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“पेट में दाना होगा, तब न खटेंगे”, सहरसा में सफाई कर्मियों की हड़ताल, वेतन बढ़ाने की मांग

सफाई कर्मी और बिहार राज्य निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि रामचंद्र मलिक ने बताया कि चार महीने पहले नौ सूत्री मांग को लेकर मेयर और उप नगर आयुक्त से कर्मचारी संघ ने बात की थी। बातचीत में 9 में से 4 मांगों को जल्द लागू करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
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saharsa nagar nigam sanitary workers protests

बिहार के सहरसा में सफाई कर्मी वेतन में बढ़ोतरी सहित 9 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। हड़ताल पर गए सफाई कर्मियों ने सहरसा नगर निगम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उनका वेतन 8,600 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये किया जाए और कर्मचारी प्रोविडेंट फंड और कर्मचारी राज्य बीमा भी लागू किया जाए।


सफाई कर्मी और बिहार राज्य निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि रामचंद्र मलिक ने बताया कि चार महीने पहले नौ सूत्री मांग को लेकर मेयर और उप नगर आयुक्त से कर्मचारी संघ ने बात की थी। बातचीत में 9 में से 4 मांगों को जल्द लागू करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

आगे उन्होंने कहा कि समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए और आउटसोर्सिंग सफाई कर्मी को दैनिक सफाई कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए। जब तक ये सारी मांगें पूरी नहीं की जातीं, कर्मचारी हड़ताल पर ही रहेंगे।


सफाई कर्मी अमर कुमार मलिक ने कहा कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सफाई कर्मियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब सरकार बदल चुकी है। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो सफाई कर्मी यूं ही हड़ताल पर रहेंगे और ऐसे में महामारी फैलती है, तो उसके ज़िम्मेदार मुख्यमंत्री ही होंगे।

प्रदर्शन कर रही महिल सफाई कर्मियों ने कहा कि वेतन इतना कम है कि परिवार का भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई लिखाई में बहुत दिक्कतें आती हैं। शान्ति देवी ने कहा कि वेतन कम तो है ही, ऊपर से देर से दिया जाता है। जब खाने को खाना ही नहीं होगा तो सफाई कर्मी काम कैसे करेंगे।

एक और सफाई कर्मी फूलो देवी कहती हैं कि उनके कुछ रिश्तेदार सुपौल जिले में सफाई कर्मी हैं जहां उन्हें हर महीने 14,000 रुपये वेतन के तौर पर मिलते हैं लेकिन सहरसा के सफाई कर्मियों को आठ हज़ार ही दिया जा रहा है। वहीं रूबी देवी ने कहा कि सफाई कर्मियों को वेतन कम तो मिलता ही है साथ साथ उन्हें अपने वार्ड के अलावा दूसरे वार्ड में भी काम करने को कहा जाता है। घर में किसी आपातकाल स्थिति के कारण छुट्टी लेने पर भी पैसे काट लिए जाते हैं।

प्रदर्शन में पहुंची कुछ महिला सफाई कर्मी इस बात से नाराज़ थीं कि काम पर जाने से पहले उन्हें तस्वीर खिंचवाने को कहा जाता है जिससे अक्सर काम में देरी हो जाती है।

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इस मामले में हमने सहरसा नगर निगम की मेयर बैन प्रिया से कई बार संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया।

वहीं डिप्टी मेयर गुड्डू हयात ने फ़ोन पर कहा कि सफाई कर्मी हड़ताल पर क्यों चले गए हैं इसकी जानकारी ली जाएगी और उनकी बातें आगे तक पहुँचाई जाएगी।

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एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

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