह करेंगे,” प्रवीण बोले।
रमज़ान पुल का ऐतिहासिक महत्व
रमज़ान नदी, किशनगंज शहर के बीच से गुजरने वाली एक प्रसिद्ध नदी है। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, 2005 में पुल की नए रूप से ढलाई की गई थी। हालांकि, पुल का पाया सदियों पुराना बताया जाता है। स्थानीय दुकानदार मोहम्मद सिब्तैन की मानें, तो रमज़ान पुल के पिलर राजा अहमद रज़ा के ज़माने में बनाया गया था।
सालों पहले यहां काठ का पुल हुआ करता था। बाद में ढलाई कर पुल को पक्का किया गया। पुल के पिलर में लाल खुरदरी मिट्टी वाली पतली ईंटों का प्रयोग किया गया है। ठीक इसी तरह की ईंटों का प्रयोग किशनगंज के खगड़ा नवाब और क़ुतुबगंज हाट के राजा असग़र रज़ा खान बहादुर के महलों में भी हुआ है।
तब ‘आलमगंज’ में हुआ करता था रमज़ान पुल
कहा जाता है कि किशनगंज के नवाब फखरुद्दीन के जीवनकाल में, एक हिन्दू संत ने किशनगंज का दौरा किया था। उस समय, किशनगंज का नाम आलमगंज था। संत को जब पता चला कि इस स्थान का नाम आलमगंज है, और यहां से बहने वाली नदी रमज़ान कहलाती है और जमींदार का नाम फखरुद्दीन है, तो उन्होंने इस शहर में रहने से इंकार कर दिया। इसके बाद, नवाब फखरुद्दीन ने किशनगंज गुदरी से रमज़ान पुल तक के क्षेत्र को “कृष्णाकुंज” का नाम दिया, जो बाद में “किशनगंज” के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इस प्रकार इस शहर का नाम आलमगंज से किशनगंज में परिवर्तित हो गया।
शहर का सबसे व्यस्त पुल
रमज़ान पुल किशनगंज शहर के पश्चिमी भाग को पूर्वी भाग से जोड़ता है। रोज़ाना इस पर तीन पहिया, चार पहिया वाहन सहित स्कूल की बसें गुज़रती हैं। साथ ही बाइक और रिक्शा से आनेजाने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है। यह पुल शहर का सबसे व्यस्त पुल है। हाल के सालों में पुल की दोनों तरफ लोहे की रेलिंग लगाई गई थी, जो टूट चुकी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बरसात के दिनों में रमजान नदी का जलस्तर सड़क की सतह के काफी करीब आ जाता है जिससे पुल के पिलरों में नुकसान अधिक होता है। 2017 में आई बाढ़ में भी पुल को क्षति पहुंची थी। बाढ़ के बाद कई जगह नई रेलिंग लगाई गई थी, लेकिन अब वह भी टूटने लगी है।
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